Friday, May 23, 2025
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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र में इस बार बन रहा यह दुर्लभ संयोग,घर में कब करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हर साल चैत्र माह की अमावस्या के अगले दिन नवरात्र शुरू होते हैं.हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है.नवरात्र के 9 दिनों तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार इसकी शुरुआत 9 अप्रैल से होने वाली है जो कि 17 अप्रैल तक चलेगी.इस साल चैत्र नवरात्रि बहुत शुभ मानी जा रही है.क्यों 30 साल बाद अमृति सिद्धि योग बन रहा है.ऐसा कहा जाता है की अमृत सिद्धि योग में माता रानी की पूजा करने से सभी दुखों और कष्टों का नाश होता है.कलश स्थापना का मुहूर्त भी अतिमहत्वपूर्ण है.सही काल,योग और मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करनी चाहिए.

इस बार नवरात्र का प्रारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग से हो रहा है.इसका शुभ मुहूर्त मंगलवार 9 अप्रैल को सुबह 7:35 से बुधवार 10 अप्रैल सुबह 5:07 बजे तक है.यदि किसी को नवरात्रों में शुभ काम करना है तो आप इन शुभ योग में काम कर सकते हैं.इस बार नवरात्रों में सर्वार्थ सिद्धि योग 4 दिन रहेंगे

अमृत सिद्धि योग क्या होता है ?

इस योग के बारे में बताया जाता है कि अश्विनी नक्षत्र के दौरान माता रानी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. ज्योतिषों के अनुसार,ये अश्विन नक्षत्र 9 अप्रैल को सूर्योदय के 2 घंटे बाद शुरू हो जाएगा.

कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

घट स्थापना के लिए मुहूर्त सुबह 6:02 से लेकर 10:16 मिनट के मध्य रहेगा.9 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त 11:57 से 12:48 बजे के मध्य रहेगा.इस अभिजीत मुहूर्त में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है.

पूजा विधि :सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें.घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें.मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं.धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें.

Maruti Suzuki का 2024-25 में 3 लाख इकाई को पार कर जाएगा Export,2030 तक 8 लाख इकाई का रखा लक्ष्य

नई दिल्ली,पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड निर्यात से उत्साहित मारुति सुजुकी इंडिया को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में उसका निर्यात 3 लाख इकाई को पार कर जाएगा. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक निर्यात के लिए 2030 तक 8 लाख इकाई का लक्ष्य है.मारुति सुजुकी 100 से अधिक देशों में फैले अपने विभिन्न निर्यात बाजारों में और अधिक मॉडल पेश करने की योजना बना रही है, साथ ही वितरण नेटवर्क को भी बढ़ा रही है.

मारुति सुजुकी इंडिया के कॉरपोरेट मामलों के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने पीटीआई को बताया, ”लगभग 3 साल पहले तक हमारा निर्यात सालाना 1 से 1.2 लाख कारों के दायरे में था.एक राष्ट्रीय नजरिए और एक व्यावसायिक महत्वाकांक्षा के तहत हमने इन स्तरों से भारी वृद्धि करने का फैसला किया और 2022-23 में हम लगभग 2.59 लाख इकाइयों पर पहुंच गए.इसके बाद 2023-24 में हमने 2.83 लाख इकाइयों के निर्यात का आंकड़ा पूरा किया.”

उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में जब बाकी कार उद्योग का निर्यात वास्तव में 3 प्रतिशत कम हो गया, मारुति सुजुकी का निर्यात लगभग 9.3 प्रतिशत बढ़कर 2.83 लाख इकाई हो गया.उन्होंने बताया कि इस साल भारत से कार निर्यात में मारुति सुजुकी की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.

राहुल भारती ने कहा कि कंपनी की रणनीति भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है.उन्होंने कहा कि कंपनी की इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन वित्त वर्ष 2024-25 में शुरू होगा और इसका निर्यात जापान और यूरोप जैसे उन्नत बाजारों में किया जाएगा.

AAP Leaders Upwas : केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में ‘आप’ नेताओं का सामूहिक उपवास,जंतर मंतर पर जुटे दिग्गज नेता और मंत्री

नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी के प्रमुख नेता एक दिन के अनशन के लिए रविवार को यहां जंतर-मंतर पर एकत्र हुए.

विदेश में भी हो रहा प्रदर्शन

पार्टी नेताओं ने कहा कि अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेश में भी भारतीय नागरिक इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें बोस्टन में हार्वर्ड स्क्वायर, लॉस एंजिलिस में हॉलीवुड साइन, वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर, न्यूयॉर्क टाइम्स स्क्वायर और टोरंटो, लंदन और मेलबर्न समेत कई स्थान शामिल हैं.उन्होंने बताया कि ‘आप’ शासित पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के गांव खटकर कलां में सामूहिक अनशन में शामिल हुए.

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल, उपाध्यक्ष राखी बिड़लान, मंत्री आतिशी, गोपाल राय और इमरान हुसैन सहित ‘आप’ के कई वरिष्ठ नेता सुबह 11 बजे से राष्ट्रीय राजधानी के जंतर मंतर पर दिन भर के ‘सामूहिक अनशन’ पर बैठे.

गोपाल राय ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप

‘आप’ की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने लोगों से केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अनशन में शामिल होने की अपील की.उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी ‘आप’ को खत्म करने की भाजपा की साजिश का हिस्सा है.बता दें कि केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.

UNGA: भारत के Digital India का संयुक्त राष्ट्र में बजा डंका,संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने की सराहना,कही ये बड़ी बात

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम की सराहना की है, जिससे वित्तीय समावेशन और गरीबी कम करने में मदद मिली है. उन्होंने कहा कि इससे देश को तुलनात्मक लाभ मिला है और इसके सबक को वैश्विक समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है.

”मुझे ‘अतुल्य भारत’ याद आता है”

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र के अध्यक्ष फ्रांसिस ने यहां एक विशेष साक्षात्कार में पीटीआई को बताया, ”सबसे पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि जब से मैं भारत से लौटा हूं, उसके बाद जब भी मैं भारत के बारे में सोचता हूं, मुझे ‘अतुल्य भारत’ याद आता है.मैं पूरी गंभीरता से कहा रहा हूं. और जब मैं वहां था, तब मैंने इसे महसूस किया.उन्होंने कहा,”इस संबंध में मैं जिस विशिष्ट उदाहरण का उल्लेख कर सकता हूं, वह है भारत में डिजिटलीकरण का उपयोग.”

उन्होंने देश के पर्यटन वाक्य ‘अतुल्य भारत’ का जिक्र किया.फ्रांसिस इस साल 22-26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर थे.इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की और जयपुर और मुंबई की यात्रा भी की.उन्होंने गरीबी को कम करने और सिर्फ एक हैंडसेट और डिजिटलीकरण मॉडल के उपयोग से लाखों लोगों को औपचारिक आर्थिक प्रणाली में लाने के लिए भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम की सराहना की.डिजिटलीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लागत को कम करता है, अर्थव्यवस्थाओं को अधिक कुशल बनाता है और सेवाओं को सस्ता बनाता है.

फ्रांसिस ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिल रही है.इस क्षेत्र में भारत को स्पष्ट रूप से तुलनात्मक लाभ है और इसमें ऐसे सबक हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा किया जा सकता है.उन्होंने यह भी बताया कि उनकी भारत यात्रा के दौरान वह देश भर में बुनियादी ढांचे के विकास में किए जा रहे निवेश के स्तर से प्रभावित हुए.

Maharashtra Politics: शरद पवार,उद्धव ठाकरे के लिए राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई बना लोकसभा चुनाव,हारे तो सब कुछ खत्म!,पढ़े पूरी खबर

मुंबई, लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के रफ्तार पकड़ने के बीच महाराष्ट्र की 2 प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों के नेता शरद पवार और उद्धव ठाकरे अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. यह चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार के लिए भी परीक्षा के समान है, जिन्होंने अपने दलों में तोड़फोड़ की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन में शामिल हो गए.लेकिन ठाकरे और शरद पवार के लिए चुनौती अधिक बड़ी है क्योंकि वे सत्ता से बाहर हैं और उन्होंने अपने दलों क्रमशः शिवसेना और राकांपा का मूल नाम और चुनाव चिह्न भी गंवा दिया है.निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को असली राकांपा और असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश अकोलकर ने पीटीआई से कहा कि दोनों नेताओं को चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन करने की जरूरत है, अन्यथा उनके राजनीतिक अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.अकोलकर ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव तक अपने समूह को एकजुट रखने के लिए उद्धव ठाकरे के लिए जरूरी है कि उनके कम से कम 6-7 उम्मीदवार चुनाव जीतें.

वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि ठाकरे को उतनी ही लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना है जितनी सीट पर उनकी पार्टी ने तब चुनाव लड़ा था जब वह 2019 में भाजपा के सहयोगी थी और ठाकरे ने अबतक 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर ऐसा ही किया है जबकि कांग्रेस इनमें से कुछ सीट पर दावा कर रही थी.

बारामती की सीट शरद पवार के लिए अहम

महाविकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे के तहत राकांपा (शरदचंद्र पवार) 10 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है.लेकिन अकोलकर ने कहा कि शरद पवार के लिए अहम सीट उनके गृह क्षेत्र बारामती की है जहां उनकी बेटी और तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले को अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

बारामती सीट बनी प्रतिष्ठा का प्रश्न

अकोलकर ने कहा,”अगर शरद पवार बारामती हार गए तो उनका सब कुछ खत्म हो जाएगा.यह उनके और उनके भतीजे अजित के बीच की लड़ाई है.जहां 83 वर्षीय शरद पवार अपने 5 दशक से अधिक के राजनीतिक करियर में कभी चुनाव नहीं हारे, वहीं उद्धव ठाकरे ने कभी भी सीधा चुनाव नहीं लड़ा है.जब ठाकरे मुख्यमंत्री बने, तो वह विधान परिषद के लिए चुने गए थे.चुनावों से पहले, ठाकरे राज्य के विभिन्न हिस्सों की यात्रा कर रहे हैं और उनकी रैलियों को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.शरद पवार भी पुणे जिले (जहां बारामती निर्वाचन क्षेत्र है) में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वियों से संपर्क कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी बेटी की राह आसान हो.

”सत्तारूढ़ गठबंधन को फायदा होगा”

दलित नेता प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के साथ एमवीए की सीट-बंटवारे की बातचीत विफल हो गई जिसके बाद एमवीए और ‘महायुति’ गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है और अकोलकर की राय में इससे सत्तारूढ़ गठबंधन को फायदा होगा.

शरद पवार और उद्धव ठाकरे का इम्तिहान

वरिष्ठ पत्रकार अभय देशपांडे ने बताया कि चुनाव शरद पवार और उद्धव ठाकरे के इस दावे का भी इम्तिहान है कि उनके संबंधित दलों के पारंपरिक मतदाता और कैडर उनके प्रति वफादार हैं.देशपांडे ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं में भी सब कुछ ठीक नहीं है और यह देखना होगा कि क्या वे अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के उम्मीदवारों के लिए पूरे दिल से काम करते या नहीं है.उन्होंने कहा, “ राजनीतिक दलों में फूट कोई नई बात नहीं है.लेकिन विभाजन के बाद पहली बार विद्रोहियों ने मूल दलों पर कब्ज़ा कर लिया और उन्हें मान्यता मिल गई.

केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप

पूर्व पत्रकार और अब उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी हर्षल प्रधान ने दावा किया कि ये चुनाव वास्तव में भाजपा और उसके नेतृत्व के अस्तित्व को लेकर है.उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने विपक्षी दलों को कमजोर करने और डराने-धमकाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया और इनका तरीका यह है कि विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाओ और फिर उन्हें पार्टी में शामिल कराओ.

राकांपा (एसपी) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने भी यही विचार व्यक्त किया.उन्होंने आरोप लगाया,”यह चुनाव भाजपा के लिए अस्तित्व की लड़ाई है, क्योंकि उन्हें डर है कि वे हार जाएंगे और इसलिए दलों और परिवारों को तोड़ने जैसी घटिया रणनीति का सहारा ले रहे हैं.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रत्नाकर महाजन ने कहा, ”शिंदे और अजित पवार दोनों 60 साल के हो गए हैं.इस उम्र में नई पारी शुरू करना आसान नहीं है.लेकिन उन्होंने ऐसा (अपनी दलों को विभाजित) सत्ता के लिए नहीं बल्कि ईडी, आयकर और सीबीआई की संभावित कार्रवाई से बचने के लिए किया जिसका इस्तेमाल केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए कर रही है.”

Lok Sabha Election 2024: PM Modi की बिहार के नवादा में रैली से पहले कांग्रेस ने पूछे यह 3 सवाल,जानें क्या हैं ये सवाल

नई दिल्ली, कांग्रेस ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ”सत्ता में अपनी जगह बनाने में भले ही महारत हासिल कर ली है, लेकिन बिहार में उसके शासन में बहुत से काम नहीं हुए.पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उन मुद्दों पर जवाब देने की अपील की जिन पर बिहार में ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए था.कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नवादा में प्रधानमंत्री की रैली से पहले उनसे बिहार को लेकर सवाल पूछे.

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,”आज प्रधानमंत्री बिहार के नवादा जा रहे हैं.बिहार भी उन राज्यों में शामिल है जहां भाजपा हाल में किसी तरह से सत्ता में आई थी.उन्होंने सत्ता में अपनी जगह बनाने में भले ही महारत हासिल कर ली है, लेकिन भाजपा के शासन में बहुत से काम अधूरे रह गए हैं.उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री उन मुद्दों से संबंधित 3 सवालों के जवाब देंगे जिन पर उनकी सरकार को ध्यान केंद्रित करना चाहिए था.

”वारिसलीगंज चीनी मिल पिछले 10 साल से बंद क्यों है?”

रमेश ने कहा कि 2014 के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने जब नवादा का दौरा किया था, तो उन्होंने वारिसलीगंज चीनी मिल का मुद्दा उठाया था और पूछा था कि यह इतने सालों से बंद क्यों है.उन्होंने कहा,”इससे हजारों स्थानीय लोगों की उम्मीदें बढ़ गई थी, क्योंकि जब यह मिल चालू थी तब 1,200 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलता था.इसके अलावा सैकड़ों गन्ना किसानों को भी मदद मिलती थी. नवादा से दोनों भाजपा सांसदों- गिरिराज सिंह (2014) और चंदन सिंह (2019) ने भी अपने कार्यकाल के दौरान चीनी मिल शुरू करने का वादा किया था, लेकिन 10 साल बाद, वे सभी वादे खोखले साबित हुए.”उन्होंने कहा कि इस बार जब प्रधानमंत्री नवादा आएंगे तो उन्हें लोगों को जवाब देना होगा कि वारिसलीगंज चीनी मिल पिछले 10 साल से बंद क्यों है.

रमेश ने कहा,”उन्होंने रेसकोर्स रोड का नाम भले ही बदल दिया हो, लेकिन भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त जारी है.हमारे संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भाजपा के मन में कोई सम्मान नहीं है और इसके कारण कोई भी सरकार उनके राजनीतिक हथकंडों से सुरक्षित नहीं रही है.”

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि” भाजपा सत्ता से चिपके रहने के लिए सरकारों को गिराने या विधायकों को खरीदने एवं बेचने के लिए गलत तरीके से हासिल किए गए चुनावी बॉण्ड का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचाती और ऐसा एक बार फिर हुआ जब इस साल नीतीश कुमार फिर से पलट गए.”उन्होंने कहा, ‘‘अब हम जानते हैं कि चुनावी बॉण्ड घोटाले के माध्यम से भारतीय नागरिकों पर 4 लाख करोड़ रुपए की मार पड़ी है.सवाल यह है कि बिहार में सरकार बदलने से भारत की जनता को कितना नुकसान हुआ?”

”बिहार में सार्वजनिक शिक्षा की स्थिति बदतर हो गई है”

रमेश ने दावा किया कि बिहार में सार्वजनिक शिक्षा की स्थिति हाल के वर्षों में बद से बदतर हो गई है और हजारों शिक्षक एवं कॉलेज के सेवानिवृत्त कर्मचारी परेशान हैं क्योंकि उन्हें उनका बकाया भुगतान नहीं किया गया है.उन्होंने कहा,”शिक्षकों की नियुक्ति में देरी के कारण सक्रिय शिक्षकों की संख्या स्वीकृत संख्या से बेहद कम यानी 35 प्रतिशत रह गई है.हाल में, पटना में अतिथि शिक्षक अपनी अचानक बर्खास्तगी के विरोध में सड़कों पर उतरे लेकिन भाजपा-जदयू (जनता दल-यूनाइटेड) सरकार ने उनकी चिंताओं को सुनने के बजाय उन पर लाठीचार्ज करा दिया.”

क्या PM बिहार में शिक्षा के खस्ता हालात पर कुछ कहेंगे?

रमेश ने कहा,”फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार’ (एफयूटीएबी) के कार्यकारी अध्यक्ष के बी सिन्हा ने कहा कि शिक्षा विभाग की मनमानी कार्रवाई के कारण विश्वविद्यालयों की समस्याएं बढ़ गई हैं,और यहां तक कि होली एवं ईद जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों में भी, वेतन और पेंशन तीन-तीन महीने तक रुकी रहती है और किसी को कोई चिंता नहीं होती.”उन्होंने कहा,”क्या प्रधानमंत्री बिहार में शिक्षा के खस्ता हालात पर कुछ कहेंगे? उन्होंने सवाल किया कि बिहार के शिक्षकों की आजीविका सुरक्षित करने के लिए भाजपा-जदयू सरकार क्या कर रही है.रमेश ने प्रधानंमत्री मोदी से इन मुद्दों पर ‘‘चुप्पी’’ तोड़ने का आग्रह किया.

Pakistan Cricket : न्यूजीलैंड के खिलाफ पाकिस्तान की टी20 टीम के कोच के नाम फाइनल,कोच की भूमिका में दिखाई देंगे ये खिलाड़ी

लाहौर,पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने इस महीने के अंत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टी20 श्रृंखला के लिए चयन समिति के सदस्यों मोहम्मद यूसुफ और अब्दुल रज्जाक को क्रमश: अंतरिम मुख्य कोच और सहायक कोच नियुक्त करने का फैसला किया है. यह फैसला तब किया गया जब लंबी अवधि की भूमिका के लिए विदेशी कोच गैरी कर्स्टन और जेसन गिलेस्पी के साथ बातचीत जारी है.

बोर्ड के एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा कि गिलेस्पी के साथ बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है क्योंकि वह लाल गेंद के प्रारूप के मुख्य कोच के रूप में कार्यभार संभालने के लिए सहमत हो गए हैं.कर्स्टन के साथ चर्चा को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है क्योंकि वह इंडियन प्रीमियर लीग में व्यस्त हैं.

सूत्र ने कहा, ‘‘गिलेस्पी सहमत हुए हैं लेकिन उन्होंने अपनी फीस और पाकिस्तान में उपस्थित रहने के दिनों के संदर्भ में शर्त रखी है. कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज टी20 विश्व कप के बाद उपलब्ध होंगे जब पाकिस्तान बांग्लादेश, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अभियान को आगे बढ़ाएगा.अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो कर्स्टन सफेद गेंद के प्रारूप के नए कोच होंगे.

सूत्र के अनुसार न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच टी20 मैच की श्रृंखला 18 अप्रैल से शुरू हो रही है इसलिए बोर्ड ने यूसुफ और रज्जाक को टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी देने का फैसला किया है.

लोकसभा चुनाव: पुष्कर में पीएम मोदी ने की रैली, कांग्रेस पर गरजे प्रधानमंत्री, बोले- उनका घोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा

अजमेर: पीएम नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की ऐतिहासिक तीर्थनगरी पुष्कर में शनिवार को जनसभा को संबोधित किया। यहां प्रधानमंत्री ने कहा कि बीजेपी नए भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जगत पिता ब्रह्मा, भक्त शिरोमणि मीरा बाई और वीर तेजाजी समेत अन्य स्थानीय लोक देवताओं को याद करते हुए कहा कि पुष्कर से कमल का सदियों पुराना संबंध है। आज ही के दिन बीजेपी की स्थापना हुई थी और इसका चिन्ह भी कमल है।

महिलाओं और बेटियों पर केन्द्रित भाषण

अजमेर के पुष्कर में पीएम मोदी का पूरा भाषण महिलाओं और बेटियों पर केन्द्रित था। प्रधानमंत्री ने पीएम उज्जवला योजना से लेकर जन धन खातों तक महिलाओं से जुड़ी सभी योजनाओं का लेखाजोखा सभा में रखा। उन्होंने महिलाओं को बार-बार नमन करते हुए बेटियों के सफलताओं को गिनाया। उन्होंने नारी कल्याण के लिए किए गए सभी कार्यों को एक-एक करके जनता के सामने रखा और लोकसभा चुनाव के लिए फिर से आशीर्वाद मांगा।

यह तो केवल ट्रेलर है

उन्होंने फिर इस बात को दोहराया कि यह तो केवल ट्रेलर है, हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। 2024 का चुनाव सामान्य चुनाव नहीं है। बरसों तक गठबंधन की मजबूरियों की सरकारें चलीं। कांग्रेस राज के समय किसान, मजदूर, महिला और युवाओं का जीना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा जहां कांग्रेस है वहां विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मोदी देश के गरीब के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। मोदी ने 10 साल में इनकी लूट की दुकान का शटर गिरा दिया है।

कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर मुस्लिम लीग की छाप

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उसके घोषणा-पत्र को लेकर कहा कि उसमें मुस्लिम लीग की छाप है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में भारत के टुकड़े करने की बू आ रही है। जो गलती आजादी के समय मुस्लिम लीग ने की थी वही गलती कांग्रेस ने की है। कांग्रेस के पास न सिद्धांत बचे न नीतियां। कांग्रेस के लिए कहा जाता है कि ‘एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा’, एक तो परिवारवादी पार्टी ऊपर से भ्रष्टाचारी पार्टी।

‘मोदी ‘कामदार’ है इसलिए ‘नामदार’ करते हैं विरोध’

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। बीजेपी अपने तीसरे कार्यकाल के लिए पहले 100 दिन के कार्ययोजना बना चुकी है। इसमें भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। मोदी ने इस मौके पर 4 जून को 400 पार और अबकी बार 400 पार का नारा दिया। पीएम ने कहा कि मोदी ‘कामदार’ है इसलिए ‘नामदार’ उसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाना है। दुनिया की तीसरी बड़ी ताकत बनाना है। ये मोदी की गारंटी है।

‘मोदी जी खुद को महान बताकर लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं’, जयपुर से सोनिया का PM पर वार

जयपुर: कांग्रेस ने शनिवार को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में ‘न्याय पत्र महासभा’ का आयोजन किया, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हुए। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘वीरों और देश भक्तों के इस महान प्रदेश के प्रतिनिधि के तौर पर इस कार्यक्रम में आपके बीच आकर मुझे अपार गर्व हो रहा है। साथियों, कभी हमारे महान पूर्वजों ने अपने कठिन संघर्ष के बल पर पराधीनता के अंधेरे में देश की स्वाधीनता के सूर्य को खोजा और पाया था। इतने वर्षों बाद वो महान ज्योति कुछ मद्धिम पड़ गई है। चारों ओर अन्याय का अंधकार बढ़ा है। हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और न्याय की रोशनी खोजेंगे।’

सोनिया गांधी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘यह देश कुछ लोगों की जागीर नहीं। देश से बड़ा कोई नहीं हो सकता है। अन्याय के खिलाफ हमें एकजुट होना है। लोकतंत्र आज खतरे में है, संविधान बदलने की साजिश हो रही है। युवाओं में बेरोजगारी से निराशा है। बीजेपी के 10 वर्षों के शासनकाल में महंगाई चरम पर है। आज रोज की कमाई से खाने-पीने का सामना इकट्ठा कर पाना मुश्किल है, रसोई की बढ़ती कीमत हमारी माताओं-बहनों के सामने मुश्किल खड़ी कर रही है। दुर्भाग्य से आज हमारे देश में ऐसे नेता सत्ता में विराजमान हैं, जो लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं। मोदी जी खुद को महान मान कर, देश और लोकतंत्र की मर्यादा का चीर हरण कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं को भाजपा में शामिल होने की धमकी दी गई है।’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जयपुर में पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो हमने 25 गारंटी पूरी करने का वादा किया है। पीएम मोदी के विपरीत, हम झूठ नहीं बोलते… उन्होंने कई गारंटियां दी हैं, लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अब तक कौन सी गारंटी पूरी हुई है? उन्होंने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने की गारंटी दी थी, तो पिछले 10 साल में उन्हें 20 करोड़ नौकरियां देनी चाहिए थीं। मैं पूछना चाहता हूं कि आपको 20 करोड़ नौकरियां मिलीं क्या? मोदी ने कहा था कि विदेशों में जमा काला धन रखे लाकर 15-15 लाख दूंगा, लेकिन नहीं दिया। प्रधानमंत्री सिर्फ झूठ बोलते हैं। नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर दूंगा, क्या उन्होंने किया? मोदी जी झूठों के सरदार हैं। मुझे नहीं पता वह क्यों इतना झूठ बोलते हैं।’

प्रियंका गांधी ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी चरम पे है, 10 साल से भाजपा की सरकार ने इस समस्या के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा और मोदी सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए क्या किया है? उन्होंने वादे तो किये लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। अग्निवीर योजना लेकर आए जिससे युवाओं की उम्मीदें टूट गईं… हर राज्य में पेपर लीक हो रहे हैं… किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन पीएम मोदी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। आप जो वोट डालने जा रहे हैं, वह देश के लोकतंत्र को बचाएगा। आप सोच रहे होंगे कि हमारा लोकतंत्र कैसे खतरे में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जो बड़ी-बड़ी संस्थाएं बनाई गई थीं, वे कमजोर हो रही हैं, उनका दुरुपयोग हो रहा है। आज स्थिति यह है कि लोगों को ईवीएम पर भी भरोसा नहीं रहा… जनता को अब ईवीएम पर भी भरोसा नहीं रहा। उन्हें नहीं पता कि वो जिसे वोट डालेंगे उसी को जाएगा या नहीं।’

इटली के ज्वालामुखी पर दिखी एक दुर्लभ घटना, माउंट एटना के ऊपर नजर आए रहस्यमयी छल्ले

यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना से बेहद विचित्र घटना देखने को मिली। यहां ज्वालामुखी के उपर धुएं के छल्ले देखने को मिले, जिसे ‘वोल्केनिक स्मोक रिंग्स’ (volcanic smoke rings) कहा जाता है।

ये छल्ले यूरोप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट एटना से निकले। मारिया लिओटा द्वारा 5 अप्रैल, 2024 को ब्रोंटे, सिसिली, इटली स्थित अपने घर से ली गई अलौकिक तस्वीरों की श्रृंखला में एक विचित्र घटना दिखाई देती है जिसे ‘वोल्केनिक स्मोक रिंग्स’ (volcanic smoke rings) के रूप में जाना जाता है।

एटना भूमध्य सागर के मध्य में सिसिली द्वीप से 11,000 फीट ऊपर है। यह ज्वालामुखी बार-बार फूटता है, और इसके विस्फोटों को कई वर्षों से मॉनिटर किया गया है।

अभी तक, धुएँ के छल्ले कैसे बनते हैं, यह अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। माना जाता है कि इसके निर्माण के लिए शांत वातावरण और गोलाकार ज्वालामुखीय वेंट की आवश्यकता होती है। हालांकि तकनीकी रूप से, यह वास्तव में धुआं नहीं है। जब गर्म ज्वालामुखीय गैसें एक छोटी पल्स में वेंट से अचानक निकलती हैं, तो गैसें ऊपर की ओर बढ़ती हैं और एक बादल बनाती हैं। जबकि दुनिया भर के ज्वालामुखियों में धुएं के छल्लों का दस्तावेजीकरण किया गया है, इस तरह के कई प्रदर्शन बेहद दुर्लभ हैं।

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