नई दिल्ली, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति खन्ना को पद की शपथ दिलाई. इस दौरान पीएम मोदी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
6 महीने से अधिक समय का रहेगा कार्यकाल
बता दें कि न्यायमूर्ति खन्ना 6 महीने से अधिक समय तक प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे. वह 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. उन्होंने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर रविवार को सेवानिवृत्त हो गए.
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना ?
14 मई 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ (सीएलसी) से कानून की पढ़ाई की है. न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया.
जस्टिस संजीव खन्ना के उल्लेखनीय निर्णय
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों में चुनावों में EVM के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ये उपकरण सुरक्षित हैं और इनसे मतदान केंद्रों पर कब्जा कर फर्जी मतदान करने की आशंका समाप्त हो जाती है. वह 5 न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने राजनीतिक दलों को वित्त पोषण देने वाली चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था.न्यायमूर्ति खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था.