Sunday, July 6, 2025
Home Blog Page 866

कांग्रेस आलाकमान सख्त , गुढ़ा के बाद विधायक दिव्या मदेऱणा पर गिरी गाज

जयपुर । शुक्रवार को विधानसभा में विधायक राजेद्रं गुढ़ा ने महिला सुरक्षा को लेकर अपनी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था । इसी बयान को लेकर शाम होते होते विधायक गुढा को अपना मंत्री पद गवाना पड़ा । सीएम अशोक गहलोत की अनुशंशा पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गुढ़ा को मंत्रीमण्डल से बर्खास्त कर दिया । अब सूत्रो के हवाले से यह खबर आ रही है कि जोधपुर में हुई घटना को लेकर दिए गए बयान के कारण ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा पर गाज गिरी है प्रदेश प्रभारी रंधावा ने उन्हे तलब किया. इसके बाद विधायक दिव्या मदेरणा प्रदेश प्रभारी सुखजिदंर सिहं रंधावा से मुलाकात करने पहुंची है

इस बयान को लेकर चर्चा में आई दिव्या मदेरणा

विधायक दिव्या मदेरणा ने जोधपुर में नाबालिग लड़की के साथ घटी घटना पर बयान देते हुए कहा था कि ‘मैं क्या बताऊं मैं तो खुद ही सुरक्षित नहीं हूं. मुझ पर पुलिस सुरक्षा में हमला हो जाता है. मुझ पर हमला करने वाले आरोपी को आज तक पकड़ा नहीं गया. दिव्या मदेरणा के इस बयान के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनके इस बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें पार्टी प्लेटफार्म पर बात रखने की नसीहत भी दी थी. जिसके बाद अब उन्हें प्रदेश प्रभारी की ओर से तलब किया गया है’

PM मोदी ने राजस्थान के स्वाभिमान को चोट पहुंचाई : गहलोत

मीडिया से बातचीत में शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केन्द्र सरकार पर बरसे, प्रदेश में भी भाजपा को नसीहतें दीं। कहा कि मुद्दों पर बात करें। लोगों को बरगलाने का काम नहीं करें। उन्होंने भाजपा से कहा कि वे भी देश में सामजिक सुरक्षा का कानून लेकर आएं।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए PM नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर के घटनाक्रम पर 77 दिन हो गए नहीं बोल रहे। एक पूरे राज्य में आग लग रही है, आग मामूली नहीं बल्कि धधकती हुई है।  

मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री  मोदी के बयान को लेकर कहा कि मणिपुर पर बयान देते वक्त उन्होंने राजस्थान का जिक्र किया। यह राजस्थान के स्वाभिमान पर चोट है। केंद्र सरकार विफल रही, मणिपुर में जो घटनाएं हो रही उनके बारे में बयान सिर्फ औपचारिकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मणिपुर में अगर कांग्रेस की सरकार होती तो आप कल्पना कीजिए कि यह लोग क्या–क्या करते?     

वहीं मिनिमम गारंटी कानून के विधानसभा से पास होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने कहा कि कल जो ऐतिहासिक काम हुआ उसके मायने आप सब लोग समझ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार के लिए आमदनी का जो कानून बना है वह महत्वपूर्ण है। नरेगा को प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के स्मारक के रूप में बताया था वहीं नरेगा प्रधानमंत्री को बार-बार आगे बढ़ाना पड़ रहा है।    

इस दौरान PCC प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह, अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन, PCC चीफ गोविंद डोटासरा, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, परसादी लाल मीणा और टीकाराम जूली भी मंच पर मौजूद रहे।

बंगाल में 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर दी गई यातना – भाजपा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कुछ दिन पहले 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर यातना दी गई और पुलिस ‘‘मूकदर्शक’’ बनी रही। भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख और प्रदेश सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि घटना को 19 जुलाई को मालदा जिले में उस भीड़ ने अंजाम दिया जो ‘‘उनके (महिला के) खून की प्यासी’’ थी।

उन्होंने कथित अपराध की धुंधली तस्वीरों के साथ एक वीडियो भी साझा किया। मालवीय ने मणिपुर की घटना पर मुखर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘यह एक ऐसी त्रासदी थी जिससे ममता बनर्जी का दिल ‘टूट’ जाना चाहिए था और वह केवल आक्रोश जताने के बजाय कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि वह बंगाल की गृह मंत्री भी हैं।’’

विपक्षी दल जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, जहां वह सत्ता में है। वहीं, भाजपा, कांग्रेस और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के इसी तरह के मामलों को उजागर कर रही है।

मालवीय ने बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने (ममता ने) मामले में कुछ नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘न तो उन्होंने बर्बरता की निंदा की और न ही दर्द एवं पीड़ा व्यक्त की क्योंकि इससे एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी खुद की विफलता उजागर होती।’’

मणिपुर की घटना पर बनर्जी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा कि लेकिन एक दिन बाद राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। 4 मई को मणिपुर में हुई घटना का वीडियो हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें विरोधी गुट के पुरुषों का एक समूह 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाता नजर आता है।

मालवीय ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में भय का महौल जारी है। मालदा जिले के बमनगोला थाना क्षेत्र के पकुआ हाट इलाके में 2 आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, बेरहमी से उन्हें यातना दी गई और पिटाई की गई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।’’

सामूहिक दुष्कर्म, विशेष पॉक्सो अदालत ने सुनाई सजा

बलरामपुर। उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने नेपाली लड़कियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के जुर्म में 3 युवकों को आजीवन कारावास और एक युवक को 7 वर्ष की सजा सुनाई है।

अपर शासकीय अधिवक्ता पवन कुमार शुक्ला ने शनिवार को बताया कि विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश जहेंद पाल सिंह ने दोनों पक्षों के गवाहों एवं साक्ष्यों को सुनने एवं अवलोकन करने के बाद आरोपों को सही मानते हुए चन्दर उर्फ रामचंद्र पासवान, सुरेंद्र पासवान, राकेश पासवान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि अदालत ने तीनों अभियुक्तों पर 65-65 हजार रुपये जुर्माना और एक अन्य अभियुक्त पिंटू को पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर 7 वर्ष कारावास की सजा और उसपर 15500 रुपये का अर्थदंड लगाया है।

शुक्ला ने कहा कि जिले के हरैया थानाक्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा से सटे मणिपुर बाजार में जंगल के रास्ते सामान खरीदने आ रही 2 नेपाली लड़कियों को पकड़ कर इन चारों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था जिसके बाद लड़कियों ने इसकी शिकायत अपने घर जाकर परिवार वालों से की थी।

शुक्ला के अनुसार इन लड़कियों के परिवार वालों ने मामले की जानकारी नेपाल पुलिस को दी थी और फिर नेपाल पुलिस द्वारा हरैया थाने में 26 जून 2022 को चारों आरोपियों चंदर उर्फ राम चंदर, राजेंद्र पासवान, राकेश पासवान एवं पिंटू के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कराया गया था। उन्होंने बताया कि हरैया पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और आरोप पत्र दाखिल किया था। यह मामला विशेष पॉक्सो अदालत में सुनवाई के लिए आया, जहां चारों आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया और सजा सुनाई।

महाराष्ट्र में भूस्खलन से 24 की मौत

मुंबई। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन स्थल पर मलबे से खोज एवं बचाव दलों ने शनिवार को 2 और शव निकाले जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि दोनों मृतक महिलाएं हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने कहा, ”इरशालवाड़ी में शनिवार सुबह भूस्खलन स्थल से 2 महिलाओं के शव बरामद हुए।” इससे घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। उन्होंने बताया कि वहीं, 84 व्यक्तियों का अभी भी कुछ पता नहीं चला है और उनके लिए खोज एवं बचाव अभियान जारी है। अधिकारी ने कहा कि दोनों महिलाओं में से एक की पहचान माही मधु तिरकत (32) के रूप में हुई है। एनडीआरएफ और अन्य सरकारी एजेंसियों के दलों ने शनिवार सुबह भूस्खलन स्थल पर खोज एवं बचाव अभियान दोबारा शुरू किया। यह खोज अभियान का तीसरा दिन है।

मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय रायगढ़ जिले की खालापुर तहसील में एक पहाड़ी पर स्थित आदिवासी गांव में भूस्खलन हुआ। गांव के 48 में से कम से कम 17 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से मलबे में दब गए। अधिकारियों ने कहा कि सुदूर गांव में पक्की सड़क नहीं है, इसलिए मिट्टी की खुदाई करने वाले यंत्रों को वहां आसानी से नहीं ले जाया जा सकता।

राष्ट्रपति शासन लगाना ही मणिपुर में एकमात्र रास्ता – कपिल सिब्बल

नई दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को बर्खास्त करना और राष्ट्रपति शासन लागू करना है। मणिपुर में मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के खिलाफ 3 मई को पहाड़ी जिलों में ‘ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च’ निकाला गया था जिसको लेकर जातीय हिंसा भड़क गई थी और अब तक इसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं कई अन्य घायल हैं।

सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता: बीरेन सिंह को हटाया जाए और अनुच्छेद 356 लागू किया जाए एवं हमारे देश की महिलाओं से माफी मांगी जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निर्भया, उन्नाव, हाथरस, कठुआ और बिल्कीस (दोषियों को रिहा करने का फैसला) के बाद से कुछ नहीं बदला है। बेटी बचाओ प्रधानमंत्री जी! ’’

भारत के संविधान के अनुच्छे-356 के तहत अगर राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के तहत शासन करने में अक्षम होती है तो उक्त राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। मणिपुर में गत बुधवार को उस समय तनाव और बढ़ गया जब 4 मई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उक्त वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक समुदाय की 2 महिलाओं को दूसरे समुदाय के लोगों का एक समूह निवस्त्र कर घुमा रहा है।

मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में निवास करती है और उसका आदिवासी समूहों से संघर्ष हो रहा है जो राज्य की आबादी का 40 प्रतिशत है। इनमें नगा और कूकी शामिल हैं।

सिब्बल पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दोनों कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने पिछले साल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और समाजवादी पार्टी के समर्थन से बतौर निर्दलीय राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।

फोन बैंकिंग घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक – मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केंद्र की पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संप्रग सरकार ने ‘घोटाले’ कर बैंकों को बर्बाद कर दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने बैंकों की वित्तीय सेहत को बहाल किया और अब भारत अपने मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के लिए जाना जाता है।

करीब 70 हजार लोगों को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद रोजगार मेले को संबोधित करते हुए मोदी ने रेखांकित किया कि नियुक्ति पाने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं, जो बैंकिंग क्षेत्र में काम करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सरकार द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जाने से पहले पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र को ‘बर्बाद’ कर दिया था।

मोदी ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, जिसकी वजह से बैंकिंग प्रणाली की कमर टूट गई थी। पूर्ववर्ती सरकार के लिए फोन बैंकिंग की अवधारणा अलग थी, क्योंकि उस समय हजारों करोड़ रुपये का ऋण कुछ नेताओं और परिवारों के चहेते लोगों को दिए जाते थे और ये ऋण वापस करने के लिए नहीं होते थे।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बैंक प्रबंधन को मजबूत करने, छोटे बैंकों का विलय करने और इस क्षेत्र की मदद के लिए पेशेवर माहौल बनाने सहित कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पहले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हजारों करोड़ रुपये के घाटे और गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की वजह से जाने जाते थे, लेकिन अब वे रिकॉर्ड लाभ के लिए जाने जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करने और ‘मुद्रा’ योजना के तहत ऋण के माध्यम से गरीबों और असंगठित क्षेत्रों की मदद करने और महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने के वास्ते बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक विश्वास एवं आकर्षण के केंद्र के रूप में उभरा है और देश को इसका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अवसर बढ़ रहे हैं।

केजरीवाल दिल्ली को देंगे नई सौगात

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली को दुनिया का सबसे हरित और स्वच्छ शहर बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हरित क्षेत्र का दायरा आने वाले वर्षों में मौजूदा 23 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करना होगा।

यहां आयोजित वन महोत्सव में केजरीवाल ने कहा कि इस साल पूरी दिल्ली में 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल वी के सक्सेना मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 27.5 लाख पौधे पहले ही लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 23 फीसदी के साथ दिल्ली में हरित क्षेत्र का दायरा मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु ही नहीं, लंदन और न्यूयॉर्क जैसे शहरों से भी अधिक है। असोला भाटी माइंस वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान 5.5 लाख पौधे लगाए गए।

13 घंटे की बहस के बाद अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकार

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लगभग 13 घंटे की बहस के बाद अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष ने सरकार पर युवाओं और संविदा कर्मचारियों को धोखा देने समेत 109 आरोप लगाए थे।

बुधवार को पेश किया गया था अविश्वास प्रस्ताव

भाजपा ने बुधवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर शुक्रवार दोपहर 12 बजे चर्चा शुरू हुई थी। बहस देर रात लगभग एक बजे तक चली। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 और भाजपा के 13 विधायक हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने राज्य सरकार पर घोटालों में शामिल होने और अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर युवाओं तथा किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कानून-व्यवस्था की ‘बिगड़ती’ स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।

बहस के सवाल में सीएम बघेल का जवाब

बहस के जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, “जब हमारी सरकार बनी, तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की और इसे साकार करने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।”  उन्होंने कहा, “विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव में शामिल मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार होता है कि वह अविश्वास करे। सत्ता पक्ष के पास भी मौका होता है कि अपनी बात रखे। इन्होंने 109 आरोप लगाए, पर उनके समर्थन में कोई तथ्य नहीं दिए। अतीत में जब अविश्वास प्रस्ताव आता था, तब नक्सली समस्या पर पहले बात होती थी। इस बार सदस्यों ने इस पर चर्चा नहीं की। यह हमारी उपलब्धि है।” बघेल ने कहा, “पहले बस्तर में सड़कें काट दी जाती थीं, आज ऐसा नहीं होता। पिछली सरकार ने जो स्कूल बंद करा दिए थे, उन्हें हमने शुरू किया। पहले उस क्षेत्र में राशन पहुंचाना भी टेढ़ी खीर थी, पर अब यह कितना आसान हो गया है। बस्तर में ऐसे कई बदलाव आए हैं।” उन्होंने कहा, “जब हमारी सरकार बनी, तब हमने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की बात की। उन महापुरुषों को, कलाकारों और राजनीतिक दलों के लोगों को नमन करता हूं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान दिया। परिवर्तन केवल सत्ता के लिए नहीं होना चाहिए। यह लोगों के जीवन में होना चाहिए। इसलिए परिवर्तन की मशाल लेकर हमारे नेता परिवर्तन यात्रा पर निकले थे। आज हमने किसानों की जिंदगी बदली है। बस्तर, सरगुजा में परिवर्तन हुआ है। महिलाओं के जीवन मे बदलाव आया है।”

सीएम ने बताया राज्य मे हुए यह बदलाव

मुख्यमंत्री ने राज्य में पांच वर्ष में आए बदलावों के बारे में कहा, “आज राज्य में 33 जिले हो गए हैं। प्रति व्यक्ति भी आय बढ़ गई है। धान खरीदी 56 लाख से 110 लाख मीट्रिक टन हो गई है। धान का रकबा भी बढ़ गया है। सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना, भूमिहीन ग्रामीण श्रमिक योजना, गोधन न्याय योजना शुरू की है। सरकार ने किसानों का 9,500 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है।”

सीएम बघेल ने की केंद्र सरकार की आलोचना

बघेल ने राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय को भारी शक्तियां दी गई हैं, जो देश के हित में नहीं है। मैं जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े मामलों की जांच के लिए ईडी को अधिकार देने के कदम का कड़ा विरोध करता हूं।” मुख्यमंत्री जब भाषण दे रहे थे, तब विपक्ष के सदस्यों ने उनसे छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन पर जवाब मांगा और आरोप लगाया कि राज्य में किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है।

सीएम के भाषण के दौरान विपक्ष की नारेबाजी

मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की दी और दावा किया कि सरकार विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में नाकाम रही है। बाद में विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए। बघेल का भाषण समाप्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर ध्वनि मत लिया। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने की जानकारी दी।

मानसून सत्र इस बघेल सरकार का अंतिम सत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र इस सरकार का अंतिम सत्र भी था। अविश्वास प्रस्ताव के अस्वीकृत होने के बाद विपक्ष के सदस्य सदन में वापस आए और सत्र समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष के उद्बोधन में हिस्सा लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चार जनवरी 2019 को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तब से उनकी पूरी कोशिश रही है कि वह सभी के विश्वास का बनाएं रखें।

विधायक राजेंद्र गुढ़ा थाम सकते है इस पार्टी का दामन !

जयपुर। राजस्थान सरकार के एक मंत्री को अपने बयानों के कारण मंत्री पद गवाना पड़ा । अपनी सरकार के खिलाफ बयान देकर हमेशा चर्चा में रहने वाले उदयपुर वाटी के विधायक राजेंद्र गुढ़ा को शुक्रवार शाम को सीएम की अनुशंसा पर राज्यपाल ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया । उदयपुर वाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने बसपा के टिकिट पर चुनाव लड़ा था बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए । विधायक राजेंद्र गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण, होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था साथ में इनके पास पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग भी था। विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था।

AIMIM का दामन थाम सकते है गुढा
विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा 2 बार बसपा से विधायक बने और एक बार चुनाव हार गए. चुनाव में मिली हार को जीत में बदलने के लिए गुढ़ा ने बसपा का दामन थाम लिया था. बसपा के टिकट पर गुढ़ा को जीत मिली. उसके बाद कांग्रेस पार्टी में आ गए. अशोक गहलोत सरकार में गुढ़ा को मंत्री बनाया गया. स्वतंत्र प्रभार मंत्री का दायित्व दिया गया था. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा अब AIMIM का दामन थाम सकते है पिछले दिनो एक जनसभा के पार्टी के चीफ असद्दुदीन ओवैसी विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने चुपके से मुलाकात की था अब देखना यह होगा कि मंत्री पद जाने के बाद विधायक राजेंद्र गुढ़ा किस और जाते है

इस बयान से गया मंत्री पद
विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक बयान दिया था इस बयान में गुढा ने अपनी सरकार के खिलाफ विधानसभा में सवाल उठाए थे। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के मामलों की तुलना गुढ़ा ने राजस्थान से करते हुए कहा कि ‘राजस्थान में भी महिलाओं के साथ बहुत अत्याचार हो रहा है। सरकार को मणिपुर के बजाय राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। दूसरे राज्य के बजाय खुद के गिरेबान में झांकना चाहिए’ । इस बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल को पत्र भेजकर राजेन्द्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अनुशंसा की। राज्यपाल ने गहलोत की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया और राजेंद्र गुढ़ा मंत्री मंडल से बर्खास्त कर दिया गया।

शिवसेना का भी थाम सकते है दामन

शुक्रवार को विधानसभा में बयान देने के बाद सीएम की अनुशंशा पर राज्यपाल ने विधायक राजेंद्र गुढा को मंत्री मण्डल से बर्खास्त कर दिया था अब सूबे में सूत्रों के हवाले से यह खबर हो रही है कि विधायक राजेंद्र गुढ़ा जल्द ही शिवसेना का दामन थाम सकते है  राजस्थान में शिंदे गुट की कमान चंद्रराज सिंघवी के हाथों में है. चंद्राराज सिंघवी ने कहा कि गुढ़ा ने सही बात कही है. हम गुढ़ा का सम्मान करते हैं. शिवसेना शिंदे गुट गुढ़ा के साथ है. वो साथ आना चाहे तो सम्मान पूर्वक स्वागत है.

Met Gala 2025: Bollywood Celebrities जिसने लूटी महफ़िल – शाहरुख, आलिया और भी कई सितारे ₹25,000 के अंदर बेस्ट Phones: Top 7 Smartphones with Best Features & Performance! महाशिवरात्रि 2025: जानिए पूजा विधि, मंत्र जाप और रहस्यमयी महत्व Naga Sadhu Facts: नागा साधुओं के बारे में 7 रोचक तथ्य: रहस्य, साधना और जीवनशैली Best Indoor Cat Breeds- सबसे अच्छी इनडोर बिल्लियाँ