नई दिल्ली,उत्तराखंड के जंगल में लगातर धधक रही आग के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार को जमकर फटकार लगाई है.कोर्ट ने राज्य सरकार को अपर्याप्त धन और वन विभाग के अधिकारियों को लोकसभा चुनाव 2024 की ड्यूटी में जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार की आलोचना की.बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर क्यों राज्य सरकार को केवल 3.15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जबकि उन्होंने आग बुझाने के काम के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की थी.शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि कोई भी राज्य वन विभाग के अधिकारियों या विभाग की गाड़ियों को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाएगा.
उत्तराखंड सरकार के प्रति जताई नाराजगी
उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह कहते हुए कष्ट हो रहा है कि जंगल की आग को नियंत्रित करने में राज्य का रवैया “उदासीन” रहा है.न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया.
”कार्ययोजनाएं बनाते हैं लेकिन कार्यान्वयन नहीं करते”
न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भाटी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि हालांकि कई कार्य योजनाएं तैयार की जाती हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता.शीर्ष अदालत ने राज्य के वन विभाग में बड़ी संख्या में रिक्तियों के मुद्दे का भी जिक्र किया और कहा कि इस मामले पर ध्यान देने की जरूरत है.शीर्ष अदालत उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं को लेकर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.