Tuesday, June 10, 2025
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Gyanvapi Survey : ज्ञानवापी में हिंदू पक्ष का बड़ा दावा, मिली 4 फीट की मूर्ति

उत्तर प्रदेश। वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष का बड़ा दावा सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक ज्ञानवापी तहखाने में ASI की टीम को सर्वे के दौरान 4 फीट की मूर्ति मिली है। वहीं मूर्ति पर कुछ कलाकृतियां भी मिली साथ ही  5 कलश और दीवार पर कलश के निशान मिले है।

सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दूसरे दिन के सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष के 5 लोग भी शामिल हुए। मिश्रा के मुताबिक, ASI टीम शनिवार सुबह ज्ञानवापी परिसर पहुंची और दूसरे दिन का सर्वे कार्य शुरू किया, जो शाम 5 बजे समाप्त होगा। मिश्रा शुक्रवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान सर्वेक्षण टीम के साथ थे। हालांकि, शुक्रवार को हुए सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था। इस बीच, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को जारी सर्वे कार्य के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के 5 लोग ASI टीम के साथ मौजूद हैं।

आपको बता दें इससे पहले, शुक्रवार देर रात इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एक पत्र जारी कर सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करने और सर्वेक्षण में सहयोग करने की बात कही थी। यासीन ने कहा था कि ASI सर्वे पर स्थगन आदेश देने से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इनकार से उपजी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि शीर्ष अदालत के निर्णय का सम्मान करते हुए ASI के वैज्ञानिक सर्वे में सहयोग दिया जाएगा।

उन्होंने पत्र में कहा था हम आशा करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का निष्पक्ष तरीके से पालन किया जाएगा और हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। साथ ही हमारे धार्मिक अधिकार शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के अनुसार सुरक्षित रहेंगे। इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद ASI की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई थी और सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने भी सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ASI को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।

वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया है।

Manipur Violence :  उग्रवादियों ने 3 लोगों की बेरहमी से की हत्या

मणिपुर। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार देर रात उग्रवादियों ने पिता-पुत्र समेत 3 लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि जिले के क्वाक्टा इलाके में तीनों लोगों को सोते समय गोलियां मारी गई और फिर उन पर तलवार से हमला किया गया। पुलिस के मुताबिक, हमलावर चुराचांदपुर से आए थे।

तीनों मृतक एक राहत शिविर में रह रहे थे, लेकिन स्थिति में सुधार होने के बाद वे शुक्रवार को क्वाक्टा में अपने घर लौट गए थे। पुलिस के अनुसार, घटना के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ क्वाक्टा में जमा हो गई और चुराचांदपुर की तरफ बढ़ने लगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया।

पुलिस ने कहा फौगाकचाओ और क्वाक्टा के आसपास राज्य के सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी होने की भी खबरें हैं। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

राजस्थान में ओलंपिक खेलो का आगाज, सीएम गहलोत ने किया उद्घाटन

जयपुर। राजस्थान में शनिवार को ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आगाज हुआ. सीएम गहलोत ने राजधानी के SMS स्टेडियम से उद्धाटन किया. सीएम अशोक गहलोत दोनो  पैर में चोट लगने के बावजूद उद्धाटन करने मंच पर पहुंचे. यह पहली बार था कि जब सीएम गहलोत के पैर में चोट लगी है और वो किसी सार्वजनिक मंच पर कार्यक्रम में नजर आए. सवाई मानसिंह स्टेडियम से प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश की 11 हजार 252 पंचायतों और 535 नगर निकाय में वर्चुअल ओलिंपिक की शुरुआत की. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत के साथ खेल मंत्री अशोक चांदना, क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया और राजस्थान कैबिनेट के नेता मौजूद रहे. इस दौरान सीएम गहलोत ने संबोधित करते हुए कहा कि – हिंदुस्तान के इतिहास में हमने पहली बार शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत की है. क्योंकि राजस्थान में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. मैं चाहता हूं, राजस्थान के हर खिलाड़ी को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले. इसलिए ओलिंपिक का आयोजन किया जा रहा है. सीएम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि पिछली बार 30 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इस बार 58 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं. राजस्थान को देखकर अब देश के दूसरे राज्यों में भी इस तरह के आयोजन करने की तैयारी की जा रही है.

इस दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना भी मौजूद रहे. अशोक चांदना ने बताया कि 5 अगस्त से 18 सितम्बर तक आयोजित होने वाले राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक खेलो में 7-7 खेल प्रतियोगिता आयोजित होगी. इनमें ग्रामीण ओलिंपिक में कबड्डी (बालक-बालिका वर्ग), शूटिंग बॉल (बालक वर्ग), टेनिस बॉल क्रिकेट (बालक-बालिका वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक-बालिका वर्ग), फुटबॉल (बालक-बालिका वर्ग) और रस्साकशी (बालिका वर्ग) प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. वहीं शहरी ओलिंपिक में कबड्डी (बालक-बालिका वर्ग), टेनिस बॉल क्रिकेट (बालक-बालिका वर्ग), खो-खो (बालिका वर्ग), वॉलीबॉल (बालक-बालिका वर्ग), एथलेटिक्स (100 मी. 200 मी. एवं 400 मी.), फुटबॉल (बालक वर्ग), बास्केटबॉल (बालक-बालिका वर्ग) प्रतियोगिता होगी. इस अनूठे आयोजन का मकसद राजस्थानियों को फिट और हिट रखना है. जिसमें राजस्थान के हर गली मोहल्ले गांव कस्बे और शहर के खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन करवाया है. जो अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड है.

सीएम गहलोत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर राज्य स्तर पर जो टीमें जीतेंगी, उनके गांवों में महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से 50-50 लाख रुपए की लागत के स्टेडियम बनाए जाएंगे. जो खिलाड़ी राज्य स्तर पर चैंपियन बनेंगे, उन्हें होम गार्ड भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. शहरी और ग्रामीण ओलिंपिक में मेडल विजेता खिलाड़ियों को सरकारी कॉलेज में एडमिशन में प्राथमिकता मिले, ऐसी योजना बनाई जाएगी. जिला स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को ट्रैक सूट और तहसील स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को मेडल, सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. खेलों में भाग लेने वाले सभी लगभग 58.51 लाख खिलाड़ियों को टी-शर्ट उपलब्ध करवाई जाएगी.

ज्ञानवापी में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम दूसरे दिन भी जारी, बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम शुरू किया। सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने बताया कि शनिवार को दूसरे दिन के सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष के 5 लोग भी शामिल हुए।

मिश्रा के मुताबिक, ASI टीम शनिवार सुबह ज्ञानवापी परिसर पहुंची और दूसरे दिन का सर्वे कार्य शुरू किया, जो शाम 5 बजे समाप्त होगा। मिश्रा शुक्रवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान सर्वेक्षण टीम के साथ थे। हालांकि, शुक्रवार को हुए सर्वे कार्य में मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं हुआ था। इस बीच, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को जारी सर्वे कार्य के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के 5 लोग ASI टीम के साथ मौजूद हैं।

आपको बता दें इससे पहले, शुक्रवार देर रात इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहम्मद यासीन ने एक पत्र जारी कर सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करने और सर्वेक्षण में सहयोग करने की बात कही थी। यासीन ने कहा था कि ASI सर्वे पर स्थगन आदेश देने से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इनकार से उपजी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि शीर्ष अदालत के निर्णय का सम्मान करते हुए ASI के वैज्ञानिक सर्वे में सहयोग दिया जाएगा।

उन्होंने पत्र में कहा था हम आशा करते हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का निष्पक्ष तरीके से पालन किया जाएगा और हमारी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। साथ ही हमारे धार्मिक अधिकार शीर्ष अदालत के पूर्व के फैसले के अनुसार सुरक्षित रहेंगे। इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद ASI की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई थी और सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने भी सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ASI को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।

वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे दिन के सर्वेक्षण कार्य के लिए भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर के ढांचे के ऊपर तो नहीं किया गया है।

उत्तराखंड में भूस्खलन, लोगों की तलाश जारी

उत्तराखंड। उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शनिवार को भी जारी है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के अनुसार, स्थानीय प्रशासन की एक टीम के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के 100 जवान तलाश अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को खोजने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, CM पुष्कर सिंह धामी खोज और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं। रजवार ने कहा कि अब तक 3 शव मिले हैं और 17 लोग लापता हैं।

हालांकि, जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कहा था कि 4 शव बरामद किए गए हैं। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को केदारनाथ के रास्ते में गौरीकुंड के पास डाट पुलिया के निकट अचानक आई बाढ़ के बाद हुए भूस्खलन में 3 दुकानें बह गई थीं और 20 लोग लापता हो गए थे।

जिस स्थान पर दुकानें थीं, उससे करीब 50 मीटर नीचे मंदाकिनी नदी बहती है।

राजधानी में ACB की कार्रवाई, नगर निगम की मेयर के पति को किया गिरफ्तार

जयपुर। जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर शुक्रवार रात एसीबी की टीम ने छापा मारा। एसीबी ने मुनेश के पति सुशील गुर्जर एवं उसके दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे (प्राइवेट व्यक्ति) को परिवादी से 2 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया रिश्वत की राशि नगर निगम का पट्टा जारी करने के एवज में मांगी गई थी।

मेयर मुनेश गुर्जर की भूमिका को लेकर भी एसीबी जांच कर रही है। इस दौरान मेयर के आवास से करीब 40 लाख रुपए की नकदी बरामद की गई। वहीं पीए व दलाल नारायण के घर से 8 लाख रुपए की नकदी मिली। तीनों के मोबाइल भी जब्त कर लिए गए।

एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि परिवादी ने शिकायत दी कि पट्टा जारी करने की एवज में मेयर पति सुशील गुर्जर द्वारा उसके दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे के माध्यम से 2 लाख रुपए की रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, मुनेमा गुर्जर ने जब गत 10 नवम्बर 2022 को हेरिटेज मेयर पद संभाला था। तभी से उनके पति सुशील गुर्जर ने कार्यालय की फाइलों को स्वयं को देखने के लिए मंगाना शुरू कर दिया। सुशील ऑफिर में मेयर के साथ ही रहते थे। इतना ही नहीं मेयर पीए नारायण भी हर कार्य के लिए सुशील से ही संपर्क में था। खाचरियावास ने कहा कि लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी। पट्टे जारी करने के एवज में रुपए मांगे जा रहे थे। कई बार लोगों ने शिकायत की थी। रिश्वतखोर किसी भी पार्टी का हो भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।

गृह मंत्री ओडिशा दौरे पर, राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की करेंगे शुरुआत

ओडिशा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को भुवनेश्वर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना की शुरुआत करेंगे। वह राज्य सचिवालय में वामपंथी उग्रवाद और आपदा प्रबंधन पर आयोजित बैठकों में भी हिस्सा लेंगे। बता दें शाह शुक्रवार रात भुवनेश्वर पहुंचे। हवाई अड्डे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल और भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी सहित अन्य नेताओं ने उनकी अगवानी की।

अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सचिवालय में वामपंथी उग्रवाद और आपदा प्रबंधन पर आयोजित बैठकों में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भी शामिल होने की संभावना है। हालांकि, शाह और पटनायक के बीच बैठक को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। गृह मंत्री की ओडिशा यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) द्वारा दिल्ली अध्यादेश विधेयक को समर्थन देने और नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विरोध की घोषणा करने के बाद हो रही है।

शाह शनिवार दोपहर को भुवनेश्वर में भाजपा के कार्यालय जाएंगे और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। गुजरात में बिपरजॉय चक्रवात के मद्देनजर शाह की 17 जून को निर्धारित ओडिशा यात्रा रद्द कर दी गई थी।

राज्यपाल के मना करने के बाद भी विधानसभा में 4 विधेयक पारित

हैदराबाद। तेलंगाना विधानसभा ने उन चार विधेयक को एक बार फिर पारित कर दिया, जिन्हें राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने लौटा दिया था. शुक्रवार को पारित इन विधेयकों में तेलंगाना नगरपालिका कानून (संशोधन) विधेयक-2022, तेलंगाना सार्वजनिक रोजगार (सेवानिवृत्ति की आयु का विनियमन) (संशोधन) विधेयक-2022, तेलंगाना राज्य निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक-2022 और तेलंगाना पंचायत राज (संशोधन) विधेयक-2023 शामिल हैं.

संबंधित मंत्रियों ने उक्त विधेयक पुनर्विचार के लिए पेश किए, जिसके बाद इन्हें पारित कर दिया गया. इससे पहले विधानसभा में, राज्य में हाल में हुई भारी बारिश के प्रभाव और शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा हुई. बारिश के प्रभाव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के बीच जुबानी जंग देखने को मिली. इसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में वॉकआउट किया.

Friendship Day 2023 Wishes : तेरे जैसा यार कहां, कहां ऐसा याराना

ज़िंदगी में दोस्ती का एक अलग मजा है,
इसीलिए कहा जाता है की दोस्ती में ज़माना बदल दिया है।

दोस्ती का रिश्ता एक सच्चा रिश्ता होता है,
जिसकी कदर हर कोई नहीं करता है।
इसलिए सच्चे दोस्त को पहनो दोस्त।

मेरे हर सुख में, मेरे हर दुख में,
मेरी हर परेशानी में, मेरी हर नादानी में,
साथ देने के लिए शुक्रिया मेरे दोस्त।

ऐ यार मेरे, तू है तो मुझे किस बात की चिंता है,
तू है तो अंधियारे में भी रोशनी है, तू ही मेरा सहारा है।

दोस्ती एक आशा है,
जो हर दिन नई होती है।
दोस्ती एक जीवन है,
जो हर पल जीया जाता है।

दोस्ती एक सहारा है,
जो हर मुश्किल में काम आता है।
दोस्ती एक खुशी है,
जो हर पल साथ रहती है।

न्यायपालिका पर और गहरी हुई लोगों की आस्था – अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्चतम न्यायालय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था और बढ़ गयी है।

यादव ने एक ट्वीट में कहा सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इसी ट्वीट में कहा भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए। इस बीच, राहुल को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में मिठाइयां बांटकर खुशियां मनायी गयी।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ करने वाले उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। पार्टी राज्य मुख्यालय पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर मिठाइयां बांटी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कराने के लिये पूरी साजिश रची थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय से देश के लोगों की लोकतंत्र और न्यायपालिका में आस्था और भी गहरी हो गयी है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया।

अधीर रंजन चौधरी

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। पीठ ने कहा निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

पूर्णेश मोदी

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?

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