अयोध्या। आखिर गर्भगृह से सबके प्रभुश्री राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही पहली तस्वीर सामने आ गई। एक दिन पहले मूर्ति के दर्शन तो सबको हुए, लेकिन आंखों में पीली पट्टी बंधी होने से उनके नैनों के दीदार नहीं हो पाए। भक्त उनसे नैन लड़ाने को आतुर थे, पर शुक्रवार को उनकी यह इच्छा भी उस समय पूरी हो गई, जब गर्भगृह से रामलला की पहली पूरीइ झलक मिल गई। इस तस्वीर में उनका पूर्ण स्वरूप दिखा। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिखे। उनके चेहरे पर भक्तों के मन को मोह लेने वाली मुस्कान है। रामलला की यह मूर्ति कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है।
मूर्ति में बाल सुलभ कोमलता झलक रही है। इसमें रामलला की भुजाएं घुटनों तक हैं। रामलला की मूर्ति श्याम शिला से बनी है। इसकी आयु हजारों सालों की होती है, यह जलरोधी है। पैर की अंगुली से ललाट तक मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच है। मूर्ति का वजन 150 से 200 किलो है, मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल बना हुआ है। सामने आई तस्वीर में रामलला की आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। रामलला की मूर्ति के पार्श्व भाग में शिला पर आकृतियां उकेरी गई हैं। महामंडलेश्वर संत श्री सतुआजी महाराज की मानें तो प्रतिमा के पार्श्व भाग को ‘प्रभा’ कहते हैं।
सामने से मूर्ति को देखें तो बाईं तरफ ओम की आकृति उकेरी नजर आती है। वहीं, दाईं तरफ स्वास्तिक, शंख और चक्र बने नजर आते हैं। शिला का पार्श्व भाग दोनों तरफ से जहां से शुरू होता हैं, वहां कुछ और प्रतिमाएं उकेरी हुई दिखती हैं। माना जा रहा है कि शिला के पार्श्व भाग में नीचे की ओर एक तरफ हनुमान जी और दूसरी तरफ गरूड़ भगवान की प्रतिमा बनाई गई है।
अयोध्या में आज ये सारे अनुष्ठान किए गए
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट की गई। अग्नि प्रकट के साथ चौथे दिन का अनुष्ठान शुरू हो गया है। शुक्रवार से यज्ञ मंडप में हवन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। वेद मित्रों से आहुतियां डाली जाएगी। इसके पहले गणपति आदि स्थापित देवताओं का पूजन किया गया। पूजन के क्रम में ही द्वारपालों द्वारा सभी शाखाओं का वेदपारायण, देवप्रबोधन, औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, कुण्डपूजन, पञ्चभूसंस्कार होगा। मंडपपूजा के क्रम में मंदिर के तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपाल की पूजा की गई। वहीं, पांच वैदिक आचार्यों ने अनुष्ठान की कड़ी में ही चारों वेदों का पारायण भी शुरू कर दिया है, जिनका पारायण 21 जनवरी को होगा।
इससे पहले दो और तस्वीरें भी जारी की गई थीं
रामलला के अचल विग्रह की दो तस्वीरें सामने आईं थीं। पहली तस्वीर में रामलला को ढक कर रखा गया था। इसकी तस्वीर कल ही सामने आई थी। शुक्रवार को रामलला का पूरा आवरण सामने आया है। इससे पहले गुरुवार को ढकी मूर्ति का ही पूजन किया गया था। रामलला के अचल विग्रह, गर्भगृह स्थल और यज्ञमंडप का पवित्र नदियों के जल से अभिषेक किया गया। पूजन के क्रम में ही राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला का जलाधिवास व गंधाधिवास हुआ।
राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला आमंत्रण
◆ 5 जजों को अभिषेक समारोह के लिए राज्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया
◆ आमंत्रितों में पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और शीर्ष वकीलों सहित 50 से अधिक न्यायविद भी शामिल
◆ पूर्व CJI रंजन गोगोई, पूर्व CJI शरद अरविंद बोबडे, CJI डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर के नाम शामिल