Friday, February 7, 2025
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विपक्ष लाएगा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, जानिए क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion)

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 26 जुलाई को कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने की मंजूरी दे दी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि अन्य दलों से चर्चा के बाद इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय निर्धारित किया जाएगा. इस अविश्वास प्रस्ताव पेश होने पर अब यह तय हो गया है कि लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे के साथ साथ पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुई महिला अत्याचारों की वारदातों पर भी चर्चा होगी.

लोकसभा में भाजपा के 303 सांसद है और मोदी सरकार को 30 अन्य सांसदों का समर्थन प्राप्त है। संख्याबल को देखते हुए भाजपा के प्रतिनिधियों को बोलने का ज्यादा अवसर मिलेगा. लेकिन इसके बाद भी मणिपुर की घटना पर विपक्षी दलों को अपनी बात रखने का मौका मिल गया है। मोदी सरकार को पूर्ण बहुमत के कारण यह अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाएगा.

कब-कब आया मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

विपक्षी दलों ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा था। तब लोकसभा में भाजपा सांसदों की संख्या 275 थी। इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा को 300 से ज्यादा सीटें मिली। सभी सांसदों की बहस के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार का पक्ष रखेंगे।

साल 2018 में भी तेलुगु देशम पार्टी की ओर से केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन मोदी सरकार को बहुमत होने के कारण यह प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया था. प्रस्ताव के पक्ष में महज 126 वोट पड़े जबकि प्रस्ताव के खिलाफ 325 सांसदों ने वोट किया. यूं तो इससे पहले भी कई बार संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे लेकिन बीते पंद्रह साल में यह पहला मौका था जब केन्द्र सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था .

क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव

अविश्वास प्रस्ताव को नो कॉन्फिडेंस मोशन भी कहा जाता है. इसको सदन में लाने के कई कारण हो सकते है. लोकसभा में जब किसी दल को लगता है कि सरकार के पास बहुमत कम हो रहा है या फिर सरकार सदन में अपना विश्वास खो चुकी है तो इस स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है

सासंद राघव चड्डा पर कौवे ने किया हमला, तस्वीरें हुई वायरल

नई दिल्ली। मानसून सत्र में भाग लेने के लिए आप के राज्यसभा सांसद राघव को पार्लेमेंट से बाहर निकलते समय एक हादसे का शिकार होना पड़ा. बुधवार को संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए आप राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा संसद पहुंचे थे,  इस दौरान संसद परिसर में सांसद राघव चड्ढा को एक कौआ उनके सिर पर चोट मार गया. इस दौरान राघव चड्डा फोन पर बात कर रहे थे. अब इस घटना की तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर जमकर वायरल रहो रही है. इन तस्वीरों में राघव चड्ढा कौवो के हमले से बचने की कोशिस करते हुए दिखाई दे रहे हैं

मणिपुर हिंसा के मामले ने संसद के मानसून के माहौल को गर्म कर रखा है इसको लेकर पूरा विपक्ष केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलाकर रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में मणिपुर मामले में सफाई मांगी जा रही है. इसी मांग को लेकर हंगामा कर रहे आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद संजय सिंह संसद परिसर में ही धरने पर बैठ गये हैं. आप सांसद संजय सिंह के सपोर्ट में दूसरे दलों के नेताओं ने भी आवाज बुलंद की।

इस घटना के बाद दिल्ली बीजेपी ने तंज कसना शुरु कर दिया. दिल्ली बीजेपी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि ‘झूठ बोले कौवा काटे आज तक सिर्फ सुना था, आज देख भी लिया कौवे ने झूठे को काटा !

बीजेपी के इस ट्वीट पर सांसद राघव चड्डा ने तुरंत जवाब दिया है उन्होने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘रामचन्द्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा, हंस चुगेगा दाना दुनका और कौवा मोती खाएगा’ आज तक सिर्फ़ सुना था, आज देख भी लिया

करगिल विजय दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने और पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ‘करगिल विजय दिवस’ के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि इस गौरवशाली अवसर पर सभी देशवासी हमारे सशस्त्र बलों के असाधारण पराक्रम से अर्जित की गई जीत को याद करते हैं. भारतीय सेना ने 1999 में लद्दाख की अहम चोटियों पर अवैध कब्जा करने वाली पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने के लिए एक भीषण जवाबी हमला किया था. करगिल विजय दिवस इस युद्ध में भारत की जीत की याद में मनाया जाता है।

राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘आज करगिल विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर सभी देशवासी हमारे सशस्त्र बलों के असाधारण पराक्रम से अर्जित की गई विजय को याद करते हैं। देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करके विजय का मार्ग प्रशस्त करने वाले सेनानियों को एक कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से मैं श्रद्धांजलि देती हूं। उनकी शौर्य गाथाएं आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी। जय हिन्द!’

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी करिगल युद्ध के शहीदो को ट्वीट करके श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा “कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं। जय हिंद!

सावन के महीने में ‘हलाला सर्टिफाइड’ चाय, जानिए चाय शाकाहारी या मासाहारी.

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों ट्रेन के अंदर यात्रियों के हंगामे का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में ट्रेन में सफर करते यात्री चाय को लेकर हंगामा करते हुए दिखाई दे रहे है. जानकारी के अनुसार एक शख्स चाय प्रीमिक्स को लेकर हंगामा कर रहा था दरअसल चाय पर ‘हलाल सर्टिफाइड’ लिखा था, तो यात्री को लगा कि यह चाय मासाहारील है और सावन की महीने इसे परोसा जा रहा है. ट्रेन का स्टाफ यात्री को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि चाय शाकाहारी है. लेकिन यात्री उससे बहस और गुस्सा करता दिख रहा है. वीडियो में यात्री रेलवे कर्मचारियों से सवाल कर रहा है कि हलाल सर्टिफाइड चाय का क्या मतलब है और इसे सावन महीने में क्यों परोसा जा रहा है.

हलाला शब्द का क्या मतलब

आपको बता दें कि हलाल एक अरबी शब्द है. हलाला शब्द का मतलब ‘permissible’ यानी ‘जायज’ होता है. रेख्ता डिक्शनरी का अनुसार ‘जो इस्लामी धर्म-शास्त्र के अनुसार उचित हो अथवा उसके द्वारा अनुमोदित हो, जो हराम न हो, जिस पर प्रतिबंध न हो यानी जाएज़ हो उसे हलाल कहा जाता है. हलाल शब्द ‘हराम’ शब्द का विलोम है, जिसका अर्थ होता है अवैध. हलाल न केवल खाने के लिए जानवरों के वध पर लागू होता है बल्कि इस्लामी मान्यताओं के अनुसार निर्माण की प्रक्रिया पर भी लागू होता है.

मणिपुर हिंसा को लेकर प्रदेश भर में कांग्रेस का पैदल मार्च

जयपुर। मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष को लेकर आज राजधानी सहित प्रदेश भर कांग्रेस ने पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया. पिछले दिनों मणिपुर में हिसां के दौरान महिला को निर्वस्त्र करके घुमाने का वीडियो वायरल हुआ था जिसको लेकर आज कांग्रेस ने राजधानी जयपुर सहित पूरे प्रदेश में पैदल मार्च निकाल कर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के नेता, पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. पीसीसी ने शहीद स्मारक तक निकाले गए पैदल मार्च में पीसीसी चीफ गोविंद सिह डोटासरा, मंत्री महेश जोशी, बीडी कल्ला, प्रताप सिंह खाचरियावास, अर्चना शर्मा, ज्योति खंडेलवाल मौजूद रहे. काग्रेस ने प्रदर्शन के दौरान पीएम मोदी पर निशाना साधा. भाजपा की डबल इंजन सरकार के विरूद्ध राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेस द्वारा पैदल मार्च का आयोजन किया गया.

प्रदर्शन के दोरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो माह से अधिक समय से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है जिसमें सैंकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तथा हजारों लोग बेघर होकर पलायन करने को मजबूर हुये हैं. मणिपुर में महिलाओं के साथ बदसलूकी एवं दुष्कर्म के विभत्स अपराध होना देश के सामने उजागर हुये हैं तथा आदिवासियों एवं अल्पसंख्यकों के विरूद्ध अत्याचार बढ़ रहे हैं, किन्तु प्रधानमंत्री की चुप्पी तथा भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा स्थिति को सम्भालने में विफल रही. कांग्रेस ने मणिपुर के सीएम की इस्तीफे की भी मांग की. जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि ये सभी लोग राजस्थान को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे हुए है। बीजेपी वाले लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे है और गहलोत सरकार के साथ-साथ राजस्थान पुलिस और प्रदेशवासियों का मान गिराने में लगे हुए है। ऐसे में नेताओं को शर्म भी नहीं आती और अपने ही घर को खराब बताने में लगे हुए है।

राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड के गठन के सीएम गहलोत की स्वीकृति

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य अहिल्या बाई होल्कर बोर्ड का गठन किया गया. इस बोर्ड में गडरिया (गाडरी), गायरी, घोसी (गवाला), पूर्बिया (धनगर, गाडरी) जाति वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. इन वर्गों के लोगों की स्थिति का जायजा लेकर, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव राज्य सरकार को देगा. बोर्ड द्वारा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन, रोजगार को बढ़ावा देने, परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने सहित अन्य सुझाव राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जाएंगे। 

इस बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 5 गैर सरकारी सदस्य होंगे. साथ ही, उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव,संयुक्त निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे.साथ ही, राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।

Kargil Vijay Diwas 2023 : करगिल युद्ध के वो भारतीय जवान जिन्होनें छुडा दिए थे दुश्मन के छक्के

26 जुलाई 1999 का दिन हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है. इस दिन भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के करगिल जिले में पाकिस्तान की सेना को शिक्सत दी थी. इसी जीत के कारण भारत में हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जाता है. हर साल 26 जुलाई को करगिल युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों के बलिदान और शौर्य को याद किया जाता है. करिगल युद्द जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में लड़ा गया था. मई और जुलाई 1999 के बीच यह युद्ध हुआ था. भारतीय सेना के पराक्रम के बदोलत इस युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मनों की छुट्टी कर दी थी.

 

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के करगिल में पाकिस्तानी सेना को हराया था. इस युद्ध में भारत ने अपने 527 जवानों को खो दिया था. इस युद्ध भारतीय सेना के 1363 जवान घायल हुए थे. भारतीय जवानों ने इस युद्ध में अपने खून का आखिरी कतरा देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया था. इन जांबाजों के शौर्य की कहानियां आज भी हमें गर्व महसूस करवाती हैं.

करगिल युद्ध के जाबांज कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर, 1974 को हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुआ. वह 13 जेएंडके राइफल में कैप्टन थे. 6 दिसंबर 1997 को इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से पासआउट होने के बाद विक्रम लेफ्टिनेंट के तौर पर सेना में भर्ती हुए. करगिल युद्ध के दौरान उनकी बटालियन 13 जम्मू एंड कश्मीर रायफल 6 जून को द्रास पहुंची.

19 जून को कैप्टन बत्रा को प्वाइंट 5140 को फिर से अपने कब्जे में लेने का निदेश मिला. ऊंचाई पर बैठे दुश्मन के लगातार हमलों के बावजूद उन्होंने दुश्मन के छक्के छुड़ा दिए और पोजीशन पर कब्जा किया. 7 जुलाई की रात वे और उनके सिपाहियों ने चढ़ाई शुरू की. उन्हें कोड नेम शेरशाह दिया गया था. दुश्मन खेमे में वह शेरशाह के नाम से मशहूर हो गए थे. एक जूनियर की मदद के लिए आगे आने पर दुश्मनों ने उन पर गोलियां चला दीं. विक्रम डरे नहीं. बल्कि, उन्होंने ग्रेनेड फेंककर पांच दुश्मनों को मार गिराया. लेकिन दुश्मन की एक गोली आकर सीधा विक्रम के सीने में जा लगी. जिससे वह शहीद हो गए.

कैप्टन अनुज नायर का जन्म 28 अगस्त, 1975 को दिल्ली में हुआ. वह जाट रेजिमेंट में कैप्टन थे. अनुज, इंडियन मिलिट्री अकादमी से पासआउट होने के बाद जून, 1997 में जाट रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में भर्ती हुए. करगिल युद्ध के दौरान उनका पहला अभियान था प्वाइंट 4875 पर कब्जा करना. यह चोटी टाइगर हिल की पश्चिमी ओर थी और सामरिक लिहाज से बेहद जरूरी थी. इस पर कब्जा करना भारतीय सेना की प्रायोरिटी थी.अभियान की शुरुआत में ही नायर के कंपनी कमांडर जख्मी हो गए. हमलावर दस्ते को दो भागों में बांटा गया. एक का नेतृत्व कैप्टन विक्रम बत्रा ने किया और दूसरे का कैप्टन अनुज ने. कैप्टन अनुज की टीम में सात सैनिक थे, जिनके साथ मिलकर उन्होंने दुश्मन पर चौतरफा वार किया.

कैप्टन अनुज ने अकेले 9 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और तीन दुश्मन बंकर ध्वस्त किए. चौथे बंकर पर हमला करते समय दुश्मन ने उनकी तरफ रॉकेट से चलने वाली ग्रेनेड फेंका जो सीधा उनपर गिरा. बुरी तरह जख्मी होने के बाद भी वे बचे हुए सैनिकों का नेतृत्व करते रहे. 7 जून को वह शहीद हो गए. लेकिन शहीद होने से पहले उन्होंने आखिरी बंकर को भी तबाह कर दिया. दो दिन बाद दुश्मन सेना ने फिर से चोटी पर हमला किया जिसका जवाब कैप्टन विक्रम बत्रा की टीम ने दिया. कैप्टन नायर को मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया. जब वह शहीद हुए, उस समय उनकी उम्र 24 साल थी.

मोदी सरकार की कड़ी परीक्षा : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगा विपक्ष, अधीर रंजन चौधरी का ऐलान

 नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन मंगलवार को मणिपुर हिंसा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जमकर कोहराम मचा। प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा है। उधर, सत्ता पक्ष ने कहा कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं। आगे की रणनीति के लिए भाजपा ने संसदीय दल तो विपक्ष ने I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक बुलाई। शाम ढलते ही खबर आई कि विपक्ष सरकार के खिलाफ बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। इसकी सुगबुगाहट ही बढ़ती कि रात होते-होते लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव के अगले कदम पर मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बुधवार को सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

चार दिनों से एक ही मांग पर अड़े हैं विपक्षी दल

एक ओर संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। इस दौरान विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे।

सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर मढ़ रहे आरोप-प्रत्यारोप

विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसको लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का आरोप लगाया है।

Team India : विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया से तीन वनडे खेलेगा भारत, अगले साल तक का कैलेंडर जारी

भारतीय क्रिकट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने टीम इंडिया का वर्ष 2023-24 सीजन का पूरा शेड्यूल मंगलवार को जारी कर दिया। इसी साल विश्व कप से पहले भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ तीन वनडे मैच खेलेगी। इसके बाद अगले साल अफगानिस्तान और इंग्लैंड के खिलाफ भी देश में ही सीरीज होगी। घरेलू सीजन में टीम इंडिया 16 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी। इसमें पांच टेस्ट, तीन वनडे और आठ टी-20 मुकाबले शामिल हैं।

DUBAI, UNITED ARAB EMIRATES – SEPTEMBER 04: Players of India line up for the anthem during the DP World Asia Cup match between India and Pakistan on September 04, 2022 in Dubai, United Arab Emirates. (Photo by Francois Nel/Getty Images)

ऑस्ट्रेलिया से 5 टी-20 मैच भी खेलेगी टीम इंडिया

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मैच होंगे। फिर विश्व कप के बाद दोनों टीमें पांच टी-20 मैच भी खेलेंगी। टी-20 सीरीज 23 नवंबर को विशाखापट्‌टनम में शुरू होगी और तीन दिसंबर को हैदराबाद में समाप्त होगी। नए साल के पहले महीने यानी जनवरी में भारत आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत इंग्लैंड के साथ पांच टेस्ट मैच खेलेगा। ये मैच हैदराबाद, विशाखापट्‌टनम, राजकोट, रांची और धर्मशाला में होंगे। टेस्ट सीरीज की शुरुआत 25 जनवरी से होगी।

भारतीय टीम की नजर 2024 टी-20 विश्व कप पर

भारतीय टीम की नजर 2024 टी-20 विश्व कप की तैयारी पर भी है। इस वजह से टीम इंडिया अफगानिस्तान के खिलाफ जनवरी 2024 में तीन मैच की टी-20 सीरीज खेलेगी।

सीजन 2023-24 में भारतीय टीम का शेड्यूल

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज

पहला वनडे : 22 सितंबर, दोपहर 1:30 बजे, मोहाली

दूसरा वनडे : 24 सितंबर, दोपहर 1:30 बजे, इंदौर

तीसरा वनडे : 27 सितंबर, दोपहर 1:30 बजे, राजकोट

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज

पहला टी-20 : 23 नवंबर, शाम 7:00 बजे, विजाग

दूसरा टी-20 : 26 नवंबर, शाम 7:00 बजे, तिरुवनंतपुरम

तीसरा टी-20 : 28 नवंबर, शाम 7:00 बजे, गुवाहाटी

चौथा टी-20 : 1 दिसंबर, शाम 7:00 बजे, नागपुर

पांचवां टी-20 : 3 दिसंबर, शाम 7:00 बजे, हैदराबाद

अफगानिस्तान के खिलाफ टी-20 सीरीज

पहला टी-20 : 11 जनवरी, मोहाली

दूसरा टी-20 : 14 जनवरी, इंदौर

तीसरा टी-20 : 17 जनवरी, बेंगलुरु

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज

पहला टेस्ट : 25-29 जनवरी, हैदराबाद

दूसरा टेस्ट : 2-6 फरवरी, विजाग

तीसरा टेस्ट : 15-19 फरवरी, राजकोट

चौथा टेस्ट : 23-27 फरवरी, रांची

पांचवां टेस्ट : 7-11 मार्च, धर्मशाला

Indian Cricket : भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को भारी पड़ा मैच में स्टंप तोड़ना, लगा दो मैच का बैन

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को बांग्लादेश के दौरे पर खेले गए अंतिम एकदिवसीय मैच के दौरान गुस्से में स्टंप तोड़ना भारी पड़ गया। आईसीसी ने उन पर दो मैच का बैन लगा दिया। वे भारतीय महिला टीम के लिए अगले दो मैच नहीं खेल पाएंगी। वनडे सीरीज के तीसरे मैच में हरमनप्रीत अंपायर के फैसले से नाराज थीं और उनका कहना था कि उन्हें गलत आउट दिया गया। सीरीज खत्म होने के बाद जब दोनों टीमें ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवा रही थीं, तब भी हरमन ने अंपायरों को बुलाने की बात कही थी। आईसीसी ने दो अलग-अलग मामलों में हरमन को दोषी पाया और दो मैच का बैन लगा दिया।

आईसीसी ने मंगलवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि शनिवार को ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ आईसीसी महिला चैम्पियनशिप सीरीज के तीसरे मैच के दौरान यह घटना घटी। पहली घटना विशेष रूप से तब हुई जब कौर ने भारत की पारी के 34वें ओवर में स्पिनर नाहिदा अख्तर की गेंद पर स्लिप में कैच आउट दिए जाने के बाद अपने बल्ले से विकेटों पर प्रहार करके निराशा व्यक्त की। लेवल 2 के अपराध के लिए कौर पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड पर तीन डिमेरिट अंक प्राप्त हुए। उन्हें अंपायर के फैसले पर असहमति दिखाने से संबंधित आईसीसी आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया।

कौर पर अंतरराष्ट्रीय मैच में हुई घटना के संबंध में सार्वजनिक आलोचना से संबंधित लेवल 1 के अपराध के लिए उनकी मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया था, जब दोनों टीमें ट्रॉफी के साथ फोटो के लिए पोज कर रही थीं, तब अंपायरिंग की खुलेआम आलोचना की थी। आईसीसी ने कहा कि हरमनप्रीत ने अपराध स्वीकार कर लिया और एमिरेट्स आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ मैच रेफरी के अख्तर अहमद द्वारा प्रस्तावित प्रतिबंधों पर सहमति व्यक्त की। परिणामस्वरूप, औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं थी और दंड तुरंत लागू किया गया।

लेवल 2 के उल्लंघन में आम तौर पर खिलाड़ी की मैच फीस का 50 से 100 प्रतिशत तक जुर्माना और तीन या चार डिमेरिट अंक होते हैं, जबकि लेवल 1 के उल्लंघन में न्यूनतम जुर्माना आधिकारिक फटकार और अधिकतम जुर्माना खिलाड़ी की मैच फीस का 50 प्रतिशत और एक या दो डिमेरिट अंक होता है। कौर के मामले में चार डिमेरिट प्वाइंट मिलकर दो निलंबन अंकों में बदल गए, जिससे उन्हें एक टेस्ट मैच या दो वनडे या दो टी-20, जो भी टीम के लिए पहले हों उससे निलंबित कर दिया जाता है।

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