आमतौर पर दिल से जुड़ी बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ होती हैं.क्यों कि शरीर के अंग कमजोर होने लगते हैं.लेकिन आजकल कम उम्र में बच्चों को हार्ट अटैक आने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिस तरह से रोजाना मामले बढ़ रहे हैं इससे चिकित्सक भी हैरान हैं. अमरोहा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां यूकेजी की छात्रा की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,क्लास में अचानक से बच्ची की तबीयत बिगड़ गई. ऐसे में आनन-फ़ानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. ऐसे में अब ये सवाल उठ रहा है कि बच्चों में आखिर हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं.
कम उम्र में क्यों हो रहा हार्ट अटैक ?
हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते है कि हार्ट अटैक के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं. खराब लाइफ स्टाइल, अनहेल्दी फूड का अधिक सेवन करना और मोटापा बढ़ने से दिल के रोगों के होना का खतरा बढ़ जाता है. बॉडी एक्टिविटी में कमी होने से भी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है.अगर बच्चे को घबराट हो रही है,सांस तेजी से फूल रही है.पल्स तेजी से बढ़ रही है या फिर बच्चे को चक्कर आ रहे हैं तो बच्चे की तुरंत मेडिकल जांच कराएं.आइए आपको बताते हैं बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण
बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण
बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होना, कुछ ही देर में बच्चे की सांस फूल जाना, बच्चे का शारीरिक विकास नहीं होना,छाती में दर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
बच्चों हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
बच्चों में हार्ट अटैक से बचाव के लिए बच्चों के मोटापे को कंट्रोल करें. बच्चे को घबराहट हो रही है,चलने में सांस फूल रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं,मेडिकल जांच कराएं. जन्म के समय ही बच्चे की दिल की जांच जरूर कराएं.बच्चों को जंक फूड्स से दूर रखें.