कोटा। राजस्थान की कोचिंग नगरी कोटा में जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी किया है इस आदेश के मुताबिक शहर के सभी हॉस्टल मालिकों और पेइंग गेस्ट के मालिकों को पंखों में एक सिक्योरिटी डिवाइस लगानी होगी. कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कोटा जिला कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है.
गौरतलब है कि साल 2023 के पहले आठ महीनों में कोटा में लगभग 21 छात्रों ने आत्महत्या कर ली. जिनमें से अंतिम चार घटनाएं 13 दिनों के अंदर ही हुईं है. 2015 के बाद छात्रो द्वारा आत्महत्या करने का यह आक़डा सबसे अधिक है. शनिवार को कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए डीएम बुनकर ने जिला पुलिस, कोचिंग प्रबंधन और हॉस्टल अथॉरिटी के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद गुरुवार को नए आदेश में, कलेक्टर ने कहा कि छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए, यह आदेश सभी मालिकों और छात्रावासों और पीजी के प्रबंधकों को हर कमरे में पंखों में एक सुरक्षा स्प्रिंग डिवाइस स्थापित करने का निर्देश देता है।” इस आदेश की अवहेलना करने पर हॉस्टल और पीजी को जब्त कर लिया जाएगा और मालिकों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.
किस तरह काम करते है स्प्रिंग-लोडेड पंखे
इस तरह के पंखो को स्प्रिंग के जरिए फिट किया जाता है. जिससे की इन पर वजन पड़ने पर यह नीचे आ जाता है. इन पंखो में एक खास तरह की अलार्म सिस्टम लगा होता है. जिससे की अलार्म बज जाता है. फिलहार कोटा जिला प्रशासन ने शहर के सभी हॉस्टलों और पेइंग गेस्ट (PG) को सभी कमरों में स्प्रिंग-लोडेड सीलिंग पंखे लगाने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही कोटा जिला पुलिस अधिकारियों ने हॉस्टलों और पीजी में कोचिंग छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी रखने के भी आदेश दिए हैं. जिला कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशों में कोचिंग संस्थानों को साप्ताहिक एक दिन की छुट्टी रखने, प्रत्येक बैच में 80 से अधिक छात्र नहीं रखने और छात्रों और संकाय दोनों के लिए एक अनिवार्य मनोवैज्ञानिक परीक्षण आयोजित करने का भी प्रावधान रखा गया है
राज्य के मुखिया सीएम गहलोत ने भी जाहिर की चिंता
कोटा में बढ़ती आत्महत्याओं के लिए सीएम गहलोत भी चिंतित नजर आ रहे है. सीएम गहलोत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि कोटा में लगभग 18-19 बच्चों ने आत्महत्या कर ली है, इसलिए छात्रों की समस्याओं को समझना महत्वपूर्ण है. कोचिंग प्रबंधन प्रमुखों को एक बैठक के लिए बुलाया गया है और क्या किया जाना चाहिए इस पर चर्चा की जाएगी। मैं खुद समझने की कोशिश कर रहा हूं कि बच्चों पर ऐसा क्या दवाब आता है कि वे कोचिंग में आने के बाद आत्महत्या कर रहे हैं
लेकिन क्या ये सब करने से आत्महत्याओं पर रोक लग पाएगी ? कमरे में पंखे के अलावा खिड़कियों में लोहे की जालियां लगी होती है कई केसों में देखा गया है कि छात्र खिडकियों में लगी जाली से भी फंदा लगा लेते है. बड़ा सवाल यह उठता है कि इन सबके पीछे मूल कारण क्या है? पंखे में स्प्रिंग लगा देने से कितना फायदा होगा यह तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा. लेकिन कमरे में पंखे के अलावा छज्जे, बरामदे, पॉर्च और न जाने क्या-क्या विकल्प हैं, क्या उन्हें भी बदला जाएगा.