उदयपुर। शहर के समीपवर्ती जोगी तालाब गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को जन्माष्टमी का उत्सव मनाने के दौरान जो बड़ा हादसा घटा, उसने स्कूल में किए गए घटिया निर्माण की भी पोल खोलकर रख दी। सरकारी तंत्र में पसरे भ्रष्टाचार की बलि दो मासूम छात्राएं बन गईं। दोनों की हादसे में मौत हो गई तो दो अन्य छात्राएं भी घायल हो गईं, जिनका गीतांजलि अस्पताल में उपचार चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। इधर, हादसे की सूचना के बाद गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र पुलिस और प्रशासनिक लवाजमा मौके पर पहुंचा और खानापूर्ति करते हुए जांच करने का आश्वासन दिया। पुलिस ने बताया कि हादसे में राधा पुत्री मोहनजी और नारायणी पुत्री भग्गाजी की मौत हुई है। दोनों बच्चियां कक्षा सातवीं और आठवीं की छात्राएं थीं।
जानकारी के अनुसार विद्यालय में जन्माष्टमी के उपलक्ष में एक दिन पूर्व मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मटकी को बांधने के लिए रस्सी को उससे लपेटा गया। रस्सी का एक छोर झंडारोहण के लिए बनाए गए पोल पर बांधा गया तो दूसरा छोर पानी की टंकी पर। मटकी फोड़ कार्यक्रम शुरू हुआ तो सभी कक्षाओं के बच्चे इसे देखने के लिए ग्राउंड में इकट्ठे हो गए। इधर, जैसे ही रस्सी पर जोर पड़ा छत पर बना पोल पिलर के साथ नीचे गिर गया। पोल का पिलर स्कूल की छत की मुंडेर पर बनाया गया था और उसका मजबूत आधार कुछ नहीं था। वह ऐसे बनाया गया मानो पिलर छत से चिपकाया गया हो। हुआ भी ऐसा ही, वह वजन सह नहीं सका और उखड़कर नीचे बैठे विद्यार्थियों पर आ गिरा।
हादसे में पांच बच्चे गंभीर घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। घायलों में लक्ष्मी पुत्री मोहन गमेती, केसर पुत्री शंकर गमेती, नाराणी पुत्री भागजी गमेती, राधा व मोनिका शामिल हैं। इनमें दो छात्राओं की मौत हो गई। हालांकि देर शाम तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। हादसे की सूचना के बाद गांव और आस-पास के क्षेत्रों में कोहराम मच गया। अस्पताल में ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। हादसे की सूचना पर उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलचंद मीणा, जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, गिर्वा एसडीएम प्रतिभा वर्मा, तहसीलदार रामप्रसाद खटीक और अन्य अधिकारी स्कूल पहुंचे।
जेआईजे व्यू
बड़ा सवाल जिम्मेदार कौन
सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, ये किसी से छिपा नहीं हैं। आए दिन घटिया निर्माण की शिकायतें सामने आती हैं। लेकिन भ्रष्टाचार की यह विषबेल यदि मासूम बच्चों को निगलना शुरू कर दे तो साफ है कि किसी की जान सुरक्षित नहीं। जोगी तालाब उच्च माध्यमिक विद्यालय में अपनी जिन्दगी को रोशनी करने आईं इन छात्राओं को रत्तीभर भी अहसास नहीं होगा कि बुधवार का दिन उन्हें ऐसे अंधेरे में धकेल देगा, जहां से वे कभी लौटकर नहीं आएंगी। दोनों बच्चियों के परिजनों को जो घाव स्कूल से मिले, वे जीवनभर नासूर बनकर उनके जख्मों को कुरेदते रहेंगे। यहां बड़ा और गंभीर सवाल यही है कि किसने इस घटिया निर्माण की मंजूरी दी और इसको निरीक्षण कर सही करार दे दिया। ऐसे सरकारी अफसरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। जिन मासूम बच्चों की जान को यहां खतरे में डाला गया है, ऐसे जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर से कठोरतम कार्रवाई की जाए, जिससे कि ये संदेश जाए कि जो स्कूली बच्चों की जिन्दगी से खिलवाड़ करेगा, उसके खिलाफ सख्ती से पेश आया जाएगा। इस मामले में सरकार और अफसर कम से कम ये उदाहरण तो प्रस्तुत करें। नहीं तो हमारा भविष्य कैसे सुरक्षित रह पाएगा।