जयपुर। हमारे जीवन में ध्वनियों का बहुत महत्व है। पक्षियों का चहचहाना, झरनों की तरंग, पहाड़ों से उमड़ घुमड़ कर आतीं नदियों की कलकल, हवा में नाचते पत्तों की उमंग, समुद्र की लहरों का किनारों को चुनौतियां देना, ये सभी आवाजें दिल को सुकून पहुंचाती हैं। साफ बात है कि ध्वनियां हमारा तनाव कम कर हमें रिलेक्स कर देती हैं। दुनियाभर की आवाजों को सुनने और उनकी सराहना करने के उद्देश्य से हर साल 18 जुलाई को ‘वर्ल्ड लिसनिंग डे’ यानी विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है।
ऐसे हुई इस खास दिन की शुरुआत
वर्ल्ड लिसनिंग डे की शुरुआत साल 2010 में वर्ल्ड लिसनिंग प्रोजेक्ट द्वारा की गई थी। वर्ल्ड लिसनिंग प्रोजेक्ट एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसका उद्देश्य दुनिया और इसकी प्राकृतिक ध्वनियों की समझ को बढ़ावा देना है। साथ ही लोगों को यह समझाना है कि ध्वनि हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है। 18 जुलाई का दिन इसलिए भी चुना गया, क्योंकि इस दिन आर.मरे शेफर का बर्थ—डे मनाया जाता है। शेफर एक कनाडाई संगीतकार थे और मूवमेंट आॅफ अकूस्टिक इकोलॉजी के संस्थापक थे। यह खास दिन लोगों को आवाजों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। हर साल इस खास दिन को एक थीम के अनुसार सेलिब्रेट किया जाता है। यह थीम पर्यावरण और प्राकृति से जुड़ी होती है।
स्टडी बताती हैं, बहुत काम का है म्यूजिक सुनना
जॉन्स हॉकिन्स मेडिकल की एक स्टडी के अनुसार म्यूजिक इंसान के दिमाग के लिए एक थैरेपी का काम करता है। यह दिमाग पर उम्र के साथ होने वाले बुरे प्रभावों को कम करता है। यानी दिन में अगर आप कुछ घंटे म्यूजिक सुनते हैं तो दिमाग का एजिंग प्रोसेस कम होता है। यह दिमाग के लिए एक वर्कआउट की तरह काम करता है। रिसर्च के अनुसार संगीत सुनने से लोगों का तनाव कम होता है, उनका ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है। इतना ही नहीं सोने से नींद भी अच्छी आती है। पसंद का म्यूजिक सुनने से आपका मूड अच्छा होता है। यह मेमोरी बढ़ाने के लिए भी अच्छा तरीका है।
जानिए दुनियाभर में म्यूजिक से जुड़ीं कुछ खास बातें
64 % लोग पसंद करते हैं पॉप म्यूजिक
57 % लोगों को अच्छा लगता है रॉक म्यूजिक
90% लोग दुनियाभर में पसंद करते हैं संगीत सुनना
25.6 घंटे हर सप्ताह म्यूजिक सुनते हैं मेक्सिको के लोग
18 घंटे औसत हर सप्ताह म्यूजिक सुनते हैं दुनियाभर के लोग