विद्यालय बंद रहने से हुआ पढ़ाई का नुकसान
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के दौरान विद्यालयों के बंद रहने के कारण पढ़ाई-लिखाई का बहुत अधिक नुकसान हुआ है। यह बात विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने बुधवार को कही और अगली महामारी के आने से पहले ही एक प्रणाली तैयार करने की जरूरत को रेखांकित किया, ताकि ऐसी स्थिति को उत्पन्न होने से रोका जा सके।
बंगा ने कहा, महामारी के दौरान विद्यालय जाने वाली पीढ़ी को लेकर हमारे पास वास्तविक चुनौतियां हैं।
बोले बंगा—
”जब हम कोविड-19 महामारी की चपेट में आए तो विकसित और विकासशील देश इससे निपटना सीख रहे थे। इस अवधि में लंबे समय तक विद्यालय बंद रहने के कारण पढ़ाई-लिखाई का बहुत अधिक नुकसान हुआ और इस नुकसान से निपटना सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, बल्कि यह दुनियाभर के लिए एक मुद्दा है। मेरा मत है कि हमें अब सबक लेना चाहिए। बहुत हद तक यह सुनिश्चित करना होगा कि, हम अगली महामारी से पहले ही एक प्रणाली तैयार करना सीख लें। अन्यथा हम वही भूलें दोबारा करेंगे। यह तो तय है कि अगली महामारी आएगी जरूर। सवाल यह है कि इसके आने से पहले हम कितना सीखते हैं? मेरे लिए यह एक बड़ा सवाल है।”
पहले ये बोला था विश्व बैंक
विश्व बैंक ने इससे पहले कहा था कि, महामारी के कारण भारत में विद्यालयों के लंबे समय तक बंद रहने से पढ़ाई में नुकसान के अलावा देश की भावी कमाई में 400 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो सकता है।
पहली बार भारत यात्रा पर
आपको बता दें कि 63 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी बंगा ने पिछले महीने ही विश्व बैंक के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। बंगा दो वैश्विक वित्तीय संस्थानों (विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) में—से किसी एक का प्रमुख बनने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति हैं। यह पद संभालने के बाद वे पहली बार भारत यात्रा पर हैं। वह जी-20 वित्त मंत्रियों और सदस्य देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर की अहमदाबाद में होने वाली बैठक में शामिल होंगे। बुधवार की सुबह उन्होंने द्वारका स्थित कौशल विकास केंद्र का दौरा किया और विद्यार्थियों से बातचीत की।