New Thought
नई सोच
अक्सर ये विचार सबके मन में आता है कि वह अपने आस-पास की समस्याओं को और दुनिया भर की चुनौतियों के समाधान में भागीदार बनें। सही को सही और गलत को गलत बोलने का साहस दिखाए। बदलाव का भागीदार बने। लेकिन यही सोचकर वह जीवनभर चुप रहता है या मुद्दों की अनदेखी की देता कि उसकी सुनेगा कौन, उसकी मानेगा कौन? पर, घने अंधेरे को चीरने का माद्दा एक छोटा सा दीया ही रखता है। वह भटकों को राह दिखाने का काम करता है। उस समय तक जलने का भी हौसला दिखाता है, जब तक आसमान से सूरज की रोशनी बिखरने नहीं लए जाए। पर, ये सब करना अकेले दीये के बूते की बात नहीं है। उसे चमकने के लिए तेल और बाती देने का माध्यम कोई न कोई जरूर बनता है। बस, यही काम समाज में हम सब मिलकर कर सकते हैं। हम सूरज तो नहीं बन सकते, लेकिन दीये को रोशन करने का काम कर सकते हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भी यही भूमिका है, वह हजारों-लाखों दीपकों को प्रज्जवलित करने के लिए तेल और बातियों को जुटाने का काम कर सकता है। सिस्टम और आमजन के बीच में सेतु बनने का माध्यम बन सकता है।
जागो इंडिया जागो इसी सोच को साकार करने के लिए आप सबके बीच में खड़ा है। जिस देश में नैरेटिव के भ्रम को फैलाकर सरकारें बन और बिगड़ जाती है, जिस दौर में अफवाहें लोगों की सांसें तक छीन लेती हैं, उन संघर्षों और चुनौतियों के बीच किसी को तो यह जिम्मेदारी उठानी होगी कि वह सच, साहस और सकारात्मक सोच के साथ अपनी बात को निडरता, निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ कह सके। शुरुआत हमने कर दी है, बस साथ आपको चलना होगा।
निर्देशकPrateek Chauvey (प्रतीक चौवे)