नई दिल्ली, दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के संबंध में फैसला 4 जून के लिए सुरक्षित रख लिया.एजेंसी ने आरोप पत्र में दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी में शराब के व्यापार में निवेश करने के ऐवज में पंजाब के व्यापारियों से भी रिश्वत ली गई थी.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब के उन व्यापारियों को पड़ोसी राज्य में शराब कारोबार में निवेश नहीं करने दिया गया, जिन्होंने रिश्वत नहीं दी थी.
दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.एजेंसी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.ईडी ने आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है.पहली बार धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी दल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को बताया मुख्य साजिशकर्ता
ईडी ने अदालत को बताया है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी कथित घोटाले से जुड़े हुए थे.ईडी ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं, जिसमें अन्य आप नेता और निजी व्यक्ति भी शामिल हैं.