नई दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मौजूदा लोकसभा चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी और कहा कि अर्जी में लगाए गए आरोप ‘निराधार’ और ‘बेतुके’ हैं. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि याचिका दुर्भावनापूर्ण और परोक्ष उद्देश्यों से प्रेरित है और इस तरह के आरोप स्वीकार नहीं किए जा सकते.
याचिका में लगाया गया है यह आरोप
कैप्टन दीपक कुमार की याचिका में आरोप लगाया गया था कि मोदी और उनके साथियों ने 2018 में एअर इंडिया के एक विमान की घातक दुर्घटना की योजना बनाकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास किया था.याचिकाकर्ता दीपक विमान में पायलट के तौर पर तैनात थे.
हाईकोर्ट ने याचिका पर क्या कहा ?
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘याचिका का अध्ययन करते हुए पाया गया कि सभी आरोप अस्पष्ट, अप्रमाणित और बेतुके हैं.याचिका में दी गई दलीलें न केवल अपूर्ण हैं, बल्कि उनका सार इस तथ्य को दर्शाता है कि अर्जी दुर्भावनापूर्ण और अस्पष्ट उद्देश्यों से भरी है.’अदालत ने कहा कि याचिका पूर्ण रूप से बेतुकी है. उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिका का उद्देश्य सिर्फ सनसनीखेज आरोप लगाना है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है.
लोकसभा उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की गई
याचिका में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की गई थी.
पीएम मोदी पर लगाया ये आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष झूठा हलफनामा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने यह दर्शाने की कोशिश की है कि वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र हैं.याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी पर एयर इंडिया लिमिटेड की बिक्री को प्रभावित करने और उसमें सक्रिय भूमिका निभाकर साक्ष्य नष्ट करने का आरोप है.एअर इंडिया ने उनके सेवा रिकॉर्ड में हेराफेरी कर उनका पायलट लाइसेंस और रेटिंग रद्द कर दी थी.