Monday, December 23, 2024
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Wayanad Landslide: वायनाड में भूस्खलन से अब तक 143 की मौत,200 से अधिक लोग घायल,कई लोग अब भी लापता,सेना NDRF का तलाशी अभियान जारी

वायनाड (केरल),केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 143 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं,जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है.

भूस्खलन के बाद 180 से अधिक लोग लापता

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.सेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं.

भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार को तड़के 2 बजे से 4 बजे के बीच हुईं, जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका नहीं मिल पाया.वायनाड जिला प्रशासन की ओर से मंगलवार देर रात जारी आंकड़ों के अनुसार, नीलमबुर और मेप्पडी से करीब 30 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं.

रेस्क्यू ऑपरेशन फिर किया शुरू

वायनाड में तैनात सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य आपात सेवा के कर्मियों ने तलाश अभियान फिर शुरू किया.बचावकर्मी भूस्खलन के बाद मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं.

सेना की 122 इन्फैन्ट्री बटालियन के जवानों ने मेप्पडी में डाला डेरा

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैन्ट्री बटालियन के जवानों ने मेप्पडी के एक स्थानीय विद्यालय में डेरा डाला हुआ था और वे अब प्रभावित इलाकों की ओर निकल पड़े हैं.प्रवक्ता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा,”प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैन्ट्री बटालियन के जवान दूसरे दिन के बचाव अभियान की तैयारी कर रहे हैं.वे मेप्पडी में एक स्थानीय विद्यालय में अपने अस्थायी शिविर से वायनाड में आपदा प्रभावित इलाकों की ओर निकल पड़े हैं.”

सेना की कई टुकड़ियां प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना

रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि इस बीच सेना की कई टुकड़ियां तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु से सड़क और हवाई मार्ग से कालीकट रवाना हुई हैं.इसमें बताया गया कि सेना की टुकड़ियों में आपदा राहत कार्यों में अनुभवी सैनिक, चिकित्सा दल, एम्बुलेंस तथा अन्य उपकरण शामिल हैं.कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका के कारण मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.

अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में मूसलाधार बारिश के कारण मंगलवार तड़के हुई भूस्खलन की घटनाओं में महिलाओं और बच्चों समेत कई लोगों की मौत हो गई.

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