जयपुर। 25 लाख रुपये के चेक अनादरण (डिसऑनर) के एक मामले में जयपुर महानगर द्वितीय स्थित विशेष न्यायाधीश (एनआई एक्ट) क्रम-1 ने फर्म कृष्णा इंडस्ट्रीज, उसके संचालक संजय गुप्ता और उनके पिता कैलाश चंद गुप्ता के खिलाफ संज्ञान ले लिया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल 2026 को तय की है.
जानकारी के अनुसार, मेघराज यादव ने संजय गुप्ता एवं कैलाश चंद गुप्ता को 25 लाख रुपये आरटीजीएस (RTGS) के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से चेक नंबर 145412 द्वारा दिए थे. आरोप है कि उक्त राशि लौटाने के आशय से संजय गुप्ता और कैलाश चंद गुप्ता ने अपनी फर्म कृष्णा इंडस्ट्रीज की ओर से एक चेक मेघराज यादव को प्रदान किया.
बताया गया कि यूको बैंक का चेक नंबर 000268, दिनांक 24 मई 2025, बैंक में प्रस्तुत करने पर “फंड्स इनसफिशिएंट” के कारण अनादरित हो गया। इसके बाद मेघराज यादव की ओर से उनके अधिवक्ता शशि शेखर गौड़ द्वारा नियमानुसार समयावधि में विधिक नोटिस दिया गया। नोटिस अवधि में भुगतान नहीं होने पर नियत समय में न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया।
परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने फर्म कृष्णा इंडस्ट्रीज, कैलाश चंद गुप्ता और संजय गुप्ता के विरुद्ध नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत संज्ञान लिया है, और मामला वर्तमान में न्यायालय में लंबित है. वहीं मेघराज यादव ने आरोप लगाया है कि प्रकरण दर्ज होने के बाद से संजय गुप्ता द्वारा लगातार उन्हें मामला समाप्त करने का दबाव बनाया जा रहा है, साथ ही जान से मारने की धमकियां भी दी जा रही हैं।




