Ram Navmi 2024 in Ayodhya : देशभर में आज रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है.लेकिन अयोध्या में आज रामनवमी बेहद खास है.राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में यह पहली रामनवमी है.इस मौके पर वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया.इसके साथ ही लाखों भक्तों ने परम ब्रह्म परमेश्वर के इस दिव्य स्वरुप के दर्शन किए.सूर्य कि किरणों ने करीब 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई,सूर्य तिलक से पहले रामलला को मंत्रोच्चारण के साथ भोग लगाया गया है.सूर्य तिलक होने के साथ ही भक्तों ने जय श्रीराम के नारे लगाए.इसके साथ ही प्रभु की विधिवत आरती भी की गई.
जय श्रीराम के नाम से गूंज उठा मंदिर परिसर
इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त अयोध्या पहुंचे. सूर्य तिलक के समय पूरा मंदिर परिसर श्रीराम के नाम से गूंज उठा. हर तरफ मंत्रोच्चारण की गूंज थी. इस मौके पर श्रीराम ने पीले रंग के खास वस्त्र धारण किए थे. ये वस्त्र खादी और हैंडलूम से तैयार किए गए हैं
ऐसे किया सूर्य ने राम का ‘तिलक’
अयोध्या में राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर रामलला की मूर्ति तक अष्टधातु के कई पाइप लगाए गए थे.गर्म किरणें रामलला के मस्तक पर न पड़ें. इसके लिए फिल्टर का इस्तेमाल किया गया था. आप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति तक पहुंचाई गईं थी.रामलला के माथे पर काफी देर तक सूर्य की रोशनी चमकती रहीं.
सूर्य तिलक लगभग 4-5 मिनट के लिए किया गया
मंदिर के प्रवक्ता प्रकाश गुप्ता ने पीटीआई को बताया,”सूर्य तिलक लगभग 4-5 मिनट के लिए किया गया था जब सूर्य की किरणें सीधे राम लला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित थीं. गुप्ता ने कहा, ‘मंदिर प्रशासन ने भीड़भाड़ से बचने के लिए सूर्य तिलक के समय भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोक दिया.’
CSIR-CBRI, रूड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी पी कानूनगो ने कहा, ‘योजना के अनुसार दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया,इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने मंगलवार को किया था.
सूर्य तिलक योजना का मूल उद्देश्य
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिक डॉ एस के पाणिग्रही ने पीटीआई को बताया था,”सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य रामनवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के मस्तक पर एक तिलक लगाना है.परियोजना के तहत, श्री रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी लाई जाएगी.”
उन्होंने बताया था, ”सूर्य तिलक परियोजना के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा. हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है.विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहराई जाती है.