Sunday, December 22, 2024
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संसद और विधानसभाओं का उपयोग विचार-विमर्श और संवाद के लिए हो – धनखड़

भरतपुर । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद और विधानसभाओं में व्यवधानों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि इन मंचों का उपयोग विचार-विमर्श और संवाद के लिये होना चाहिये। धनखड़ ने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने जनप्रतिनिधियों से जवाबदेही मांगे ताकि उनका आचरण अनुकरणीय बने।

उपराष्ट्रपति ने भरतपुर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने संसद और विधानसभाओं में व्यवधानों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन मंचों का प्रयोग विचार-विमर्श और संवाद के लिये होना चाहिये। उन्होंने कहा आप दूसरों के मत से सहमत भले ही न हों, लेकिन यदि आप दूसरे के मत को सुनने को ही तैयार नहीं हैं तो यह स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है।

जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए धनखड़ ने कहा कि इसका असर कश्मीर के विकास में दिख रहा है और वहां जाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। उपराष्ट्रपति ने कहा जब हमारा महान भारत का दुनिया में दबंग रूप दिख रहा है तो कुछ लोगों का हाजमा खराब हो रहा है और वे देश के बारे में नकारात्मकता फैलाते हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि प्रजातंत्र की रक्षा में और कानून का राज स्थापित करने में वकील समुदाय की सशक्त भूमिका है।

उपराष्ट्रपति ने कहा भारत की न्याय व्यवस्था बेहद मजबूत है लेकिन कुछ लोगों को जब कानून का नोटिस मिलता है तो वे अदालत जाने के बजाय सड़कों पर प्रदर्शन करने पर उतारू हो जाते हैं। इस प्रवृत्ति को रोकना जरूरी है। भारतीय दंड संहिता में प्रस्तावित बदलावों के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा ये कानून अंग्रेजों की विरासत थी और इनके कई प्रावधान अनावश्यक रूप से परेशान करने वाले हैं। इनकी जगह आ रहे नये कानून नये भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे और न्याय दिलाने के वकीलों के काम को और भी सार्थक करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस देश में न्याय देने की व्यवस्था कमजोर हो जायेगी तो प्रजातंत्र फलेगा-फूलेगा नहीं।

उपराष्ट्रपति ने कहा एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं लेकिन यह कहना कि हम इस पर चर्चा ही नहीं करेंगे, अलोकतांत्रिक है। धनखड़ को मंगलवार को गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की जयंती पर उनके गांव गुडला पहाड़ी पहुंचकर ‘कर्नल बैंसला जयंती महोत्सव’ में भाग लेना था लेकिन खराब मौसम के चलते उनका हेलीकॉप्टर करौली में न उतर सका। इसका जिक्र करते हुए उन्होंने समाज के विकास में कर्नल बैंसला के योगदान को याद किया और कहा कि समाज को उनके 3 संदेश थे – पहला बच्चियों को पढ़ाओ, दूसरा उनकी शादी कम उम्र में मत करो, और तीसरा कर्जमुक्त होने का। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, भरतपुर की सांसद रंजीता कोली, बार के पदाधिकारी, वकील और न्यायिक कर्मचारी उपस्थित रहे।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
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