राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनआईए ने बुधवार को देश के बड़े दुश्मन को दुबई से पकड़ने में सफलता हासिल की। एनआईए ने अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने वाले और पंजाबी सिंगर सिद्दू मूसेवाला की हत्या की साजिश करने वाले अपराधियों में शामिल गैंगस्टर विक्रम बराड़ को दुबई में गिरफ्तार किया। अब एनआईए टीम बराड़ को भारत ला रही है। उसके गिरफ्त में आने से कई खुलासे हो सकेंगे।
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सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद से फरार था
गैंगस्टर विक्रम बराड़ सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के बाद से फरार था। बराड़ हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे के पास डिंगा गांव का रहने वाला है। वह हत्या और वसूली सहित 11 मामलों में वांटेड है। एनआईए के अनुसार सिद्धू मूसेवाला मर्डर में उसकी सक्रिय भूमिका थी। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए उसको उगाही की रकम भेजी थी। सलमान को धमकी देने के मामले में भी लॉरेंस के खास विक्रम का नाम सामने आया था। बराड़ दुबई में बैठकर गैंगस्टर लॉरेंस की गैंग चला रहा था। एनआईए ने उसको आतंकी माना और उसके खिलाफ यूएपीए कानून के तहत आतंकी धाराओं में मामले दर्ज किए।
सलमान की सुरक्षा बढ़ाई थी, Y+ सुरक्षा दी
लॉरेंस गैंग से धमकी मिलने के बाद सलमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। उन्हें Y+ सुरक्षा दी गई। बराड़ राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का भी करीबी रह चुका। हनुमानगढ़ एसपी अजय सिंह ने बताया कि बराड़ चंडीगढ़ और इसके आसपास सक्रिय रहता था। देशभर में उस पर केस दर्ज हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे ढूंढ रही है। हनुमानगढ़ के पीलीबंगा थाने में भ्सी पर केस दर्ज है। उसने पिछले साल एक आढ़त व्यापारी पुरुषोत्तम अग्रवाल को वॉट्सऐप कॉल करके 30 लाख रुपए मांगे थे। न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में लोकल पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही है।
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सलीम खान को धमकी भरी चिट्ठी बराड़ ने भिजवाई थी
सलमान खान के पिता सलीम खान को धमकी से भरी चिट्ठी विक्रम बराड़ ने भिजवाई थी। वह लॉरेंस के कम्यूनिकेशन कंट्रोल रूम की तरह काम करता था। उसके खिलाफ इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर जुलाई के पहले सप्ताह में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। विक्रम टारगेट किलिंग के अलावा लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य गैंगस्टर्स की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में भी शामिल था। विक्रम कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ को भी कॉल की सुविधा प्रदान कर रहा था और उनके निर्देशों पर भारत के लोगों को जबरन वसूली के लिए धमकाता था।