Wednesday, April 30, 2025
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कपड़ा बाजार में लगी भीषण आग

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के मंगला हाट में शुक्रवार तड़के भीषण आग लग गई। मंगला हाट पूर्वी भारत में सबसे बड़े कपड़ा बाजारों में से एक है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

बाजार में कपड़ों का कारोबार होता है और यहां कई थोक और खुदरा कपड़े की दुकानें हैं जो आग में जल गई।

पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आग कैसे लगी। शुरू में दमकल की 12 गाड़ियों को घटनास्थल भेजा गया था। लेकिन बाद में आग बुझाने के लिए दमकल की 6 और गाड़ियों को भेजा गया।’’

दमकल विभाग के अधिकारी ने कहा कि आग पर लगभग काबू पा लिया गया है। आग से लाखों रुपये की क्षति होने का अनुमान है। हावड़ा थाना मंगला हाट के निकट है। पुलिसकर्मियों ने देर रात करीब 1 बजे आग की लपटें देखकर दमकल विभाग को सूचित किया था। आग तेजी से फैल गई क्योंकि दुकानें बांस और लकड़ी की बनी थी और वहां बड़ी मात्रा में कपड़े थे। दमकल विभाग के अधिकारी ने कहा कि आग करीब 5,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैल गई।

हावड़ा रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कारोबारी घटनास्थल पहुंचे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके पुनर्वास की मांग की।

एक कारोबारी ने कहा, ‘‘इससे पहले 1987 में बाजार जलकर नष्ट हो गया था। हमें चीजों को फिर से जुटाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। एक बार फिर हमने काफी कुछ खो दिया है। मुख्यमंत्री को मामले में दखल देना चाहिए।’’

जयपुर में कांपी धरती, देखें लाइव वीडियो…

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई इलाकों में शुक्रवार अलसुबह 4.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, भूकंप से जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘आज सुबह जयपुर और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अब तक जान-माल की हानि का कोई भी अप्रिय समाचार प्राप्त नहीं हुआ है।’’

गहलोत के अनुसार, ‘‘अधिकारियों को विस्तृत अवलोकन करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी नजर स्थिति पर बनी हुई है। सभी की कुशलता की कामना व प्रार्थना करता हूं।’’

सुबह 4 बजकर 9 मिनट पर पहली बार 4.4 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया। इसके बाद सुबह 4 बजकर 22 मिनट पर 3.1 तीव्रता का भूकंप का दूसरा झटका और फिर सुबह 4 बजकर 25 मिनट पर 3.4 तीव्रता का भूकंप का तीसरा झटका महसूस किया गया।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, ‘‘सुबह 4 बजकर 25 मिनट पर 3.4 तीव्रता का भूकंप जयपुर में 10 किलोमीटर की गहराई में आया था।’’

जयपुर के कई हिस्सों में सुबह लगभग 4 बजे भूकंप के झटके महसूस होते ही घबराए लोग अपने-अपने घरों से निकल आए और रिश्तेदारों को फोन करने लगे। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप के बारे में बात की और कई लोगों ने घटना की तस्वीरें और वीडियो साझा किए।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया, ‘‘जयपुर सहित राज्य में कुछ जगहों पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। मुझे आशा है कि आप सभी सुरक्षित हैं।’’

आपको बता दें जयपुर सहित राजस्थान के अन्य जिलों में इससे पहले 21 मार्च और 24 जनवरी को भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान भी कंपन के डर से लोग घरों से बाहर आ गए थे। सीकर जिले में भी हाल ही भूंकप के झटकों ने डरा दिया था।

महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाले आरोपियों को मौत की सजा दिलाएंगे – CM एन बीरेन सिंह

मणिपुर । बुधवार को मणिपुर में हिसां के दौरान एक वीडिओ वायरल हुआ था । इस वीडियो में भीड़ द्वारा 2 महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया था । इस वीडियो के बाद देश सकते में आ गया था । जिसके बाद राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक हड़कंप मच गया था । अब इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है राज्य के मुखिया एन बीरेन सिंह ने कहा है कि सरकार सभी आरोपियों को मौत की सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। वहीं, आक्रोशित  भीड़ ने गुरुवार शाम को एक आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया।

यह घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई थी। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके ले जा रहे हैं और उनसे अश्लील हरकतें कर रहे हैं।

घटना के विरोध में गुरुवार सुबह मणिपुर के चुराचांदपुर में प्रदर्शन शुरू हो गया। हजारों लोगों ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

गहलोत सरकार ने किए 94 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे – डोटासरा

जयपुर। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को विपक्षी भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे चुनावी वर्ष में ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ रहे हैं और कांग्रेस सरकार सुशासन देने में सक्षम नहीं है।

डोटासरा ने दावा किया कि राज्य की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने अपने 94 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत पार्टी नेता कभी नोटबंदी, किसानों की आय दोगुनी करने, तीन कृषि कानून, भ्रष्टाचार खत्म करने के बारे में जवाब नहीं देते। भाजपा कभी भी अपने वादों के बारे में बात नहीं करती हैं और अनर्गल बयान देकर कांग्रेस और उसकी सरकारों को कोसने में लगे रहते हैं।

डोटासरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘विपक्षी भाजपा अब चुनावी वर्ष में एक माहौल बनाने की चेष्टा कर रही है और यह साबित करने का कुप्रयास कर रही है कि राजस्थान में अपराध बढ रहे हैं, भ्रष्टाचार बढ रहा है। राज्य की वर्तमान सरकार अच्छा शासन नहीं दे पा रही है। लेकिन वे अपने प्रयास में सफल नहीं होंगे।’ ‘मैं भाजपा नेताओं को चुनौती देना चाहता हूं कि वे केंद्र और पिछली राज्य सरकार के चुनाव घोषणापत्र की तुलना करें। भाजपा ने 2014 और 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उनमें से नौ प्रतिशत वादे भी आज तक पूरे नहीं हुए जबकि राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अपने 94 प्रतिशत वादे पूरे किए हैं।’

डोटासरा ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने में राजस्थान के अव्वल रहने का दावा करते हुए कहा 2019 से 2023 के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा 1935 भ्रष्ट नौकरशाहों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

उन्होंने कहा कि भाजपा को पेपर लीक की बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि यही वह पार्टी है जिसने राज्य में गिरोह को पनपाया। उन्होंने दावा किया कि दूसरी ओर, कांग्रेस सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया और जल्द ही भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल लोगों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान करने वाला कानून लाने जा रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाकर राजस्थान की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, अगर भ्रष्टाचार हुआ तो जांच के आदेश क्यों नहीं दिये गये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को उद्योगों की तरह किसानों का कर्ज भी माफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों से लिया गया कर्ज माफ कर दिया है।

अगर राहुल गांधी दौरा कर सकते है तो पीएम क्यों नहीं ? तेजस्वी यादव

पटना । बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मणिपुर की घटना की निंदा करते हुए और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री पर प्रहार करते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी इस राज्य का दौरा कर सकते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं कर सकते।

पीएम मोदी से तेजस्वी यादव के सवाल

तेजस्वी ने यहां पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘मणिपुर में जो घटना हुई है वह बेहद निंदनीय है। यह शर्मनाक है कि उच्चतम न्यायालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने चुप्पी साध रखी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री कहां हैं, उन्होंने अब तक राज्य का दौरा क्यों नहीं किया? उन्होंने मणिपुर पर अब तक चुप्पी क्यों साध रखी? अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर का दौरा कर सकते हैं तो प्रधानमंत्री क्यों नहीं जा सकते?’’

प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं किया हस्तक्षेप

मणिपुर में सेनापति जिले के एक गांव में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ किए की चार मई की घटना का एक वीडियो सामने आया है। तेजस्वी ने कहा, ‘‘मणिपुर जल रहा है। निर्दोष बच्चे मारे जा रहे हैं । किसानों, नागरिकों की पीट-पीट कर हत्या की जा रही है, महिलाओं को पीटा या जिंदा जला दिया गया, लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और उन्हें नग्न घुमाया गया, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया, एक समुदाय दूसरे समुदाय पर हमला कर रहे हैं, दंगाई खुलेआम राइफल लहरा रहे हैं, विपक्षी नेताओं और सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया जा रहा है।.प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं हस्तक्षेप किया ?’’

उच्चतम न्यायालय चीतों की मौत से चिंतित

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कूनो राष्ट्रीय उद्यान (मध्य प्रदेश) में लाये गए चीतों में से 40 प्रतिशत की एक साल से भी कम समय में मौत हो जाना सही तस्वीर पेश नहीं करता। साथ ही, केंद्र से इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाने और इस वन्य जीव को अन्य अभयारण्यों में भेजने की संभावना तलाशने को कहा।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने चीतों की मौत पर चिंता जताई और इसके (मौत के) कारणों और इसके निवारण के लिए किये गये उपायों की विस्तार से जानकारी देते हुए केंद्र से एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा। न्यायालय ने कहा, ‘‘समस्या क्या है? क्या यहां की जलवायु उनके अनुकूल नहीं है या कोई और कारण है। 20 चीतों में से 8 की मौत हो चुकी है। पिछले हफ्ते 2 मौतें हुई। आप उन्हें अन्य अभयारण्यों में भेजने की संभावना क्यों नहीं तलाशते? आप इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा क्यों बना रहे हैं?’’

पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रही अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, ‘‘कृपया कुछ सकारात्मक कदम उठाएं। राज्य या सरकार द्वारा उन्हें एक स्थान पर रखने के बजाय आपको उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने की संभावना तलाशनी चाहिए।’’

भाटी ने कहा कि केंद्र चीतों की मौत के कारणों की विस्तार से जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने वाला है और उन्होंने प्रत्येक चीते की मौत से जुड़ी परिस्थितियों का वर्णन करते हुए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगी।

उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी इन्हें अन्य अभयारण्यों में भेजने सहित सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। भाटी ने न्यायालय से कहा, ‘‘आठ चीतों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसकी आशंका थी। इन मौतों के पीछे कई कारण हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक प्रतिष्ठित परियोजना है तथा अधिकारी भविष्य में और चीतों की मौत टालने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। पीठ ने भाटी की दलीलों पर कहा, ‘‘यदि यह परियोजना देश के लिए इतनी ही प्रतिष्ठित है तो एक साल से भी कम समय में 40 प्रतिशत से अधिक चीतों की मौत हो जाना सही तस्वीर पेश नहीं करता।’’

वरिष्ठ अधिवक्ता पी सी सेन ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की मौत रोकने के विषय पर विशेषज्ञों के कुछ सुझाव पेश किये।

पीठ ने सेन से कहा कि वह भाटी को सुझाव दें और उनसे 28-29 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहें, तथा विषय की सुनवाई एक अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दी।

दक्षिण अफ्रीका से लाये गए सूरज नाम के एक नर चीते की 14 जुलाई को मौत हो जाने के साथ इस साल मार्च से श्योपुर जिले में मरने वाले चीतों की कुल संख्या बढ़ कर आठ हो गई।

Jan Samman Jai Rajasthan –  नागौर की सुमन कुमारी ने जीता 1 लाख का इनाम , इस योजना की बनाई थी वीडिओ

जयपुर। जन सम्मान वीडियो कांटेस्ट से प्रदेश की सभी महत़्वपूर्ण जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक लगातार पहुंच रही है। राज्य सरकार आमजन को जागरूक करने का संकल्प पूरा कर रही है। जन सम्मान वीडियो कांटेस्ट के प्रति लोगों में भी खासा उत्साह है। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, सफलता की कहानियों और स्वयं लाभार्थी अपना वीडियो बनाकर प्रतिदिन लाखों रुपए की ईनाम राशि जीत रहे हैं।

20 वर्षीय सुमन ने जीती 1 लाख रुपए की राशि

नागौर की 20 वर्षीय सुमन कुमारी बरवार ने प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये जीते। दो सोशल मीडिया हैंडल पर #JanSammanJaiRajasthan के साथ उन्होंने अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना पर आधारित अपना वीडियो पोस्ट किया था।

दूसरे स्थान पर प्रतापगढ़ का रहा दबदबा

दूसरे स्थान पर छोटी सादड़ी, प्रतापगढ़ की जननी बाई रहीं। जननी बाई को महंगाई राहत कैंपों में राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला और उस पर आधारित वीडियो बनाकर उन्होंने 50 हजार रूपये की इनाम राशि प्राप्त की इसी प्रकार छीपाबड़ौद, बारां के धर्म राज मीना ने महंगाई राहत कैंप में मिल रही राहत पर आधारित वीडियो बनाकर 25 हजार की ईनाम राशि जीत कर तीसरा स्थान प्राप्त किया । साथ ही 100 प्रदेश वासियों को 1000 रूपये का प्रेरणा पुरस्कार भी मिला ।

‘सुप्रीम’ सवाल के बाद गृह मंत्री अमित शाह तैयार , लोकसभा मे देंगे जवाब ।

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथो  मे ले लिया है बुधवार को मणिपुर से एक वीडिओ वायरल हुआ इस वीडिओ में भीड़ के द्वारा 2 महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है इस वीडिओ के वायरल होने के बाद तमाम विपक्षी दलो ने केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है …

सुप्रीम कोर्ट का सुप्रीम सवाल

बुधवार को जैसे ही मणिपुर हिंसा का वीडिओ वाय़रल हुआ सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से सीधा सवाल पूछा है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार बताए कि दोनो ने इस मामले पर अब तक क्या कार्रवाई की है …

गृह मंत्री अमित शाह देगें जवाब

मणिपुर पर लोकसभा में चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा करते हुए नारेबाजी की। इस बीच सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन के अंदर विपक्षी दलों से सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा कि, सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। अध्यक्ष जब भी समय देंगे सरकार चर्चा के लिए तैयार है।

हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी सासंदो ने जोरदार हंगामा किया पीठासीन सभापति किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी भी लगातार सदन चलने देने की अपील करते रहे। लेकिन, सदन में नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने जरूरी कागज सदन के पटल पर रखवाने के बाद लोक सभा की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। लोक सभा की कार्यवाही को शुक्रवार, 21 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है.

Ahmedabad Car Accident: 9 को रौंद गया लग्जरी कार वाला शहजादा, जाने कैसे हुआ हादसा

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में तेज गति से आ रही एक कार बुधवार देर रात एक दुर्घटनास्थल पर खड़ी भीड़ में घुस गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के सैटेलाइट इलाके में सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग के इस्कॉन पुल पर दो वाहनों के बीच टक्कर होने के बाद लोगों की भीड़ एकत्र थी, तभी देर रात करीब एक बजे तेज गति से आ रही एक लग्जरी कार भीड़ में घुस गई जिससे नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य लोग घायल हो गए।

Ahmedabad: A damaged car after an accident in Ahmedabad,Thursday, July 20,2023. At least 9 dead, 13 injured in a major accident involving multiple vehicles at ISKCON flyover. (PTI Photo)(PTI07_20_2023_000003B)

पुलिस ने बताया कि दो वाहनों की टक्कर के बाद घटनास्थल पर पहुंचे एक कांस्टेबल और होम गार्ड का एक जवान भी कार के भीड़ में घुसने के कारण जान गंवाने वाले लोगों में शामिल हैं। सैटेलाइट पुलिस थाना निरीक्षक के.वाई. व्यास ने कहा, ‘‘देर रात करीब एक बजे एस.जी. राजमार्ग में इस्कॉन पुल पर एक वाहन (एसयूवी) एक ट्रक से टकरा गया था। हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय यातायात पुलिस और होम गार्ड का एक जवान यातायात नियंत्रित करने और स्थिति को संभालने के लिए मौके पर पहुंचे। कई अन्य लोग भी उत्सुकतावश यह देखने के लिए घटनास्थल पर एकत्र हो गए कि क्या हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब वे पुल पर खड़े थे, तभी तेज रफ्तार से आ रही एक जगुआर कार भीड़ में घुस गई, जिससे पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और चार लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में एक कांस्टेबल और होम गार्ड का एक जवान भी शामिल हैं। घायल हुए लगभग 10 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’ अधिकारी ने बताया कि कार चालक तथ्य पटेल को भी चोटें आई हैं और उसे भी एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुर्घटनास्थल पर खड़े लोगों ने कार चालक की पिटाई की, जिसका वीडियो पुल के नीचे खड़े एक व्यक्ति ने बना लिया। पुलिस उपायुक्त (यातायात) नीता देसाई ने बताया कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और पुलिस यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश करेगी कि पीड़ितों के परिजन को न्याय मिले।

देसाई ने सोला सिविल अस्पताल में कहा, ‘‘हादसे में नौ लोगों की मौत हुई और 10 से 11 लोग घायल हो गए। यह शराब पीकर गाड़ी चलाने का मामला नहीं लगता है, लेकिन हमारी प्राथमिक जांच में पता चला है कि जगुआर कार की गति अत्यधिक तेज थी। तथ्य पटेल का उपचार अभी जारी है, इसलिए हम चिकित्सकों से अनुमति मिलने के बाद ही उसे गिरफ्तार करेंगे।’’

**EDS: RPT CORRECTS ENTIRE CAPTION** Ahmedabad: Relatives wait at a hospital after a speeding luxury car ploughed into a crowd at an accident site on a flyover, in Ahmedabad, Thursday, July 20, 2023. At least 9 people were killed and 13 others suffered injuries in the incident, according to officials. (PTI Photo)(PTI07_20_2023_RPT006B)

सूत्रों ने बताया कि हादसे में हताहत हुए अधिकतर लोग अन्य शहरों के रहने वाले थे और यहां ‘पेइंग गेस्ट’ के रूप में रह रहे थे।

उन्होंने बताया कि पहले हादसे की सूचना मिलने के बाद वे उत्सुकतावश पुल पर गए थे और कुछ ही मिनटों बाद तेज रफ्तार कार कर्णावती क्लब की तरफ से आई और भीड़ पर चढ़ गई। मृतकों के माता-पिता और उनके परिवार के अन्य सदस्य सोला सिविल अस्पताल पहुंचे और उन्होंने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग की।

समुद्र की सतहों पर मिले पूर्वजों के निशान

लाखों वर्ष पहले रेत पर खींच दी पूर्वजों ने कई रेखाएं
शोध: रेत एक विशाल कैनवास

पोर्ट एलिजाबेथ। चार्ल्स हेल्म, नेल्सन मंडेला विश्वविद्यालय और एंड्रयू कैर, लीसेस्टर विश्वविद्यालय ने एक बड़ी ही सामान्य सी चीज खोज निकाली है। जिसे सुनकर हंसी भी छूटेगी, किंतु इसके मायने बड़े ही भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।
हम बात करें ‘रेत’ की। तब रेत पर चित्र उकेरने, या रेत की मूर्तियां बनाने वालों की कमी नहीं है, जैसा कि कई आधुनिक समुद्र तट या टीलों की सतह पर टहलने से पता चलेगा।
रेत एक विशाल कैनवास है और इसका उपयोग लोगों की समझ से कहीं अधिक लंबे समय से किया जा रहा है। जब लोग प्राचीन पुराकला के बारे में सोचते हैं, तो गुफा चित्र (चित्रलेख), चट्टान पर नक्काशी (पेट्रोग्लिफ़), पेड़ों पर चित्र (डेंड्रोग्लिफ़) या पैटर्न में चट्टानों की व्यवस्था (जियोग्लिफ़) उनके दिमाग में आ सकते हैं। हाल तक केवल यह अनुमान ही था कि सबसे पुरानी कला रेत पर रही होगी।

रेत पर अध्ययन करने वालों की सुनें तो—

क्रमशः, एक कशेरुकी इक्नोलॉजिस्ट हैं, जो कशेरुकी जीवों के जीवाश्म ट्रैक और निशानों का अध्ययन करते हैं, और एक भौतिक भूगोलवेत्ता हैं, जो तटीय परिदृश्यों के कामकाज और दीर्घकालिक विकास में रुचि रखते हैं।
हम उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने पिछले 15 वर्षों में दक्षिण अफ्रीका के केप दक्षिणी तट पर कशेरुक ट्रैकसाइट्स का अध्ययन किया है, जो 70,000 से 400,000 साल पहले प्लेइस्टोसिन युग के हैं। शोध के दौरान हमने महसूस किया कि न केवल हम होमिनिन और जानवरों के निशान की पहचान कर सकते हैं; हम अपने मानव पूर्वजों द्वारा रेत में बनाए गए पैटर्न को पहचानने में भी सक्षम थे। दूसरे शब्दों में कहें तो ‘पैलियो आर्ट’ का ये एक नया रूप है।

ऐसे होता है ‘अभिलेख का अध्ययन’

किसी भी पुरा-अभिलेख का अध्ययन करते समय एक महत्वपूर्ण चुनौती आती हैं। जैसे ट्रैकवे, जीवाश्म, या अन्य प्रकार की प्राचीन तलछट को देखकर यह निर्धारित करना कि यह सामग्री कितनी पुरानी है। अधिकतर अध्ययन में ‘ऑप्टिकली स्टिम्युलेटेड ल्यूमिनसेंस’ नामक डेटिंग पद्धति का उपयोग किया जाता हैं। इससे पता चलता है कि रेत के कणों को आखिरी बार सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के बाद कितना समय बीत चुका है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि प्राचीन टिब्बा सतहों के निर्माण के दौरान एओलियानाइट तलछट कब दबे हुए थे। यह देखते हुए कि इस अध्ययन में ट्रैक और निशान कैसे बने होंगे – गीली रेत पर बने निशान, जो नई उड़ती रेत के साथ तेजी से जमीन के नीचे दफन हो गए यह एक अच्छी विधि है क्योंकि हम काफी हद तक आश्वस्त हो सकते हैं कि डेटिंग ‘घड़ी’ लगभग उसी समय शुरू हुई थी जब ट्रैकवे और निशान बनाए गए थे।

निःसंदेह, हमें आधुनिक भित्तिचित्रों सहित, चट्टान में हमारे सामने आए पैटर्न को बाहर निकालने के लिए मेहनत करनी पड़ी। हम कुछ मामलों में दूसरों की तुलना में अधिक आत्मविश्वास के साथ इसे हासिल करने में सक्षम थे। हालांकि, स्पष्ट रूप से यदि हमारे पूर्वजों के निशान इन टीलों और समुद्र तट की सतहों पर संरक्षित किए जा सकते हैं, तो वे पैटर्न भी संरक्षित किए जा सकते हैं जो उन्होंने छड़ी या उंगली से बनाए होंगे।

गोल गड्ढों के साथ मानव के पैरों के निशान

इस पेपर के लिए हमने जिन चार साइटों को चुना, उनमें से दो में केवल वही था जिसे हम अम्मोग्लिफ़ मानते हैं – उन्हें किसने बनाया, इसका कोई संबद्ध ट्रैक साक्ष्य नहीं है।
अन्य दो में अम्मोग्लिफ्स के साथ घुटने के निशान या पदचिह्न थे। बाद के स्थलों में से एक पर कई रैखिक खांचे और छोटे गोल गड्ढों के साथ मानव के अगले पैरों के निशान पाए गए।

एक कलाकार: प्लीस्टोसीन पाइथागोरस
कलाकार शायद ‘‘प्लीस्टोसीन पाइथागोरस’’ होगा। यह चट्टान एक बहुत ही दुर्गम, ऊबड़-खाबड़ इलाके में पाई गई थी और उच्च ज्वार और तूफान के कारण नष्ट हो जानी थी। हम हेलीकॉप्टर द्वारा इसे सफलतापूर्वक बचाने में सक्षम रहे और इसे स्टिल बे में पुरातत्व के ब्लाम्बोस संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया।
दूसरी साइट लगभग 136,000 साल पहले की बताई गई थी, जिसमें आठ हजार साल कम या ज्यादा हो सकते हैं।
इसमें लगभग दो तिहाई गोलाकार नाली, एक केंद्रीय अवसाद और दो संभावित घुटने के निशान शामिल थे। वृत्त के किनारों पर चट्टान की सतह टूट गई थी। पूरी संभावना है कि मूल चक्र पूरा हो गया था। रेत का एक हिस्सा जो अन्य संभावित पुरापाषाण सतहों से गायब है, वह अगर होता तो उसके साथ उस पर एक बड़ा वृत्त उकेरा जा सकता है। उदाहरण के लिए कांटेदार छड़ के साथ।
निष्कर्ष ये निकलता है कि, जब हम अपने बच्चों और पोते-पोतियों को रेत में खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, और वे जब अपने पैटर्न बनाते हैं और रेत के महल बनाते हैं, तो वे एक ऐसी गतिविधि में लीन होते हैं जो प्राचीन काल तक फैली हुई है। कम से कम लगभग 140,000 वर्ष तक। कला का सृजन उन विशेषताओं में से एक है जो हमें इंसान बनाने में मदद करती है। यह जानते हुए कि हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले भी वैसा ही किया था। जैसा हम आज करते हैं।

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