नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा की, राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया और इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए अटॉर्नी जनरल से सहायता मांगी।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आप नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी और वकील शादान फ़रासत की इन दलीलों पर गौर किया कि निलंबन उस सत्र से आगे की अवधि के लिए नहीं हो सकता जिसमें सदस्य को निलंबित किए जाने का फैसला किया गया था। न्यायालय ने याचिका पर सिर्फ राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। आप नेता ने राज्यसभा सचिवालय के अलावा उच्च सदन के सभापति और विशेषाधिकार समिति को भी अपनी याचिका में पक्ष बनाया है। द्विवेदी ने कहा कि वह इस मौके पर कोई अंतरिम राहत की मांग नहीं कर रहे हैं।
राज्यसभा में 11 अगस्त को उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने आप नेता राघव चड्ढा को निलंबित किए जाने का प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया था। चड्ढा पर दिल्ली राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2023 को सदन की प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव करने के लिए, सदन के कुछ सदस्यों से सहमति लिए बिना ही प्रस्तावित समिति के लिए उनका नाम लेने का आरोप है।