जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छुपाने की शिकायत सामने आई है। इसको लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जोधपुर के सरदारपुरा रिटर्निंग ऑफिसर संजय कुमार बासु को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने रिटर्निग ऑफिसर से मामले की जानकारी मांगी है।
इधर, मुख्यमंत्री गहलोत के नामांकन में आपराधिक तथ्य छिपाने की बात से सियासत का पारा चढ़ गया है। भाजपाइस मुद्दे को लेकर जमकर हमलावर बन गई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री गहलोत का नामांकन रद्द हो सकता है? हालांकि रिटर्निंग अधिकारी की ओर से मंगलवार को नामांकन पत्रों की संवीक्षा में इसे खारिज नहीं किया।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने करवाई ऑनलाइन शिकायत
सीएम गहलोत ने 6 नवंबर को नामांकन की अंतिम तिथि के दिन अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। भाजपा ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने नामांकन में दिए गए शपथ पत्र में दो आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है। इसको लेकर कार्यकर्ताओं ने एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के दर्ज होने के बाद कांग्रेस की सियासत में हड़कंप मच गया है। सीएम गहलोत ने चार नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, ताकि कोई गलती होने पर दूसरा पत्र माना जा सके।
भाजपा को बैठे बिठाए मिला मुद्दा, CM पर बरसी
गहलोत के खिलाफ नामांकन पत्र में तथ्य छुपाने को लेकर ऑनलाइन शिकायत की गई है। इस शिकायत के बाद भाजपा की ओर से एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि गहलोत के खिलाफ न्यायालय में पांच मामले चल रहे हैं। लेकिन गहलोत ने सभी मामलों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने तथ्य छुपाते हुए दिल्ली के दो मामलों को नहीं बताया है। जबकि उन्होंने अपने शपथ पत्र में पांच की जगह तीन मामलों का उल्लेख किया हैं। इनमें एक दिल्ली और दो जयपुर के बताए गए हैं। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इस मामले में ऑनलाइन शिकायत दर्ज हुई है। रिटर्निंग ऑफिसर से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद मामले की जांच होगी।
इन मामलों पर उठे हैं सवाल, जिन पर मचा बवाल
शिकायत पत्र में बताया गया है कि पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है। जो कि जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पत्र में एफआईआर की संख्या 409/2015 बताई गई है। इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ हैं। इसके बारे में गहलोत ने अपने नामांकन में जानकारी नहीं दी है। यह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है। जबकि दूसरा मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। जिसमें शिकायतकर्ता के मुताबिक कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश था। शिकायत में मामला भी अभी राजस्थान उच्च न्यायालय में बताया है।