Friday, February 7, 2025
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‘धरतीपुत्रों’ को समर्पित होगा प्रधानमंत्री का राजस्थान दौरा, रखेंगे भविष्य की नींव

— मोदी 27-28 जुलाई को राजस्थान, गुजरात का दौरा करेंगे
— कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 और 28 जुलाई को राजस्थान और गुजरात का दौरा करेंगे तथा इस दौरान एक लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित करेंगे।प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14 वीं किस्त भी जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक अपने इस दौरे के दौरान मोदी राजस्थान में पांच नए चिकित्सा महाविद्यालयों और छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन करेंगे। साथ ही अपने गृह राज्य गुजरात के राजकोट में एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के साथ ही 860 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

एक लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र राष्ट्र को करेंगे समर्पित

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 27 जुलाई को सुबह लगभग 11:15 बजे राजस्थान के सीकर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएमओ ने कहा कि अपनी यात्रा के पहले दिन राजस्थान के सीकर में प्रधानमंत्री किसानों को लाभान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत एक लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पीएमओ ने कहा, सभी किसानों की जरूरतों के लिए एक ही स्थान पर समाधान प्रदान करने के लिए पीएमकेएसके विकसित किए जा रहे हैं।

मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होगी

इन केंद्रों पर उर्वरक, बीज, उपकरण और मिट्टी से लेकर परीक्षण सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री यूरिया गोल्ड योजना की भी शुरुआत करेंगे। यूरिया गोल्ड यूरिया की एक नई किस्म है जो सल्फर लेपित है और इसकी शुरुआत से मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होगी। पीएमओ ने कहा, यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है। यह पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

किसानों को मिलेगी राहत

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क पर 1,500 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के ऑनबोर्डिंग की शुरुआत करेंगे। ओएनडीसी, एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाता है। पीएमओ ने कहा, किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करने वाले कदम में, प्रधानमंत्री पीएम-किसान के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14 वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से जारी करेंगे।

प्रदेश को मिलेंगे पांच नए चिकित्सा ​महाविद्यालय

इसके अलावा प्रधानमंत्री चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन करेंगे और बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनूं, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री जिन चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन करेंगे उन पर कुल 1400 करोड़ रुपये की लागत आई है जबकि वह जिन सात चिकित्सा महाविद्यालयों की आधारशिला रखेंगे, वे 2275 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में स्थित छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन करेंगे, जिससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जोधपुर में एक केंद्रीय विद्यालय का भी उद्घाटन करेंगे।

Rajya Sabha Parliament Session:  खरगे ने सभापति धनकड़ से कहा- आपका दिल किधर है

नई दिल्ली । राज्यसभा के मामसून सत्र की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेता खरगे और राज्यसभा के सभापति दिल की ऐसी चर्चा हुई कि पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. सदन में आज मणिपुर मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस चल रही थी जिससे सदन में गरमागरमी का माहौल हो गया था. इसी माहौल के बीच सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच ‘दिल’ को लेकर ऐसी चर्चा हुई जिससे सदन में जोरदार ठहाके लगने लगे. सदन में चर्चा के दौरान धनखड़ ने खरगे को संबोधित करते हुए कहा कि “आप मेरे दिल में नंबर 1 वन हैं सर. इसपर खरगे ने कहा कि मुझे मालूम है कि आपका दिल बहुत बड़ा है, लेकिन इस तरफ (विपक्ष) के लिए नहीं बल्कि उस तरफ (सत्ता पक्ष) के लिए है. इस पर धनखड़ ने कहा कि लेकिन दिल तो बायीं तरफ होता है न. इस पर खरगे ने हंसते हुए लेकिन आप हमेशा कुछ यूं मुड़ते हैं. इसपर सदन में जोरदार ठहाका लगने लगा. सदन की गरमागरमी वाले माहौल के बीच जैसे ही खरगे और धनखड़ के बीच हंसी-मजाक वाली बात हुई सदन में माहौल नरम होता दिखाई दिया. लेकिन इसके बाद भी विपक्ष नियम 267 के तहत बहस कराने पर अड़ा रहा. सदने में बार-बार के हंगामें के कारण सभापति धनकड़ ने सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इसी दौरान सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम यहां मणिपुर की बात कर रहे हैं और पीएम नरेंद्र मोदी ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं. उन्होंने सभापति से कहा कि विपक्ष की मांग मानकर इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने की जरूरत है. खरगे ने कहा पीएम मोदी यहां आकर बात क्यों नहीं करते हैं. क्यों हमको समझाते नहीं हैं. बाहर तो बोलते हैं ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में, अरे मणिपुर के बारे में बात करो न.

Rahul Gandhi attack on Pm Modi : कहा- हम भारत हैं, हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछेगें

दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा विपक्षी दलों के गठबंधन पर दिए गए बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पलटवार किया है राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. Pm मोदी ने मंगलवार को बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में राहुल गांधी पूरे विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला था. मोदी ने कहा था कि विपक्ष में पूरी तरह से बिखराव है और इनके नेता हताश नजर आ रहे हैं। इंडिया नाम लगा लेने से कुछ नहीं होता है, इंडिया नाम तो ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था और इंडियन मुजाहिद्दीन, पीएफआई के नाम में भी इंडिया है. इस बयान पर राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए पीएम मोदी  को आइना दिखाया है राहुल गांधी ने अपने ट्वीट मे लिखा “आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी। हम भारत हैं. हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे. हम उसके सभी लोगों के लिए प्यार और शांति वापस लाएंगे. हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे.

राज्यसभा में भी खरगे ने पीएम मोदी को लिया आड़े हाथ

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पीएम मोदी के दिए बयान पर निशाना साधा. खरगे ने कहा कि ‘आज मणिपुर जल रहा है, वहां दुष्कर्म हो रहे हैं। मणिपुर की बात हम कर रहे हैं और यहां प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं.

बेटी ने किया प्रेम विवाह तो माता-पिता ने खुद को दी ऐसी सजा

पाली। शहर के सदर थाना क्षेत्र से एक दपंति द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया है जानकारी के अनुसार जोधपुर रोड घुमटी के निकट अधेड़ उम्र के पति-पत्नी ने ट्रेन के आगे कूद कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. पुलिस ने बताया कि पति-पत्नी ने तेज रफ्तार से आ रही जोधपुर-इंदौर ट्रेन के आगे छलांग लगा दी. हादसे में दोनों पति-पत्नी का मौके पर ही मौत हो गई. हादसे के बाद दोनों के शव के कई टुकड़े हो गए. सूचना मिलने पर सदर थाना एएसआई सत्यनारायण राजपुरोहित मौके पर पहुंचे. मृतकों के शव को बांगड़ हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड निवासी अशोक व्यास और उनकी पत्नी मीना व्यास की बेने प्रेम विवाह कर लिया था जिसके बाद से दोनो पति-पत्नी आहत थे. इसलिए दोनो बुर्जग दंपति ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला लिया. और मंगलवार सुबह जोधपुर की तरफ से आ रही जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस के सामने आकर आत्महत्या कर ली.

प्रहार : कितनी बार तोड़ेंगे जनता का भरोसा

नेता भष्ट्राचार करते हैं, चरित्रहीन होते हैं, जनता को उपयोग-उपभोग की वस्तु समझते हैं, ऐसे किस्से तो राजनीति में रोज कहने-सुनने को मिलते हैं, पर ये ज्यादातर सच होते हैं। ये राजस्थान की राजनीति में चल रहे घटनाक्रमों से सामने आ गया। सरकार बचाने के लिए हर बार करोड़ों-अरबों रुपए खर्च किए गए। जनता के विकास में खर्च होने वाली राशि मैनेज और सैटलमेंट करने में उड़ा दी गई। आखिर कब दल राजनीतिक दलों के लालच का बोझ जनता ढोएगी?


राजेश कसेरा


राजनीति का गिरता स्तर वाकई हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। जिस तरह से हमारे चुने गए जनप्रतिनिधि अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए िकसी भी स्तर पर गिरने का उपक्रम दिखा रहे हैं, उससे स्पष्ट होता जा रहा है कि ये सरेआम उस जनता जनार्दन के भरोसे को छलने और ताेड़ने का काम कर रहे हैं, जिनके कंधों पर उन्होंने क्षेत्र और प्रदेश के चहुंमुखी विकास का जिम्मा सौंपा था, लेकिन जैसे ही सत्ता से ताकत मिली, चाल-चरित्र-चलन की बदल गया। राजस्थान विधानसभा के अंदर और बाहर जिस तरह का सियायी घटनाक्रम सोमवार को दिखा, वैसा पहली बार नहीं हुआ।

बीते पांच वर्षों में कुछ महीनों के अंतराल में किसी न किसी रूप में प्रदेश की जनता ने इसे भाेगा है। राजनीति में खुद के वजूद को बचाने के लिए नेता और दल जिस तरह के छल-प्रपंच कर रहे हैं, उसने नैतिकता की सारी सीमाओं को लांघ दिया है। कभी जनता का समय बाड़ाबंदी और सरकार बचाने में जाया किया जा रहा है तो अधिकांशत: सियासी नाटक-नौटकिंयों को अंजाम देने में। बार-बार इस तरह के हालात देखकर प्रदेश का पढ़ा-लिखा मतदाता या तो खुद के बाल नोंचता है या ये पछतावा करता है कि कैसे लोगों के हाथों में उसने सत्ता की चाबी सौंप दी?

इस बार किस्सा लाल डायरी के रूप में सामने आया है, जिसमें प्रदेश के सत्ताधारियों की करतूतों के स्याह पक्षों को लिखने के दावे किए गए हैं। ये भी बताया गया कि इसमें कैद सच जब सामने आएगा तो जलजला आ जाएगा। अब डायरी में कैद सच कितना कड़वा है, ये तो लिखने वाला जाने या पढ़ने वाला। पर, एक बात साफ है कि राजनीति में फैला भ्रष्टाचार और नेताओं का काला आचरण फिर बेनकाब हो गया। सत्ता को हथियाने के लिए किस कदर षडयंत्र रचे जाते हैं, इसको सरकार में कल तक मंत्री रहे राजेन्द्र गुढ़ा ने खुद उजागर कर दिया।

नेता भष्ट्राचार करते हैं, चरित्रहीन होते हैं, जनता को उपयोग-उपभोग की वस्तु समझते हैं, ऐसे किस्से तो राजनीति में रोज कहने-सुनने को मिलते हैं, पर ये ज्यादातर सच होते हैं। ये राजस्थान की राजनीति में चल रहे घटनाक्रमों से सामने आ गया। सरकार बचाने के लिए हर बार करोड़ों-अरबों रुपए खर्च किए गए। जनता के विकास में खर्च होने वाली राशि मैनेज और सैटलमेंट करने में उड़ा दी गई। आखिर कब दल राजनीतिक दलों के लालच का बोझ जनता ढोएगी?

सरकार किसी दल की हो, सत्ता में बने रहने के लिए रोज नए-नए हथकंडे देखकर जनता अब परेशान हो चुकी है। सब्र का पैमाना छलकने को है। जिस दौर में जरा सी बात का बतंगड़ बनाने के लिए सोशल मीडिया के मंच तैयार बैठे हैं, उस दौर में यदि राजनीतिक दल और नेता जनता को मूर्ख समझने की गलतफहमी पालकर बैठे हों तो वे जान लें कि अंतिम निर्णय इसी जनता को करना है। ऐसे में जनहित, प्रदेशहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर ही काम करने की सोच विकसित करेंगे तो यही सबसे श्रेष्ठ विकल्प साबित होगा।


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सड़क हादसे में उजड़ गया परिवार, हादसा इतना भयंकर

बिजनौर। उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले से सड़क हादसे में एक महिला और उसके 2 बच्चों सहित 4 लोंगो की मौत हो गई. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना सोमवार देर रात की है. कोतवाली देहात इलाके में एक अज्ञात वाहन की टेम्पो से टक्कर हो गई. हादसा इतना भयानक था कि एक महिला और उसके दो बच्चों सहित चार लोगों की मौके पर मौत हो गई. जबकि महिला के पति और अन्य दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये.

कोतवाली देहात थाना प्रभारी निरीक्षक जयवीर सिंह ने बताया कि सोमवार देर रात लगभग 12 बजे नजीबाबाद मार्ग पर टेम्पो की अज्ञात वाहन से टक्कर हो गई. मृतकों में मीरा सैनी (32), उसकी पुत्री प्रिया (आठ) और पुत्र शिवम (सात) की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि मीरा के पति, पुत्री और भाई गंभीर रूप से घायल हो गये। हादसे के बाद गंभीर घायलों को मेरठ अस्पताल ले जाया गया. जहां उपचार के दौरान विकास सैनी की भी मौत हो गयी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी की मदद से आरोपी ड्राइवर व अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है

राज्य सराकार द्वारा तेली घाणी विकास बोर्ड का किया गया

जयपुर। राज्य सरकार द्वारा तेली समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए ‘राजस्थान राज्य तेली घाणी विकास बोर्ड‘ का गठन किया गया. सीएम अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसके गठन का आदेश जारी कर दिया है. यह बोर्ड तेली समुदाय के लोगों के उत्थान के लिए नवीन योजनाएं बनाकर तथा समस्याओं की पहचान कर राज्य सरकार को सुझाव प्रस्तुत करेगा. इस बोर्ड के जरिए तेली घाणी समाज के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण का कार्य किया जाएगा. इसके अलावा समाज में उद्यमिता संवर्धन, रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले कार्य किए जाएगें. समाज के विकास बोर्ड में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्यों सहित कुल 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे। इसके साथ ही उद्योग, प्राथमिक, माध्यमिक और संस्कृत शिक्षा तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, श्रम एवं रोजगार के सयुंक्त निदेशक स्तर के विभागीय अधिकारी राजस्थान स्वर्ण कला विकास बोर्ड सचिव इस बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे. राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. वहीं, कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के संयुक्त निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव के रूप में कार्य करेंगे. कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा.

वीगन आहार अधिक टिकाऊ

मांसाहार के मुकाबले शाकाहार, पर्यावरण के अधिक अनुकूल

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ध्यन में हुआ खुलासा

ऑक्सफोर्ड। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार 55,000 लोगों के आहार डेटा का अध्ययन किया गया और उन्होंने जो खाया या पिया उसे पांच प्रमुख उपायों के साथ जोड़ा गया। जिनमें ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, भूमि उपयोग, जल उपयोग, जल प्रदूषण और जैव विविधता शामिल हैं। अध्ययन के दौरान पाया कि, अधिक मांस खाने वालों की तुलना में शाकाहारियों का आहार पर्यावरण को केवल 30 प्रतिशत प्रभावित करता है। इस अध्ययन के जरिए इस बात का पता लगाना था कि, कौन—सा भोजन पर्यावरण के अनुकूल है और कौन—सा नहीं।

जिन लोगों ने इस अध्ययन में भाग लिया, उन्होंने बताया कि उन्होंने 12 महीनों में क्या खाया और पीया। उन्हें आहार संबंधी आदतों के आधार पर छह अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत किया गया। वीगन, शाकाहारी, मछली खाने वाले, इसके साथ ही कम, मध्यम और ज्यादा मांस खाने वाले अलग।

इन सभी की आहार रिपोर्ट को एक डेटासेट से जोड़ा गया। जिसमें 57,000 खाद्य पदार्थों के पर्यावरणीय प्रभाव की जानकारी थी। महत्वपूर्ण रूप से, डेटासेट इस बात पर ध्यान देता है कि भोजन का उत्पादन कैसे और कहां किया जाता है। उदाहरण के तौर पर स्पेन में ग्रीनहाउस में उगाई गई गाजर का यूके में एक खेत में उगाई गई गाजर से अलग प्रभाव होगा। यह पिछले अध्ययनों पर आधारित है, जो उदाहरण के लिए मानते हैं कि सभी प्रकार की ब्रेड या सभी स्टेक का पर्यावरणीय प्रभाव समान होता है।

चौंकाने वाली बात
सबसे चौंकाने वाली बात रही कि, वीगन आहार सबसे टिकाऊ मांसाहार की तुलना में अधिक पर्यावरण-अनुकूल था। दरअसल, वीगन डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें पशु या उनके जरिए तैयार किए गए किसी उत्पाद को नहीं खाया जाता है। इनमें डेयरी प्रोडक्ट, दूध, शहद, पनीर, मक्खन, अंडे और मांस जैसी चीजें शामिल हैं। इस डाइट में केवल फलीदार पौधे, अनाज, बीज, फल, सब्ज़ियां, नट्स और ड्राए फ्रूट्स शामिल होते हैं।

इसका मतलब दो चरमपंथियों, वीगन और अति मांसाहारी के बीच भारी अंतर हो सकता है। उदाहरण के लिए, हमारे अध्ययन में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के मामले में शाकाहारी लोगों का आहार प्रभाव उच्च मांस खाने वालों का केवल 25% था। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मांस अधिक भूमि का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है अधिक वनों की कटाई और पेड़ों में कम कार्बन संग्रहीत होता है। इस दौरान जानवरों को खिलाने के लिए जो पौधे उगाए जाते हैं उन्हें बढ़ाने के लिए उन पर आमतौर पर जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है।

वहीं गाय और अन्य जानवर सीधे तौर पर स्वयं गैस उत्सर्जित करते हैं। यह सिर्फ उत्सर्जन नहीं है। उच्च मांस खाने वालों की तुलना में, शाकाहारियों का भूमि उपयोग के लिए आहार प्रभाव केवल 25%, जल उपयोग के लिए 46%, जल प्रदूषण के लिए 27% और जैव विविधता के लिए 34% था। यहां तक ​​कि कम मांस वाले आहार का भी उच्च मांस आहार के अधिकांश पर्यावरणीय उपायों पर केवल 70% प्रभाव पड़ा।

वैश्विक प्रभाव

ये निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि खाद्य प्रणाली वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग 30%, दुनिया के मीठे पानी के उपयोग के 70% और मीठे पानी के प्रदूषण के 78% के लिए जिम्मेदार है। दुनिया की लगभग तीन-चौथाई बर्फ-मुक्त भूमि मानव उपयोग से प्रभावित हुई है, मुख्य रूप से कृषि और वनों की कटाई जैसे भूमि उपयोग परिवर्तन के लिए जो जैव विविधता हानि का एक प्रमुख स्रोत है।

युके में कम खा रहे मांस

यूके में, पिछले एक दशक से लेकर 2018 तक मांस की खपत में गिरावट आई है, लेकिन पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य रणनीति और यूके की जलवायु परिवर्तन समिति ने अतिरिक्त 30% -35% कटौती की सिफारिश की है।

हम जो खाते हैं उसके बारे में हम जो चुनाव करते हैं वह व्यक्तिगत होता है। ये बहुत गहरी आदतें हैं जिन्हें बदलना मुश्किल हो सकता है। अध्ययन के जरिए इस बात के सबूत जुटाए रहे हैं कि, खाद्य प्रणाली का वैश्विक पर्यावरण और स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है, जिसे अधिक पौधे-आधारित आहार की ओर रूख करके कम किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने INDIA पर साधा निशाना, सबसे ‘दिशाहीन’ गठबंधन

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये गठबंधन अब तक का सबसे दिशाहीन गठबंधन है मोदी मे कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों  में भी INDIA शब्द का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह किया था।

भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बात कही. केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष के व्यवहार का उल्लेख किया और कहा कि उसके व्यवहार से यह दिखाई पड़ता है कि उसने आने वाले कई वर्षों तक विपक्ष में रहने का निर्णय लिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि ‘‘पीएम मोदी ने एक बहुत बड़ी टिप्पणी की। इंडियन नेशनल कांग्रेस एक अंग्रेज ने बनायी थी. ईस्ट इंडिया कंपनी भी अंग्रेजों ने बनाई थी. आज कल लोग इंडियन मुजाहिद्दीन और इंडियन पीपुल्स फ्रंट भी नाम रखते हैं लोग चेहरे पर चेहरे चढ़ा लेते हैं, जबिक सच्चाई कुछ और ही होती है’ इसके बाद भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री मोदी का हवाला देते हुए कहा कि “जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, उनके पास भी ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम हैं, लेकिन लोग इन हथकंडों से गुमराह नहीं होंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया भी सोचती है, भारत के लोग भी सोचते हैं कि यह शुरुआत है. इसलिए दुनिया भी इस सरकार के साथ, इस नेतृत्व के साथ आगे बढना चाहती है. इसलिए बहुत महत्वपूर्ण समझौते हुए है. विश्व में भारत की मान्यता बहुत बढ़ रही है। भारत के लिए प्रशंसनीय बात है कि दुनिया हमारे ऊपर विश्वास कर रही है।’’ मोदी ने कहा कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ में देश बदल चुका है क्योंकि 2014 में NDA ने जब सत्ता संभाली थी तब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी और दूसरे कार्यकाल में यह पांचवें स्थान पर पहुंची है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर पर पहुंचेगी।

रिश्वत निगल गया पटवारी पड़ गए लेने के देने, सोशल मीडिया पर Video Viral

मध्यप्रदेश के जबलपुर रिश्वत लेने का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जानकारी के अनुसार एक पटवारी रिश्वत के 4500 रुपये निगल गया. लोकायुक्त ने मामले के आरोपी पटवारी को रिश्वत लेते रंगो हाथ पकड़ लिया था. पकड़े जाने के डर से पटवारी ने रिश्वत में मिले 500-500 के 9 नोट को खा लिया. लोकायुक्त की टीम ने पटवारी के मुंह से नोटो को  निकलवाने की कोशिश की. लेकिन लोकायुक्त की टीम की तमाम कोशिसे नाकाम रही क्योकिं तब तक पटवारी पैसे निगल चुका था. पूरा मामला मध्यप्रदेश के कटनी जिले में बिलहरी तहसील का है.

जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पटवारी गजेन्द्र सिंह का नोट चबाते हुए दिख रहा है रिश्वत लेने के बाद आरोपी को लगा की वह पकड़ गया है पकड़े जाने के डर से आरोपी पटवारी मे रिश्वत में मिले नोटो को चबा लिया. इसके बाद लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने जबरदस्ती पहले उसके मुंह से नोट बाहर निकलवाने लगी,  टीम के अधिकारियों ने ज्यादा कोशिश की तो उसने लोकायुक्त के एक सदस्य की उंगली काट ली. लेकिन तमाम कोशिस के बाद में मामले में सफलता नहीं मिलने के बाद लोकायुक्त की टीम ने आरोपी पटवारी को अस्पताल ले जाना उचित समझा. अस्पताल में डॉक्टरों ने उसके मुंह से नोट निकलवाने की कोशिश की, काफी कोशिसो के बाद नोट निकलवाने में डॉक्टर कामयाब नहीं हुए.लोकायुक्त निरीक्षक कमल सिंह उईके ने बताया कि, “बड़खेरा निवासी चंदन लोधी ने अपने दादा के नाम पर जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन किया था. पटवारी गजेन्द्र सिंह ने इस काम के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. इसके बाद चंदन लोधी ने जबलपुर में लोकायुक्त एसपी संजय साहू को मामले की लिखित शिकायत कर दी. फिर जैसे ही सोमवार को पटवारी ने बिलहरी स्थित अपने निजी ऑफिस में रिश्वत की रकम ली, तभी छुपककर बैठी लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया.” जानकारी के मुताबिक, नोट तो हाथ नहीं लगे, लेकिन पटवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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