Saturday, July 12, 2025
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Shivaji Forts : शिवाजी महाराज के 12 किले UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल, CM फडणवीस सहित इन नेताओं की आई प्रतिक्रिया

मराठा शासकों के 12 किलों को UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। जिनमें महाराष्ट्र में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, स्वर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग तथा तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं।

Shivaji Forts : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि मराठा शासकों की किलेबंदी प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए ‘गौरवशाली क्षण’ है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया। मराठा शासकों के 12 किलों को यह दर्जा दिया गया, जिनमें महाराष्ट्र में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, स्वर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग तथा तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं।

12 किलों की खासियत

सालहेर किला- यह महाराष्ट्र का सबसे ऊँचा किला है। यह नासिक जिले में है और यहाँ से बहुत सुंदर नज़ारा दिखता है।

शिवनेरी किला- यह पुणे जिले में है। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म इसी किले में हुआ था।

लोहगढ़ किला- यह पुणे जिले में है। इसका मतलब है ‘लोहे जैसा मजबूत किला’। यह मराठा साम्राज्य की रक्षा में बहुत महत्वपूर्ण था।

खंडेरी किला- यह रायगढ़ जिले में समुद्र के बीच एक द्वीप पर है। शिवाजी महाराज ने इसे समुद्री रास्तों पर नियंत्रण के लिए बनवाया था।

रायगढ़ किला- यह शिवाजी महाराज की राजधानी था। उन्हें यहीं पर 1674 में छत्रपति बनाया गया था।

राजगढ़ किला- यह पुणे जिले में है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली राजधानी था।

प्रतापगढ़ किला- यह सतारा जिले में है। यह किला 1659 में अफजल खान के साथ हुए युद्ध के लिए मशहूर है।

सुवर्णदुर्ग- यह रत्नागिरी जिले में समुद्र के बीच एक द्वीप पर है। यह मराठा नौसेना की ताकत का प्रतीक है।

पन्हाला किला- यह कोल्हापुर जिले में है। शिवाजी महाराज ने इसे 1659 में जीता था।

विजय दुर्ग- यह सिंधुदुर्ग जिले में समुद्र किनारे है। यह भारत के सबसे मजबूत समुद्री किलों में से एक है। शिवाजी महाराज ने इसे नौसेना का केंद्र बनाया।

सिंधुदुर्ग- यह सिंधुदुर्ग जिले में समुद्र के बीच एक द्वीप पर है। शिवाजी महाराज ने इसे समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए बनवाया था। यहाँ शिवाजी महाराज के हाथों के निशान भी हैं।

जिंजी किला– यह तमिलनाडु में है। इसे ‘दक्षिण भारत का सबसे मजबूत किला’ माना जाता है। यह किला तीन पहाड़ियों पर फैला हुआ है।

फडणवीस ने बताया ‘गौरवशाली क्षण’

फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार हमारे प्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करती है!! महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे महानतम राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व व गौरव की बात है। पवार ने कहा कि ये किले छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा योद्धाओं की वीरता, बलिदान और दूरदर्शिता के साक्षी हैं और अब उनकी विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान और सम्मान मिलेगा।

यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व की बात : PM मोदी

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देश के नेताओं ने खुशी जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सम्मान हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने लोगों से इन किलों को देखने की अपील की।

Mukesh Kumar
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