कजान (रूस), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को यहां पहुंचे, जहां उनके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात सहित कई द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है.
पीएम मोदी ने रूस रवाना होने से पहले कही ये बात
पीएम मोदी ने मास्को से लगभग 900 किलोमीटर पूर्व में स्थित कजान की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा कि भारत ब्रिक्स के भीतर करीबी सहयोग को महत्व देता है जो वैश्विक विकास एजेंडे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है.पिछले साल नए सदस्यों को जोड़कर ब्रिक्स का विस्तार करने से इसकी समावेशिता बढ़ी है जिससे वैश्विक भलाई होगी. मोदी ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं.
पुतिन और जिनपिंग से कर सकते मुलाकात
रूस द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को यूक्रेन में संघर्ष और पश्चिम एशिया में बिगड़ते हालात के बीच गैर-पश्चिमी देशों द्वारा अपनी ताकत दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. मोदी द्वारा ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक सहित कई द्विपक्षीय बैठकें किए जाने की संभावना है .
भारत और रूस के रिश्तों के लिए अहम PM मोदी की यात्रा
मोदी ने कहा कि कजान की उनकी यात्रा भारत और रूस के बीच ”विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी”.बता दें कि प्रधानमंत्री ने जुलाई में मॉस्को की यात्रा की थी और इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ शिखर वार्ता की थी.
ब्रिक्स में कौन-कौन से देश ?
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के मूल सदस्य हैं. इसमें अब मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल कर इस समूह का विस्तार किया गया है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के शहर कजान में आयोजित किया जा रहा है.