Saturday, December 7, 2024
Homeउत्तरप्रदेश (UP)UP Madrasa Act: यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, हाईकोर्ट...

UP Madrasa Act: यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, हाईकोर्ट के फैसले को किया खारिज, शीर्ष अदालत ने कही ये बात

नई दिल्ली, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी जो राज्य के मदरसों के लिए एक बड़ी राहत है. हाईकोर्ट ने इस आधार पर इस कानून को खारिज कर दिया था कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह मानकर गलती की कि यह कानून मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है.

सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कही ये बात

प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, ”हम उत्तर प्रदेश मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखते हैं और दूसरी बात यह कि यदि राज्य के पास विधायी शक्ति नहीं है, केवल तभी किसी कानून को खारिज किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कानून की विधायी योजना मदरसों में दी जा रही शिक्षा के स्तर के मानकीकरण के लिए है”

उत्तर प्रदेश के मदरसों को बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश के मदरसों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है क्योंकि हाईकोर्ट ने इन मदरसों को बंद करने और उसके विद्यार्थियों को राज्य के अन्य विद्यालयों में दाखिला देने का आदेश दिया था.

22 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने फैसला रखा था सुरक्षित

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की गई अर्जियों पर 22 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखने से पहले करीब 2 दिनों तक 8 याचिकाकर्ताओं की ओर से अंजुम कादरी, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के एम नटराज समेत कई वकीलों की दलीलें सुनीं. नटराज उत्तर प्रदेश सरकार की ओर शीर्ष अदालत में पेश हुए थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 मार्च को इस कानून को ‘असंवैधानिक’ तथा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला घोषित किया था. उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसों के विद्यार्थियों को औपचारिक विद्यालयों में भेजने का निर्देश दिया था. मदरसों के करीब 17 लाख विद्यार्थियों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments