Friday, June 13, 2025
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भैंस पर किया काला जादू, हाई-कोर्ट पहुंचा मामला

रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने भैंस पर काला जादू से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया. जानकारी के अनुसार पूरा मामला साहिबगंज जिले का है.जिले के एक गांव में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाते हुए कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की. साथ ही आरोपियों ने जादू को वापस नहीं लेने पर दंपति को पूरे गांव में निर्वस्त्र करके घुमाने की धमकी दी. अधिवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के छोटा भोराबाग गांव में रहने वाले कांग्रेस मुर्मू और उसकी पत्नी पर गांव के कुछ लोगों ने भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया था. आरोप में कहा था कि दंपति द्वारा किए गए जादू के कारण भैंस के थनों से खून बहने लगा और उसने दूध देना कम कर दिया. इसी मामले को लेकर गांव वालो ने दंपति के साथ मारपीट की.

मारपीट को लेकर आरोपियों ने उच्च न्यायलय के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिसे जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव स्वीकार कर ली. निचली अदालत द्वारा याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका को मई में खारिज कर दिया था. जिसके बाद आरोपियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी. जिस भैंस पर काला जादू किया गया था वो इनमें से एक आरोपी माणिक साहा की है. कांग्रेस मुर्मू ने FIR में कहा था कि 12 मार्च को उसके घर में घुसे और उन्होंने उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया, लेकिन जब महिला ने इन आरोपों को खारिज किया तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया और बीच-बचाव की कोशिश करने पर उसके पति को जान से मारने की कोशिश की. आरोपियों ने महिला को ‘‘काला-जादू वापस नहीं लेने पर निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने’’ की भी धमकी दी. प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता और जादू टोना प्रथा निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई. प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों ने राजमहल में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे 27 मई को खारिज कर दिया गया था.

जीरो शैडो डे से जुड़ा ये फैक्ट आपको जरुर पढ़ना चाहिए…

भारत में 18 अगस्त 2023 को किसी भी चीज की परछाईं नहीं दिखेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि 18 अगस्त को जीरो शैडो डे बताया जा रहा है. वैज्ञानिको के अनुसार जीरो शैडो डे एक खगोलीय घटना है जो तब घटित होती है जब सूर्य ठीक सिर पर होता है. यह दुर्लभ घटना साल में दो बार ही घटित होती है. साल 2023 में यह घटना पहली बार अप्रैल में घटित हो चुकी है और अब वैज्ञानिको ने इस घटना को आगामी अगस्त माह में घटित होने की संभावना बताई गई है.

सिर के ऊपर सूर्य कब आता है…

पृथ्वी के कुछ क्षेत्रों में जब पृथ्वी की घूमने की स्थिति के झुकाव के कारण बनती है. पृथ्वी, सूर्य के परिक्रमा तल के लंबवत होने की बजाय उससे 23.5 डिग्री तक झुकी होती है. इसी वजह से हर दिन दोपहर में सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर नहीं आ पाता है. लेकिन, कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान पर पृथ्वी पर साल में दो बार ऐसा होता है, जब पृथ्वी पर सूरज की रोशनी एकदम संभवत पड़ती है. ऐसी स्थिति में सूर्य सिर के ऊपर आ जाता है. साल 2022 में 21 जून को दोपहर के 12 बजकर 28 मिनट पर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन में जीरो शैडो डे की घटना को देखा गया था. साल 2023 में साल 2023 के अप्रेल महीने में 25 तारीख को मंगलवार के दिन बेंगलुरु में इस घटना का देखा गया था.

साल 2023 में दूसरा बार कब होगा Zero Shadow Day

बताया जा रहा कि साल 2023 में दूसरा Zero Shadow Day अगस्त माह में होने वाला है. सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार साल का दूसरा जीरो शैडो डे आज 03 अगस्त को हैदराबाद में 12.23 PM बजे होने वाला था. जिसको लेकर हैदराबाद के तारामंडल में तैयारियां भी की गई. वहां के विज्ञान विभाग ने इस घटना की पुष्टि की गई. माइक्रोब्लॉगिंग साईट ट्विटर पर इससे जुड़ी पोस्ट भी शेयर हो रही है.

निष्कर्ष: फिलहाल यह निष्कर्ष निकला कि 3 अगस्त को हैदराबाद में दोपहर 12:23 बजे  Zero Shadow Day  नामक दुर्लभ खगोलीय घटना देखी गई। शहर में इससे पहले इस साल 9 मई को इस घटना का अनुभव हो चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीरो शैडो डे साल में दो बार होता है.

मोदी सरकार का कड़ा फैसला, अब मेक इन इंडिया के तहत

नयी दिल्ली। भारत सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (USFF) कंप्यूटर और सर्वेर के आयात पर ‘अंकुश’ लगा दिया है. भारत सरकार के इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी.

केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में बताया गया कि अब लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर बैन (Laptops-Computers Import Ban) लग गया है. इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से सूचना भी दी गई है.  DGFT के मुताबिक, इन प्रतिबंधित आइटम्स के आयात के लिए वैध लाइसेंस के तहत अनुमति दी जाएगी. भारत सरकार हमेशा स्वदेशी नीति पर काम कर रही है. सरकार की मेक इन इंडिया पहल के बीच लिया गया ये एक बड़ा निर्णय है. 

देश में Make In India पर जोर दिया जा रहा है. जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि प्रतिबंध समय-समय पर संशोधित बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा. दरअसल, भारतीय सीमा में प्रवेश करने या देश से बाहर जाने वाले प्रत्येक यात्री को सीमा शुल्क के तहत गुजरना पड़ता है. मेक इन इंडिया मुहिम के बीच में सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चर्स के साथ ही ऐसी विदेशी कंपनियों को भी फायदा होगा, जो देश में यूनिट लगातार प्रोडक्शन कर लोकल सप्लाई और दूसरे देशों को ये सामान निर्यात कर रहे हैं. इसके अलावा इस कदम का असर इंडियन इकोनॉमी पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रेड डेफिसिट में कमी आएगी.

अयोध्या में बनेंगे कैफेटेरिया

उत्तर प्रदेश। अयोध्या को अत्याधुनिक शहर बनाने की दिशा में लिये गये निर्णय के तहत राम जन्मभूमि के आसपास के घरों की छतों पर कैफेटेरिया विकसित किए जाएंगे। अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने गुरुवार को बताया कि मंदिर स्थल के आसपास के क्षेत्रों को ऐतिहासिक महत्व वाले चिह्नों से सजाया जाएगा और जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ पर आसपास के घरों की छतों पर कैफेटेरिया विकसित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) इच्छुक मकान मालिकों को एजेंसियों के साथ एक संविदात्मक व्यवस्था के माध्यम से अपने घरों का सर्वेक्षण कराने और छत पर कैफेटेरिया बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। दयाल ने कहा एडीए पैनल के माध्यम से आवश्यक अनुमतियां और संबंधित प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा। अयोध्या आने वाले भक्त राम जन्मभूमि के आसपास के मकानों की छतों पर बनने वाले कैफेटेरिया अथवा खुले आसमान वाले रेस्तरां के जरिये श्री राम मंदिर का मनमोहक नजारा देख सकेंगे।

उन्होंने बताया कि भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ-साथ अयोध्या को उसकी पौराणिक महिमा के अनुरूप सजाया भी जा रहा है। साथ ही अयोध्या में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। राम मंदिर संभवत: अगले साल जनवरी में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

जयराम रमेश ने इस विधेयक को बताया खतरनाक

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 को संसद की मंजूरी मिलने की पृष्ठभूमि में गुरुवार को कहा कि इस खतरनाक विधेयक को पारित कराने वाली पार्टियों और सरकार से सवाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने बुधवार को इस विधेयक को पारित कराए जाने के समय राज्यसभा की कार्यवाही से दूरी बनाई क्योंकि मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और इसके बाद चर्चा कराने की जायज मांग को रोजाना अस्वीकार किया जा रहा है और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

संसद ने बुधवार को वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी जिसका मकसद वनों के संरक्षण के साथ ही विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना और लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। राज्यसभा ने बुधवार को विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने ट्वीट किया कई पर्यावरणविदों, जो किसी भी तरह से भक्त नहीं हैं, ने कल राज्यसभा में वन (संरक्षण) अधिनियम,1980 में संशोधन पर चर्चा के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष की आलोचना की है।

उनका कहना है मैं स्पष्ट कर दूं कि बहिष्कार का निर्णय इंडिया गठबंधन के 26 सामूहिक दलों का सामूहिक निर्णय था क्योंकि मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री के बयान और इस पर चर्चा कराने की हमारी जायज मांग को रोजाना अस्वीकार किया जा रहा है और विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। रमेश ने दावा किया मैं जिस स्थायी समिति की अध्यक्षता कर रहा था, उसके पास यह विधेयक नहीं भेजा गया था। इसे एक विशेष संयुक्त समिति के पास भेजा गया जिसने विधेयक पर बस मुहर लगाने का काम किया। यह सब पूरी तरह से विधायी प्रक्रिया का मखौल उड़ाना था।

उन्होंने कहा मैं संशोधनों के खिलाफ बार-बार बोला हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह बहुत व्यापक राजनीतिक स्तर की है। कभी-कभी, किसी बड़े मुद्दे पर वैध और सैद्धांतिक रुख का किसी विशिष्ट मुद्दे पर असर पड़ सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा इस सरकार और यहां तक ​​कि अन्य पार्टियों से भी सवाल पूछे जाने चाहिए जिन्होंने इस खतरनाक विधेयक पर मुहर लगाई। यह पर्यावरण और आदिवासियों और वनवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक लंबा संघर्ष होगा और इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि विपक्ष इस मुद्दे पर कहां खड़ा है।

राजेंद्र गुढ़ा पर पुलिस का शिंकजा ! पॉक्सो एक्ट में बंगले पर छापा

जयपुर। पिछले दिनों बयानबाजी को लेकर अपनी सरकार पर सवाल खड़े करने वाले राजस्थान सरकार के पूर्व राज्यमंत्री  और उदयपुर वाटी क विधायक राजेंद्र गुढ़ा पर पुलिस का शिंकजा कस चुका है. आज सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनिट पर जोधपुर पुलिस ने विधायक गुढ़ा के बंगले पर छापा मारा. बताया जा रहा है कि यह मामला दिनांक 02072023 का है. जानकारी में सामने आया है कि पीपाड़ थानाधिकारी ने यहां छापा मारा है. हालाकिं राजेंद्र गुढ़ा पहले ही इस बंगले को खाली कर चुकी है. सूत्रो के हवाले से खबर आ रही है कि यह मामला गुढा के किसी परिचित का है.

मामले को लेकर जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पीपाड़ पुलिस सिर्फ मामले में मौका मुआयना करने गई थी. मामले में 2 आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है सूत्रो के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि मामले में दुष्कर्म पीडिता को विधायक राजेंद्र के घर पर रखा गया था.

दरअसल पिछले करीब एक महीने से विधायक राजेंद्र गुढा ने अपनी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रखा है. राजेंद्र गुढ़ा पहले महिला सुरक्षा को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में अपनी सरकार और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. इसको लेकर सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से अनुशंसा की उसके बाद राज्यपाल मिश्र ने गुढा मंत्री मंडल से बर्खास्त कर दिया.  फिर गुढ़ा ने प्रेस-वार्ता कर सीएम गहलोत पर सीधा निशाना साधा. गुढ़ा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत की सरकार भ्रष्टाचार पर टिकी हुई है. और इस सरकार के सारे काले कारनामों का काला चिठ्ठा उनके पास लाल ड़ायरी में मौजूद है. इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में लाल ड़ायरी से माहौल गर्म हो गया. विधामसभा से भी गुढ़ा को सदन से निलंबित कर दिया.

बुधवार को फिर से गुढा ने प्रेस-कांफ्रेस कर लाल ड़ायरी के 3 पेज खोले और मीडिया को बताया कि यह तो अभी ट्रेलर ही है. ड़ायरी पर सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को आड़े हाथ लिया. और साथ में यह भी कहा था कि सीएम गहलोत मुझे फर्जी केस में फसाना चाह रहे है.

फिलहाल इस पुलिस कार्रवाई को गुढा के इस बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है. पुलिस कार्रवाई में जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेस कर सवालों के जबाव दिए. जोधपुर के पीपाड़ थाना पुलिस दो आरोपियों को लेकर मौका तस्दीक करने के लिए राजेन्द्र गुढ़ा के जयपुर आवास पर पहुंची. जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि राजेन्द्र गुढ़ा का इस मामले से कोई सम्बन्ध नहीं हैं. पोक्सो एक्ट के दो आरोपी को मौका तस्दीक के लिए लाया गया हैं. दुष्कर्म की पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी उसे गुढ़ा के आवास के रैन-बसेरे में ले गए थे. इस आरोप की जांच करने के लिए आरोपियों को तस्दीक के लिए गुढ़ा के आवास पर लाए थे. इस कार्रवाई से जयपुर में हड़कंप मच गया.

ज्ञानवापी मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष को झटका, याचिका हुई खारिज

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया है. अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. इस पर उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण का आदेश पारित करते हुए कहा कि एएसआई के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा, लेकिन उसने साथ ही कहा कि सर्वेक्षण के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं की जानी चाहिए.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि विवादित परिसर के सर्वेक्षण को लेकर जिला अदालत का आदेश उचित है और इस अदालत द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वांछित नहीं है.उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं को बताया कि उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है.

उच्च न्यायालय ने कहा है कि उसके इस निर्णय के साथ जिला अदालत का सर्वेक्षण का आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है. जैन ने इसे ‘‘बहुत महत्वपूर्ण निर्णय’’ बताते हुए कहा कि अंजुमन इंतेजामिया ने दलील दी थी कि इस सर्वेक्षण से ढांचा प्रभावित होगा, लेकिन अदालत ने उन सारी दलीलों को खारिज कर दिया है. जैन ने बताया कि अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया की याचिका खारिज कर दी है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व अंजुमन इंतेजामिया की दलील थी कि उसे उच्च न्यायालय जाने का मौका नहीं मिला, इसलिए अदालत ने उसकी दलीलों पर सुनवाई की. जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर जिला अदालत का निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. इससे पूर्व, मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने निर्णय आने तक एएसआई के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी.

गौ माता का 4 घंटे चला ऑपरेशन, फिर क्या हुआ जानें…

ओडिशा। ओडिशा के बरहामपुर में एक सरकारी पशु चिकित्सालय के चिकित्सकों ने एक गाय के पेट से लगभग 30 किलोग्राम प्लास्टिक की थैलियां निकाली हैं। गंजम के मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी मनोज कुमार साहू ने बताया कि गाय के पेट से प्लास्टिक निकालने के लिए सत्य नारायण कार के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों के एक दल को 4 घंटे तक ऑपरेशन करना पड़ा।

यह आवारा गाय लोगों द्वारा प्लास्टिक की थैलियों में फेंके गए बचे हुए भोजन को खाती थी। इसी वजह से उसके पेट में प्लास्टिक की थैलियां जमा हो गयी और उसकी आंतों पर असर पड़ने लगा।

नारायण कार ने बताया कि अगर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता तो उसकी मौत भी हो सकती थी। 10 वर्ष की आयु वाली इस गाय की हालत अब स्थिर है और वह एक सप्ताह तक चिकित्सकों की निगरानी में रहेगी। पिछले साल भी अस्पताल के चिकित्सकों ने इसी तरह एक गाय के पेट से करीब 15 किग्रा प्लास्टिक की थैलियां निकाली थीं।

Bhilwara Gangrape : 14 साल की नाबालिग को गैंग रेप के बाद भट्टी में जलाया

भीलवाड़ा- जिले के कोटड़ी थाना क्षेत्र से गैंगरेप का मामला सामने आया है पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के भीलवाड़ा में 14 साल की नाबालिग को कालबेलिया समाज के 3 लोगो द्वार गैंगरेप किया गया, उसके बाद नाबालिग को कोयला भट्‌टी में डालकर जला दिया. घटना जिले के कोटडी गांव में बुधवार रात 10 बजे की है. घटना की जानकारी मिलने के बाद 4 थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में भी लिया गया है.

नाबालिग बुधवार सुबह 8 बजे बकरियां चराने के लिए घर से निकली थी.लेकिने देर शाम तक घर नही आने पर भाई ने तलाश शुरु कर दी. गांव में सभी रिश्तेदारों के घर व खेत पर ढूंढने पर भी बहन नही मिली. परिवार व गांव के लोगों ने रात करीब 8 बजे फिर से बालिका की तलाश की. इसी  दौरान गांव वालो ने देखा कि रात 10 बजे के करीब कालबेलियों के डेरे में कोयला बनाने की एक भट्‌टी से आग निकल रही थी. लेकिन बारिश के समय ज्यादातर भट्टी नही जलाई जाती. इस बात पर ग्रामीणों को शक हुआ. शक होने के बाद ग्रामीणों ने भट्‌टी के पास जाकर देखा. तो वहां लापता बहन के जूते मिले. साथ ही आग में बहन का पहना हुआ चांदी का कड़ा और हड्‌डी के टुकड़े भी मिले. ग्रामीणों ने रात में ही कुछ कालबेलिया लोगों को पकड़ लिया था. इन्हें पुलिस थाने ले गई है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने गैंगरेप व जलाने की बात कबूली. वारदात के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. मौके पर देर रात 4 थानों के पुलिस अधिकारी पहुंचे. पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रात को ही मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया. गुरुवार सुबह एक बार फिर से सभी अधिकारी और जांच टीमें मौके पर पहुंच गई है और क्षेत्र की बारीकी से जांच कर रही है.

गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशाध्यक्ष कालूलाल गुर्जर व जिलाध्यक्ष शंकरलाल गुर्जर बड़ी संख्या में समाज के लोगों के साथ मौके पर पहुंचे है. मौके पर जिला कलेक्टर और SP को बुलाने की मांग की जा रही है. कोटड़ी थाना प्रभारी खिंवराज गुर्जर ने बताया कि नृसिंगपुरा गांव की 14 साल की नाबालिग को कोयला भट्‌टी में जलाने की शिकायत उसके परिजनों ने की है. पुलिस ने त्वरिक कार्रवाई करते हुए मामले के चारों मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया है. जिनको न्यायलय में पेश किया जाएगा.

Justin Trudeau : 2005 से 2023 तक का साथ…

टोरंटो। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो और उनकी पत्नी सोफी ग्रेगोइरे ट्रुडो ने शादी के 18 साल बाद अलग होने की बुधवार को घोषणा की। दोनों ने इंस्टाग्राम पर बयान पोस्ट कर कहा कि उन्होंने कई सार्थक और कठिन बातचीत के बाद यह निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर जारी किए एक बयान में कहा गया कि दोनों ने अलग होने के लिए कानूनी समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। कनाडा के सबसे प्रसिद्ध राजनेताओं में से एक 51 वर्षीय ट्रुडो ने 2015 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। सोफी ट्रुडो एक पूर्व मॉडल और टीवी प्रस्तोता हैं। दोनों ने 2005 में शादी रचाई थी। उनके 3 बच्चे 15 वर्षीय जेवियर, 14 वर्षीय एला-ग्रेस और 9 वर्षीय हैड्रियन हैं।

दोनों ने इंस्टाग्राम पर कहा हमेशा की तरह हम एक-दूसरे के प्रति गहरे प्यार और सम्मान के साथ एक परिवार के रूप में रहेंगे और हमने जो कुछ भी मिलकर बनाया है, उसे बनाना जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यालय ने उनकी गोपनीयता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। पद पर रहते हुए पत्नी से अलग होने की घोषणा करने वाले ट्रुडो दूसरे प्रधानमंत्री हैं। उनके पिता पियरे ट्रुडो 1979 में अपनी पत्नी मार्गरेट से अलग हो गए थे और 1984 में दोनों का तलाक हो गया था। उस समय पियरे ट्रुडो प्रधानमंत्री पद पर थे।

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