हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से कांग्रेस सरकार पर संकट गहराता जा रहा है.पहले 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की,अब कांग्रेस सरकार में मंत्री और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य ने भी इस्तीफा दे दिया है और साथ ही हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है.मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है.मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं.”
विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा, कि जो वास्तविक परिस्थितियां है उसके बारे में मैंने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है.अब गेंद उनके पाले में है,अब उन्हें फैसला लेना है कि उनका कदम क्या होगा.आने वाले समय में जो भी होगा वह पार्टी हाईकमान के साथ विचार-विमर्श करके किया जाएगा.मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा.”
”मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया”
विक्रमादित्य सिंह ने लगाया बड़ा आरोप,कहा”मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है,जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई.सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी.मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला”.
”विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई”
उन्होंने कहा-”विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं.लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है,लेकिन उसका जिस तरह से सरोकार लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया”