Saturday, July 12, 2025
Home Blog Page 838

बदल गए अंग्रेजों के कानून, अब अपने कानून से चलेगा देश

दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन अंग्रेजों द्वारा बनाए गए तीन महत्वपूर्ण कानूनों को खत्म कर दिया. इसकी जगह तीन नए कानून पेश कर दिए. तीनों नए कानून को पेश करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कदम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया है. अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून में दंड दिए जाने की अवधारणा तो है लेकिन इससे पीडित को न्याय नही मिल पाता था. इसलिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून में देश के लोगों के लिए न्याय देने का प्रावधान के साथ-साथ दंड देने का प्रावधान है.
फिलहाल इस कानून को लोकसभा में पेश किया गया हैं. यहां से पास होने के बाद इस कानून को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. दोनो सदनो से कानून पास होने के बाद इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाएगी. यहां से राष्ट्रपति की मंजूरी होने के बाद ही ये तीनों कानून लागू हो जाएंगे.

इन कानूनों में किए गए बदलाव

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 लोकसभा में पेश किए. जो अंग्रेजों द्वारा बनाए गए और अंग्रेजी संसद में पारित किए गए इंडियन पीनल कोड (IPC) 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CRPC) 1898, 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट (IAA) 1872 कानूनों को रिप्लेस करेंगे. IPC 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 स्थापित होगा. CRPC 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 स्थापित होगा.

सदन में इन कानून को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि खत्म होने वाले ये तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे. उनका उद्देश्य दंड देने का था, न की न्याय देने का. संसद में पेश किए गए तीन नए कानून की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान में दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना, इनका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना होगा. भारतीय आत्मा के साथ बनाए गए इन तीन कानूनों से हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा.

कितनी बैठको से निकल कर आए कानून

सासंद में गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि कानून को लाने से पहले 18 राज्यों, 6 संघशासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 हाई कोर्ट, 5 न्यायिक अकादमी, 22 विधि विश्वविद्यालय, 142 सांसद, लगभग 270 विधायकों और जनता ने इन नए कानूनों पर अपने सुझाव दिए थे. 4 सालों तक इस कानून पर गहन विचार विमर्श हुआ और इस कानून को बनाने के लिए कई बैठके की गई जिनमें से 158 बैठकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद उपस्थित रहे.

नए कानून में कितनी धारा

गृहमंत्री द्वारा पेश किए गए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो CRPC को रिप्लेस करेगी, उसमें अब 533 धाराएं रहेंगी. जबकि अब तक इसमें 478 धाराएं थी. 160 धाराओं को बदल दिया गया है. 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं जबकि 9 धाराओं को निरस्त किया गया है. इसी तरह भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी. 175 धाराओं में बदलाव किया गया है. 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है. वहीं भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, उसमें पहले की 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी. 23 धाराओं में बदलाव किया गया है.1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की गई हैं.

इसके साथ ही राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त किया गया है, दूसरी ओर धोखा देकर महिला का शोषण करने और मॉब लिंचिग जैसे जघन्य अपराधों के लिए दंड का प्रावधान और संगठित अपराधों और आतंकवाद पर नकेल कसने का काम भी किया है.

कानून में कुल 313 बदलाव किए गए हैं जो हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में परिवर्तन लाएंगे और किसी को भी अधिकतम 3 वर्षों में न्याय मिल सकेगा.

इस कानून में महिलाओं और बच्चो का विशेष ध्यान रखा गया है, अपराधियों को सज़ा मिले ये सुनिश्चित किया गया है और पुलिस अपने अधिकारों का दुरुपयोग न कर सके, ऐसे प्रावधान भी किए गए हैं.

UCC पर आरिफ मोहम्मद खान ने दिया बड़ा बयान…

केरल। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) देश में किसी के लिए भी खतरा नहीं है। उन्होंने नागरिकों से इसके बारे में गलत धारणाएं दूर करने और इसके खिलाफ जारी झूठे प्रचार से लड़ने का आग्रह किया। खान यहां समान नागरिक संहिता : क्यों और कैसे? विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।

UCC का लक्ष्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के धर्मग्रंथों और रीति-रिवाजों पर आधारित व्यक्तिगत कानूनों के बजाय देश के प्रत्येक नागरिक पर सामान्य कानून लागू करना है। केरल के राज्यपाल ने नागरिकों से UCC के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने और इसके खिलाफ किए जा रहे झूठे प्रचार से लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून के सफल होने के लिए जनता का समर्थन जरूरी है और सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए और अब भी वही किया जा रहा है।

खान ने कहा कि UCC को देश में लागू किया जाना चाहिए, सिर्फ इसलिए नहीं कि यह निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है, बल्कि इसलिए कि मौजूदा कानूनी व्यवस्था कानून की नजरों में समानता और समान कानूनी सुरक्षा के मौलिक अधिकार दोनों का उल्लंघन करती है।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को बताया कांग्रेस-फोबिया से ग्रस्त

मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस की आलोचना किए जाने से स्पष्ट है कि कांग्रेस मजबूत हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बहस के जवाब में लोकसभा में 130 मिनट से अधिक समय तक बोले। बाद में कांग्रेस ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कांग्रेस-फोबिया से ग्रस्त हैं और इसीलिए उन्होंने अपने पूरे भाषण में पार्टी की आलोचना की।

राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कांग्रेस अभी भी प्रधानमंत्री के दिल और दिमाग में है, भले ही उन्होंने (प्रधानमंत्री के रूप में) दो चुनाव जीते हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस पार्टी ने एक चुनौती पेश की है और पार्टी मजबूत हो रही है। उन्होंने मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा आप 10 साल से सत्ता में हैं, कांग्रेस को भूल जाइए और अपने काम के बारे में बोलिए। राउत ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया ताकि प्रधानमंत्री संसद में आएं, मणिपुर मुद्दे पर बयान दें और बताएं कि सरकार वहां शांति बहाल करने के लिए क्या कर रही है।

सवालों का जवाब देते हुए, राउत ने फ्लाइंग किस विवाद को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि यह मोहब्बत की दुकान के सामान में से एक था। शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने कहा इसे स्वीकार करें या न करें। यह प्यार की निशानी है। गुस्सा क्यों करना? ऐसा इसलिए क्योंकि आप प्यार और शांति का संदेश नहीं दे सकते। अपने खिलाफ नफरती भाषण के बावजूद राहुल गांधी यदि यह संदेश देते हैं, तो यह एक बड़ी बात है।

राउत ने यह भी दावा किया कि 2024 में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) लोकसभा चुनाव जीतेगा और अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद महा विकास आघाड़ी (एमवीए) महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में आगामी बैठक के दौरान महाराष्ट्र से और भी पार्टियां इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी।

अहमदाबाद में भीषण सड़क हादसा, 10 लोगों की मौत

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद जिले में एक मिनी ट्रक एक खड़े ट्रक से टकरा गया, जिससे मिनी ट्रक में सवार 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि मरने वालों में 3 बच्चे भी शामिल हैं। जिले के पुलिस अधीक्षक अमित वसावा ने बताया कि यह घटना राजकोट-अहमदाबाद राजमार्ग पर बगोदरा गांव के पास सुबह करीब 11 बजे हुई।

उन्होंने बताया कि पीड़ित पड़ोसी सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला से अहमदाबाद लौट रहे था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद अहमदाबाद रेंज के महानिरीक्षक प्रेम वीर सिंह मौके पर पहुंचे। सिंह ने संवाददाताओं से कहा मिनी ट्रक लोगों को ले जाने के लिए नहीं था, लेकिन उसमें 23 लोगों को ले जाया जा रहा था। टायर पंचर हो जाने के बाद सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से यह मिनी ट्रक टकरा गया। हादसे में 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 13 अन्य घायल हो गए।

उन्होंने कहा कि मृतक और घायल व्यक्ति खेड़ा जिले के कपडवंज तालुका के एक गांव के रहने वाले थे और सुरेंद्रनगर के चोटिला शहर में एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद घर लौट रहे थे। PMO इंडिया ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा अहमदाबाद जिले में बावला-बागोदरा राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना की सूचना पाकर दुःख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं। घायल शीघ्र स्वस्थ हों। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को PMNRF से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी सोशल मीडिया मंच X पर हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया।

पद पर रहते हुए JDA के अधिकारी मांग रहा खुद के लिए वोट! देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में….

जयपुर। सोशल मीडिया पर जेडीए के जनसम्पर्क अधिकारी का एक वीडियो इन दिनो चर्चाओं में है इस वीडियो में ये महाशय सपोटरा विधानसभा से विधायक बनने के सपने देख रहे हैं, सपने देखने भी चाहिए..  लेकिन सबसे पहले आपको इन महाशय के बारे में जानना जरूरी है. इन महोदय का नाम नवल किशोर मीणा हैं जो कि वर्तमान में राजस्थान में सरकारी सेवा दे रहे हैं. ये पिछले 3 वर्षों से जयपुर विकास प्राधिकरण यानी जेडीए में उप रजिस्ट्रार सहकारिता के पद पर आसीन हैं. उप रजिस्ट्रार होने के साथ-साथ नवल किशोर मीणा जेडीए में जनसंपर्क विभाग का काम भी देखते हैं. इनका कहना है कि ये सपोटरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. इसके साथ ही सरकारी सेवा में होने के बावजूद वे जनता से वोट की अपील कर रहे हैं. वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि नवल किशोर मीणा किस तरह आमजन से कह रहे हैं कि उन्हें वोट दिया जाए ताकि सपोटरा क्षेत्र का विकास हो सके…

राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राजनीति में रूचि रखने वाले सभी लोग इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. इससे पहले भी कई जनप्रतिनिधि हुए हैं जिन्होंने सरकारी सेवा देने के बाद राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई है. लेकिन करौली के मोहनपुरा गांव में खोरी पंचायत के नवलकिशोर मीणा तो लाभ के पद पर रहते हुए ही चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहे हैं. ये जनाब खुलेआम इसके बारे में वीडियो के सामने बता भी रहे हैं कि मैं वर्तमान में सरकारी सेवा में कार्यरत हूं… और 2023 के विधानसभा चुनाव में मेरी कोशिश है कि में दावेदारी पेश करूं… अपने गुणगान करते हुए जनाब ये तक भूल गए की संविधान उन्हें पद पर रहते हुए किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाजी की इजाजत नहीं देता है…लेकिन नवल किशोर मीणा नाम के ये शख्स तो अपनी तारीफ के पुल बाधंने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं… राजनीतिक अनुभव बताते हुए महाशय ने कहा, मेरा बचपन से ही छात्र राजनीति से गहरा लगाव रहा है…और 1991 में राजस्थान विश्वविद्यालय से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था…हालांकि उस चुनाव में इन महोदय को हार का सामना करना पड़ा था…. अपने सपनों को पूरा करने और राजनीतिक परिवेश में घुसने के लिए ये महाशय जनसेवा करना चाह रहे हैं… ये महाशय कह रहे हैं कि इनका मकसद साफतौर पर साफ सुथरी राजनीति करने का है…लेकिन कहते हैं ना कि इंसान जोश में अपना होश खो बैठता है लेकिन ये जनाब तो बिना जोश में आए ही होश खो बैठे…और जनता से वोट मांगने की अपील कर बैठे… फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है अब संबधित विभाग इन महाशय पर क्या कार्रवाई करेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन साल की अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसे अनेक कर्मचारी और अधिकारी अपनी किस्मत आजमाते दिखाई देंगे…

Supreme Court ने कहा याचिकाओं के लिए पृष्ठ सीमा तय करना कठिन काम  

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका में व्यक्त की गई उस चिंता को प्रशंसनीय बताया, जिसमें अदालतों में दायर याचिकाओं में पृष्ठों की एक सीमा निर्धारित करने की अनिवार्यता का मुद्दा उठाया गया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि सभी याचिकाओं के लिए एक तरह की सीमा तय करना कठिन कार्य हो सकता है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता के पास मामलों के शीघ्र निपटान की सुविधा के लिए प्रशासनिक पक्ष पर कोई ठोस सुझाव है, तो उसे शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल के समक्ष अभिवेदन रखने की स्वतंत्रता हो सकती है। पीठ ने कहा कि हालांकि अदालत में याचिकाओं पर पृष्ठ सीमा की आवश्यकता को निर्धारित करने में याचिकाकर्ता की चिंता प्रशंसनीय है, लेकिन अदालत के लिए सभी याचिकाओं के लिए एक आकार तय करना कठिन कार्य हो सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि यह याचिका पूरी तरह से न्याय तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने का एक प्रयास है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा लेकिन हमें बताएं, हम सीमा कैसे तय करें। क्या हम कह सकते हैं कि सभी मामलों में लिखित अभिवेदनों पर पृष्ठ सीमा होनी चाहिए? एक तरफ, आपके पास अनुच्छेद 370 (मामले) पर सुनवाई करने वाली संविधान पीठ है और फिर आपके पास उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत एक याचिका है। क्या हम कह सकते हैं कि आपके पास 10 पृष्ठों से अधिक का लिखित अभिवेदन नहीं होना चाहिए।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय का क्षेत्राधिकार बहुत अलग है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत के प्रशासनिक पक्ष पर विचार किया जा सकता है। याचिका का निपटारा करते हुए और यह उल्लेख करते हुए कि याचिकाकर्ता सेक्रेटरी जनरल के समक्ष अभिवेदन देने के लिए स्वतंत्र हो सकता है, पीठ ने कहा कि इससे कार्रवाई का कोई नया कारण पैदा नहीं होगा।

सासंद अधीर रंजन के पक्ष में विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में निकाला मार्च

दिल्ली। लोकसभा में आज मानसून सत्र का आखिरी दिन था आज के कार्यवाही के बाद लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का सस्पेंशन हो गया. काग्रेंस नेता अधीर रंजन के पक्ष में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों में हंगामा किया. विपक्षी दल I.N.D.I.A. के सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला लिया. इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में मार्च निकाला. इस प्रदर्शन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी सांसद शामिल हुए. राज्यसभा में भी विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे ने लोकसभा के प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन का मुद्दा उठाया. खरगे ने इसको लेकर हाथ जोड़ते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, ‘प्‍लीज मेरा माइक बंद न करें।’ दरअसल, जैसे ही खड़गे बोलने के लिए उठे सभापति उन्हें रोकने लगे

राज्यसभा में खरगे ने अपनी बात जारी रखते हुए बोला कि ‘हम तो इसमें विश्वास रखते हैं कि कल करने का है तो आज करो. आज करने का है तो अभी करो. पल में प्रलय होगा फिर करोगे कब. सर डिबेट में छोटी-मोटी बात होती रहती हैं. जब एक-दूसरे के विषय में कहते हैं, अगर वह अनपार्लियामेंट्री है, किसी को दुखी करता है तो उसे आप कह सकते हैं कि ये अनपार्लियामेंट्री है. ये ठीक नहीं है. लेकिन लोकसभा हमारे सांसद अधीर रंजन चौधरी साहब को निलंबित किया गया. वो बेहद हल्का मामला था. उन्होंने इतना ही बोला ‘नीरव मोदी’. नीरव मतलब शांत. साइलेंट। वो नीरव मोदी बोले. इसलिए आप उसे सस्पेंड करते हैं.

इधर कांग्रेस पार्टी ने X (पूर्व में ट्वीट) करते हुए कहा कि ‘PM मोदी सदन को संविधान के तहत नहीं चलाना चाहते हैं। मोदी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है और मनचाहे ढंग से विपक्ष के सांसदों को निष्कासित किया जा रहा है। आज इसके विरोध में INDIA के सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया”

वैश्विक अर्थव्यवस्था सेमिनार हुआ आयोजित

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में कोटा की समीक्षा जल्द पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि इससे IMF संकट में फंसे देशों की मदद और बेहतर तरीके से कर सकेगा।

वित्त मंत्रालय और RBI द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि हाल के अनुभवों से पता चलता है कि पहुंच की कमी की वजह से वित्तीय संकट के समय देश IMF के बजाय अन्य निकायों से मदद मांगते हैं। दास ने कहा कि किसी देश को IMF का समर्थन उस देश के कोटा पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा 16वीं सामान्य कोटा समीक्षा के साथ कामकाज के संचालन से संबंधित मुद्दों को तेजी से पूरा किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हरित (पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों) की ओर बदलाव के वित्तीय प्रभाव की अनदेखी नहीं की जा सकती है। दास ने उभरते देशों को हरित पूंजी के प्रवाह को तत्काल बढ़ाने की जरूरत भी बताई। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर ऋण आंकड़े साझा करने के लिए एक वैश्विक मंच विकसित करने की जरूरत है।

महिला पत्रकार को मिली ऐसी सज़ा, सुनकर कांप उठेगी रुह…

बीजिंग। चीन में जासूसी के जुर्म में दोषी ठहराई गई चीनी-ऑस्ट्रेलियाई महिला पत्रकार ने एक पत्र के माध्यम से जेल की स्थितियों को बताया है और कहा है कि उन्हें साल में सिर्फ 10 घंटे धूप में खड़े होने की इजाजत है। गिरफ्तारी के 3 साल होने पर पत्रकार चेंग लेई ने अपने देश ऑस्ट्रेलिया के लिए अपना प्यार जाहिर किया है। बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान उन्हें पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोपों में दोषी पाया गया था। हालांकि उन्हें अभी सज़ा नहीं सुनाई गई है। वह चीन के सरकारी प्रसारक में काम करती थी।

लेई (48) ने पत्र में कहा है कि जब से उन्हें हिरासत में लिया गया है, उन्होंने कोई पेड़ नहीं देखा है और वह सूरज की रोशनी से भी महरूम हैं। यह पत्र लेई के सहयोगी निक कॉयले ने साझा किया है। पत्र में लेई ने कहा मेरी कोठरी में एक खिड़की के जरिए सूरज की किरणें आती हैं लेकिन मैं साल में सिर्फ 10 घंटे के लिए ही धूप में खड़ी हो सकती हूं।

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा कि राष्ट्र लेई और उनके परिवार का समर्थन करना जारी रखेगा और देश उनके हितों और कल्याण का हिमायती है।

वॉन्ग ने एक बयान में कहा कि लेई का संदेश हमारे देश के लिए उनके गहरे प्रेम को स्पष्ट करता है और ऑस्ट्रेलिया के सभी लोग चाहते हैं कि वे अपने बच्चों और परिवार से मिलें। उन्होंने लेई के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार न्याय, प्रक्रियात्मक निष्पक्षता और मानवीय व्यवहार के बुनियादी मानकों को पूरा करने की मांग की। लेई जब 10 साल की थीं तब अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई थीं और और सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के साथ काम करने के लिए चीन लौटी थीं।

केंद्र की मोदी सरकार पर CM गहलोत का तीखा हमला, कहा- मोदी औऱ शाह ने की मेरी सरकार गिराने की कोशिस

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र की भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए एक बार फिल पीएम मोदी और अमित शाह पर हमला बोला है शुक्रवार को सीएम गहलोत ने राजस्थान चुनाव को लेकर AICC पर्यवेक्षकों की बैठक में शामिल हुए. बैठक के बाद सीएम गहलोत मीडिया से रुबरु हए. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने हमारी सरकार को गिराने की कोशिस की थी. आने वाले समय में जनता इनको जवाब देगी. पीएम मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने के लिए मोदी-शाह ने जिस तरीके से षड्यंत्र किया था, उसे हमने फेल कर दिया

इससे पहले पीसीसी के वॉर रुम में कांग्रेस का महामंथन हुआ. पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी और लोकसभा के 25 पर्यवेक्षकों की मीटिंग में केसी वेणुगोपाल, सीएम अशोक गहलोत, विधानसभा स्पीकर सीपीजोशी, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट, कैबिनेट के मंत्री ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कई दिग्गज शामिल हुए, इस बैठक के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान का चुनाव देश के फ्यूचर को लेकर है. राजस्थान का जनता का भरोसा हमारे साथ है. प्रदेश की जनता आने वाले समय में बीजेपी को सबक सिखाएगी. राजस्थान में बीजेपी का मामला खराब हुआ पड़ा है. इसी कारण पीएम मोदी अब तक 6 बार राजस्थान का दौरा कर चुके है. अमित शाह भी कोई कमी नहीं रख रहे है. गृह विभाग में बैठकर प्लान बना रहे है और षड्यंत्र रच रहे है. हमें इस बारे में पूरी जानकारी है. राजस्थान की जनता ने कोरोना में हमारा साथ दिया, 2023 के चुनावों में भी प्रदेश की जनता ने तय कर लिया है कि सरकार इस बार फिर कांग्रेस पर मुहर लगाए और राजस्थान में सरकार रिपीट करेगी. ताकि लोकतंत्र की हत्या करने वाले लोगों को सबक मिले.

साथ मिलकर लडेंगे चुनाव

सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी पार्टी राजस्थान में मिलकर चुनाव लड़ेगी. साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि हम मिशन 156 को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. छोटे-मोटे मतभेद सभी पार्टियों में होते हैं. कांग्रेस पूरे प्रदेश में एकजुट है और एकजुटता के बल पर हम सरकार रिपीट करेंगे। सीएम गहलोत ने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा कि छोटे-मोटे मतभेदों को फैलाने का प्रयास नहीं करें. बगैर तड़का दिए हुए खबर नहीं बनती है. लेकिन, तड़का देना बंद करो, क्योंकि ये चुनाव राजस्थान के हित में नहीं है. राजस्थान में होने वाला चुनाव देश के फ्यूचर को लेकर है.

Met Gala 2025: Bollywood Celebrities जिसने लूटी महफ़िल – शाहरुख, आलिया और भी कई सितारे ₹25,000 के अंदर बेस्ट Phones: Top 7 Smartphones with Best Features & Performance! महाशिवरात्रि 2025: जानिए पूजा विधि, मंत्र जाप और रहस्यमयी महत्व Naga Sadhu Facts: नागा साधुओं के बारे में 7 रोचक तथ्य: रहस्य, साधना और जीवनशैली Best Indoor Cat Breeds- सबसे अच्छी इनडोर बिल्लियाँ