Thursday, February 6, 2025
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PM तेलंगाना में करेंगे 6,100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत

हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार यानि 8 जुलाई को वारंगल में 6,100 करोड़ रुपये की कई अहम विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार यानि 7 जुलाई को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले प्रसिद्ध भद्रकाली मंदिर जाएंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस चुनावी राज्य में इस वर्ष यह तीसरी यात्रा है। इससे पहले वह जनवरी और अप्रैल माह में तेलंगाना आए थे।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राज्य इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ आज वारंगल रवाना हुए।

गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली रेलवे वैगन विनिर्माण इकाई, काजीपेट की आधारशिला भी रखेंगे। इस आधुनिक विनिर्माण इकाई में उन्नत वैगन निर्माण क्षमता होगी। इससे स्थानीय रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री की वारंगल यात्रा के मद्देनजर तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। बयान में कहा गया कि पुलिस महानिदेशक अंजनि कुमार ने वारंगल के आयुक्त और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुरक्षा इंतजामों पर समीक्षा बैठक की। कुमार ने कहा कि संबद्ध विभागों को समन्वय से काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कोई चूक नहीं हो।

वारंगल के पुलिस आयुक्त ए वी रंगनाथ ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया गया है, साथ ही मामुनूर, भद्रकाली मंदिर और आर्ट्स कॉलेज में कड़े सुरक्षा इंतेजाम किए गए हैं। रंगनाथ ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था में 3,500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यातायात परामर्श पहले ही जारी किया जा चुका है और वारंगल को 6 से 8 जुलाई तक उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।

Twitter ने Meta को दी धमकी

न्यूयॉर्क। माइक्रो ब्लॉगिंग मंच Twitter  ने फेसबुक का संचालन करने वाली कंपनी Meta के लिखित संदेश पर आधारित नए ऐप थ्रेड्स को लेकर उस पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।   

सेमाफोर के पास उपलब्ध एक पत्र के मुताबिक, Twitter  के एक वकील ने Meta के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को लिखे पत्र में Twitter  के कारोबारी रहस्यों का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल करने और बौद्धिक संपदा अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। Twitter  का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील एलेक्स स्पिरो ने बुधवार को लिखे इस पत्र में कहा है कि मेटा ने Twitter  के पूर्व कर्मचारियों को काम पर रखते हुए थ्रेड्स के रूप में एक ‘नकलची’ ऐप बनाया है।

स्पिरो ने कहा, इस मामले में Twitter  अपने बौद्धिक संपदा अधिकारों को लागू करने का इरादा रखती है। अन्याय से राहत पाने के लिए कंपनी दीवानी उपायों का इस्तेमाल करेगी। Twitter  के वकील ने जुकरबर्ग को लिखे पत्र को एक औपचारिक नोटिस बताते हुए कहा है कि संभावित कानूनी विवाद में यह प्रासंगिक दस्तावेज होगा। 

Meta ने बुधवार रात को संदेश आधारित ऐप थ्रेड्स को पेश किया था और कुछ घंटों में ही लाखों लोगों ने इसे डाउनलोड कर लिया। इस ऐप का विकास Meta की इंस्टाग्राम टीम ने किया है और इसे Twitter  की बादशाहत को एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। 

आपको बता दें Twitter  के वकील की तरफ से दी गई कानूनी कार्रवाई की धमकी पर Meta के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने कहा, थ्रेड्स के विकास से जुड़ी हुई टीम का कोई भी सदस्य ट्विटर का पूर्व कर्मचारी नहीं है। यह दावा सही नहीं है।  

इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए एसोसिएटेड प्रेस ने Twitter  और स्पिरो दोनों से संपर्क करने की कोशिश की। इस पर Twitter  ने बस एक इमोजी के साथ जवाबी ईमेल भेजा है। कंपनी आम तौर पर संवाददाताओं के ईमेल का यही स्वचालित जवाब देती है।

हालांकि Twitter  के मालिक एलन मस्क ने Meta पर कानूनी कार्रवाई की संभावना को लेकर कोई ट्वीट नहीं किया है लेकिन उन्होंने थ्रेड्स को पेश किए जाने पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। Twitter  की मुख्य कार्यपालक अधिकारी लिंडा याकारिनो ने बृहस्पतिवार को एक ट्वीट में कहा, हमारी अक्सर नकल की जाती है. लेकिन Twitter  समुदाय को कभी भी दोहराया नहीं जा सकता है।    

Meta के नए ऐप थ्रेड्स को लेकर निजी आंकड़ों से संबंधित कुछ चिंताएं भी जताई जा रही हैं। दुनिया के 100 से अधिक देशों में थ्रेड्स को पेश किया जा चुका है लेकिन यूरोपीय संघ ने अपने सख्त डेटा सुरक्षा नियमों की वजह से इसे अभी मंजूरी नहीं दी है।

बारिश से आसमान पर सब्जियों और मसालों के भाव, नहीं बढ़ेगी महंगाई

मुंबई। ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज का दावा है कि भारत में सब्जियों के दाम में तेजी और ईंधन की कीमतें स्थिर रहने के बावजूद खुदरा महंगाई दर जून में 4.26 प्रतिशत पर स्थिर रह सकती है। मई में यह 4.25 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य और ईंधन की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। बार्कलेज इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि टमाटर, आलू और प्याज के दाम में तेजी के साथ सब्जियों की कीमत हाल के सप्ताह में ऊंची बनी हुई है। बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में टमाटर की कीमत 140 रुपये किलो से भी ऊपर चली गयी है। बार्कलेज इंडिया के प्रमुख राहुल बजोरिया की अध्यक्षता में तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में स्थिर रहेगी। मई में 4.25 प्रतिशत के मुकाबले जून में इसके 4.26 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में मासिक आधार पर 0.53 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जो मई में 0.51 प्रतिशत था।

ये सामान हो सकता है महंगा

बार्कलेज के अनुसार, मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य और ईंधन को छोड़कर) जून में 5.17 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है जो मई में 5.15 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, कपड़ा और जूता-चप्पल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा, घरेलू सामान आदि के मामले में कीमत में वृद्धि जारी रह सकती है। लेकिन इसमें जो वृद्धि होगी, उसका कारण मौसमी, गर्मियों में टिकाऊ उपभोक्ता उपकरणों और मनोरंजन तथा आराम से जुड़े क्षेत्रों में मांग है।

कुछ राज्यों में बिजली दर बढ़ने की आशंका

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मासिक आधार पर गर्मी बढ़ने से टमाटर जैसे जल्दी खराब होने वाले जिंस के दाम बढ़े हैं। इसके अलावा टिकाऊ उपभोक्ता सामान और बिजली दरों में भी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सबके बावजूद खाद्य मुद्रास्फीति जून में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो मई में 3.3 प्रतिशत थी। ईंधन मुद्रास्फीति के बारे में बार्कलेज ने कहा कि उसे कर्नाटक जैसे राज्यों में बिजली दरों में कुछ कमी की उम्मीद है, लेकिन तमिलनाडु तथा दिल्ली में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बावजूद ईंधन मुद्रास्फीति के जून में घटकर 3.4 प्रतिशत रहने की संभावना है जो मई में 4.6 प्रतिशत थी।

CBI का पश्चिम बंगाल में जबरन धर्मांतरण को लेकर बड़ा एक्शन

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में जबरन धर्मांतरण के 7 आरोपियों के विरूद्ध कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने 2 बहनों की रिट याचिका पर इस जांच का आदेश दिया था। इन दोनों ने दावा किया था कि उनके पतियों बुद्धू मंडल और गौरंगा मंडल को एक ऐसी पार्टी के लिए काम करने की सजा के तौर पर हिंदू से मुसलमान बना दिया गया जो विधानसभा चुनाव में हार गयी।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि उनके पति 24 नवंबर, 2021 से लापता हैं लेकिन सूचित करने के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दोनों भाइयों ( इन महिलाओं के पतियों) ने स्वेच्छा से इस्लाम अपना लिया और पारिवारिक विवाद के चलते वे घर छोड़कर चले गये। उच्च न्यायालय के निर्देश पर CBI ने 20 फरवरी को प्राथमिक जांच दर्ज की थी। मई में CBI की ओर से एक रिपोर्ट उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी जिसके बाद उसने (न्यायालय ने) 6 जून को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

अधिकारियों ने बताया कि अदालती आदेश पर CBI ने मंगलवार को खुर्शीद शेख, नाजू शेख, बरकती शेख, हबीब शेख, रबीउल शेख, मुक्तादुल शेख और टीनू शेख तथा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्होंने बताया कि पार्वती मंडल का पति बुद्धू मंडल निरक्षर है जबकि कलावती का पति गौरंग मंडल पांचवीं तक पढ़ा है।

CBI रिपोर्ट में कहा गया है, जांच से पता चला कि 24 नवंबर, 2021 को सुबह करीब 7 बजे दोनों भाई काम पर निकले थे। गौरंग मंडल रबीउल शेख के घर पर गया था जबकि उसका भाई बुद्धू मंडल हबीब शेख के घर पर गया था। उस समय गौरंग मंडल मुख्य मिस्त्री मुक्तादुल शेख की देखरेख में काम कर रहा। दोनों करीब 2 बजे खाना खाने घर आये थे और खाना खाकर वे काम पर लौट गये थे। लेकिन वे (दोनों) शाम में घर नहीं लौटे।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि उसके बाद दोनों बहनों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि उनके पतियों को मुसलमान बना लिया गया है और उन्हें नमाज पढ़ाने ले जाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बाद में इन दोनों भाइयों को एक मुसलमान परिवार में देखा गया और पुलिस ने उनकी पत्नियों को सूचित किया कि उन्हें 28 नवंबर, 2021 को अदालत में पेश किया जाएगा जो उनकी गुमशुदगी का चौथा दिन था।

CBI का कहना है कि दोनों महिलाओं ने दिनभर इंतजार किया लेकिन उनके पतियों को अदालत में पेश नहीं किया गया। उसके बाद दोनों (महिलाएं) घर लौट आयीं। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि दोनों महिलाओं के घर लौट जाने के बाद इन दोनों भाइयों को शाम में मुसलमानों की भारी भीड़ के बीच एसडीओ अदालत में पेश किया गया। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।

रिपोर्ट के अनुसार 4 जनवरी को इन दोनों भाइयों को नजदीक के धरला गांव में कुछ मुसलमानों के साथ भीख मांगते हुए देखा गया। उनकी पत्नियां वहां पहुंच गयी और उन्हें घर वापस आने के लिए उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन इन दोनों भाइयों के साथ चल रहे अन्य लोगों ने दोनों महिलाओं को डराया -धमकाया।

रिपोर्ट के मुताबिक गौरंग मंडल मुस्लिम समुदाय के कब्जे से भागने में सफल हो गया और वह नजदीक के खेत में अपनी पत्नी संग छिप गया। लेकिन भाई की कथित शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया और उन दोनों को ढूढ निकाला। पुलिस ने उसके बाद गौरंग और उसकी पत्नी कलावती को अदालत में पेश किया।

रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कलावती मंडल को रिहा कर दिया लेकिन उसके पति को मुस्लिम समुदाय के लोग कथित रूप से अपने साथ ले गये। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों भाइयों ने चोरी-छिप अपने परिवारों के सदस्यों को बताया कि उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ पकड़कर रखा गया है और उनसे मवेशियों का कत्ल करने जैसे काम जबरन करवाया जाता है। दोनों भाइयों ने अपने रिश्तेदारों को भी यह भी बताया कि उन्हें बंधक में रखने के लिए नशीली दवाएं दी जाती हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन निष्कर्षों के आधार पर उच्च न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई 2023 को

चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा. यदि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रहती है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. आपको बता दें इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं.

आखिर चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का क्या है मकसद ?

आपको बता दें चंद्रयान मिशन के तहत इसरो चांद की स्टडी करना चाहता है. भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 की सफल लॉन्चिग की थी. लेकिन इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में भारत को असफलता मिली थी. चंद्रयान-2 का लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था. अब भारत चंद्रयान-3 लॉन्च करके इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है.

आपको बता दें चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा. इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए इसमें कई अतिरिक्त सेंसर को जोड़ा गया है. इसकी गति को मापने के लिए इसमें एक ‘लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर’ सिस्टम लगाया है.

चंद्रयान-3 मिशन के साथ कई प्रकार के वैज्ञानिक उपकरणों को भेजा जाएगा, जिससे लैंडिंग साइट के आसपास की जगह में चंद्रमा की चट्टानी सतह की परत, चंद्रमा के भूकंप और चंद्र सतह प्लाज्मा के साथ मौलिक संरचना की थर्मल-फिजिकल प्रॉपर्टीज की जानकारी मिलने में मदद हो सकेगी.

कहीं खिसक न जाए परंपरागत वोट बैंक!


कुरैशी समाज की चेतावनी के बाद कांग्रेस नेताओं की उड़ी नींद 


जयपुर।

प्रदेश के कुरैशी समाज ने एकजुट होकर कांग्रेस पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि एकमुश्त कांग्रेस को वोट देने के बावजूद भी पार्टी ने समाज को कोई राजनीतिक नियुक्ति नहीं दी। ऐसे में अगले चुनाव में समाज ने कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने तक की चेतावनी दे दी है। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के नेताओं को परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर सताने लगा है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह का मामला सामने आने के बाद सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
   हाल ही में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी समाज के नेताओं में इस बात को लेकर काफी रोष था। कुरैशी समाज की प्रदेशभर में बड़ी आबादी निवास करती है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार समाज की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने आरोप लगया कि किसी सम्मानजनक राजनीतिक पद पर समाज के लोग नहीं हैं। इस दौरान समाज ने अगले चुनाव में 20 सीटों पर कुरैशी समाज के प्रत्याशी उतारने की मांग की।


नसीम पर मुकदमे के बाद आई यह स्थित…

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज हुआ है, उसके बाद ही कुरैशी समाज में पार्टी का यह विरोध दिखाई दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द इस मामले को खत्म नहीं किया गया तो मुस्लिम समाज में यह मामला और तूल पकड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर आदर्शनगर विधायक रफीक खान ने भी नसीम पर हुए मुकदमे को सरासर गलत बताया है। खान का कहना है कि इस तरह अधिकारियों के कहने पर नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज करना बिल्कुल न्यायोचित नहीं है।


कांग्रेस के खिलाफ हो सकती है आवाज बुलंद…

सूत्रों के मुताबिक आगामी दिनों में अन्य मुस्लिम जातियां और संगठन भी कांग्रेस के खिलाफ आवाज बुलंद कर सकते हैं। ऐसे में प्रदेश के 9 मुस्लिम विधायकों और मुस्लिम बहुल सीटों से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले नेताओं की बैचेनी लगातार बढ़ रही है।

दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में शामिल होंगे अंबानी !

दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट में लंबे समय तक शामिल रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी साल 2023 की शुरुआत के बाद से इससे बाहर हैं, लेकिन अब एक बार फिर दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट में अंबानी अपनी जगह वापस पा सकते हैं।

दरअसल मुकेश अंबानी दुनिया के रईसों के प्रतिष्ठित ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में 13वें स्थान पर आ गए हैं और टॉप 10 में जगह बनाने के लिए उनको केवल 3 और उद्योगपतियों को पीछे छोड़ना होगा। ये काम जल्द ही हो भी सकता है क्योंकि मुकेश अंबानी और उनसे आगे के तीन इंडस्ट्रिलियस्ट के बीच दौलत का फासला काफी कम रह गया है.

ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, बीते 24 घंटे में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 2.35 अरब डॉलर या करीब 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है।

वहीं अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी जो एक समय दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स का दर्जा हासिल कर चुके थे, वो इस समय इस लिस्ट में 21वें स्थान पर हैं और टॉप-20 रईसों में भी नहीं हैं। हालांकि बीते 24 घंटों की बात करें तो गौतम अडानी की संपत्ति में कुल 4.89 लाख डॉलर का इजाफा हुआ है।

247 अरब डॉलर की अकूत नेटवर्थ के साथ टेस्ला के सीईओ एलन मस्क इस समय दुनिया के सबसे दौलतमंद शख्स बने हुए हैं। इस साल अभी तक उनको 110 अरब डॉलर की संपत्ति का फायदा हो चुका है जिसमें से 13 अरब डॉलर उन्होंने बीते 24 घंटे में हासिल किए हैं।

सभी नेता मिलकर करेंगे काम – सचिन पायलट

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी आगामी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट, कांग्रेस नेतृत्व के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि बैठक में इस बारे में चर्चा की गई कि राज्य में हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा को कैसे बदला जाए। उनका कहना था कि उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व ने संज्ञान लिया और दिशानिर्देश दिए।

पायलट ने संवाददाताओं से कहा, राजस्थान में सरकार बदलने की परंपरा को कैसे तोड़ा जाए, इसको लेकर सार्थक चर्चा हुई है। हमने सभी मुद्दों पर खुले मन से चर्चा की और सबने विश्वास जताया कि फिर से कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।

पायलट ने अपनी ‘जन संघर्ष यात्रा’ के दौरान प्रदेश सरकार के समक्ष तीन मांगें रखी थीं जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच शामिल थी।

PM आवास के उपर दिखा ड्रोन

जानिए कौन और कहां उड़ा सकते हैं ड्रोन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के ऊपर एक ड्रोन के मंडराने की खबर सामने आई है। दरअसल, PM आवास और उसके आसपास का इलाका नो फ्लाइंग और नो ड्रोन जोन है तो सवाल यह उठता है कि ड्रोन यहां कैसे पहुंचा।

अब आपके मन में ड्रोन को लेकर बहुत से सवाल आ रहे होंगे कि ड्रोन होता क्या है, कैसे उड़ता है, कौन इसे उड़ा सकता है कहां इसे उड़ाया जा सकता है। तो हम आपके सारे सवालों के जवाब लेकर आएं है।

वैसे तो ड्रोन शब्द किसी के लिए नया नहीं है। आपने भी ड्रोन को उड़ते हुए जरुर देखा होगा। ड्रोन एक flying robot होता है जिसे मनुष्य द्वारा remote से control किया जाता है। तकनीकी भाषा में ड्रोन एक मानवरहित aircraft है, जो sensors और GPS के सहयोग से उड़ते हैं।

Joystick और GPS system की वजह से ड्रोन को उड़ाते समय ठीक वैसा ही अनुभव होता है जैसा video game खेलने के दौरान होता है। अक्सर smartphone और tablet के माध्यम से इस wireless connectivity के जरिए pilot ड्रोन और इसके आसपास के area पर किसी पक्षी की आंख की तरह नजर रख सकता है। कुछ apps की मदद से इसके उड़ने का path set भी किया जा सकता है, जिसके बाद ये अपने आप pre-planned तरीके से उड़ता है।

आपको बता दें आजकल ड्रोन का इस्तेमाल बड़ी कंपनियों द्वारा products को अपने customers तक पहुँचाने के लिए किया जा रहा है। ऐसे बिज़नेस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन अधिक weight उठाने में सक्षम होते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ देशों में Pizza की home delivery के लिए drones का इस्तेमाल किया जाता है।

भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए license की जरूरत होती है। एक मानव रहित ड्रोन का pilot बनने के लिए आपको driving license की तरह ही एक unmanned aircraft operator permit लेने की आवश्यकता होती है। आपके ड्रोन को भी government के साथ register करने की जरूरत होती है और इसे एक unique identification number के साथ issue किया जाता है। लेकिन nano और micro ड्रोन को आप बिना license के उड़ा सकते है।

अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ड्रोन को कहीं भी उड़ाया जा सकता है, लेकिन इसका जबाव है नहीं…

आप ड्रोन को हर जगह नहीं उड़ा सकते। एक UAV को operate करने के लिए drone regulations द्वारा 3 zones को specify किया गया है: Red Zone, Yellow Zone और Green Zone.

Red zone में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होती है। Red Zone में airports, international borders, military installation इत्यादि के आसपास का airspace शामिल होता है। साथ ही दिल्ली में Parliament और राष्ट्रपति भवन के आसपास भी ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं है। 

वहीं yellow zone में ड्रोन उड़ाने के लिए एक flight plan और एक air defence clearance certificate के filing की आवश्यकता होती है। जबकि Green Zone में आप कहीं भी ड्रोन उड़ा सकते हैं। भारत में आप ड्रोन को अधिकतम 400 feet तक की ऊंचाई पर उड़ा सकते हैं।

शिक्षकों के लिए चौकानें वाला आदेश, जानें पूरा मामला…

बिहार। बिहार शिक्षा विभाग के हालिया परिपत्रों को लेकर चल रहे विवाद के बीच पटना जिला प्रशासन ने राजधानी पटना के सरकारी स्कूलों में अनुपस्थित पाए गए 87 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक द्वारा 23 जून को लिखे गए एक पत्र के अनुसार एक जुलाई से सभी जिलाधिकारियों द्वारा अपने संबंधित क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों का सप्ताह में कम से कम दो बार लगातार निरीक्षण और निगरानी की जाएगी। इस बीच, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने भी 5 जुलाई को वरीय अधिकारियों द्वारा बुलायी गयी ऑनलाइन बैठकों में अनुपस्थित रहने के कारण पूर्णिया एवं दरभंगा जिला में तैनात व्याख्याताओं के एक दिन के वेतन में कटौती करने का आदेश दिया है।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, कि  जिला प्रशासन ने जिले के सरकारी स्कूलों के 87 शिक्षकों के एक दिन के वेतन में कटौती या रोक लगाने का आदेश दिया है, क्योंकि वे एक जुलाई से चार बार किए गए निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए थे। अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश की गई है।

जिलाधिकारी ने कहा, राज्य शिक्षा विभाग के हालिया पत्र के बाद पटना जिले के सभी स्कूलों में सप्ताह में कम से कम दो बार निरीक्षण किया जा रहा है। पांच जुलाई को कुल 487 स्कूलों का निरीक्षण किया गया, इस दौरान 10 शिक्षक अनुपस्थित पाये गये। जिले में कुल 3486 सरकारी स्कूल हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए एक अभियान के रूप में जारी रहेगा।

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