Jammu Kashmir: उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना की शुरुआत 1997 में हुई थी और 272 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को पूर्ण रूप से चालू होने में लगभग 28 साल लग गए. जम्मू और उधमपुर के बीच इसका पहला 55 किलोमीटर लंबा खंड अप्रैल 2005 में पूरा हुआ था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का शुक्रवार को उद्घाटन किया. यह पुल 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है.
कई चरणों में पूरी हुई USBRL परियोजना
उत्तरी रेलवे के अनुसार, पूरी परियोजना कई चरणों में पूरी और चालू हुई. जम्मू-उधमपुर खंड के खुल जाने के बाद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने कश्मीर के खंडों पर ध्यान केंद्रित किया और अक्टूबर 2008 में 68 किलोमीटर लंबे अनंतनाग-मझोम रेल लिंक को चालू किया. इसके बाद 32 किलोमीटर लंबे मजहोम-बारामूला रेल लिंक का संचालन शुरू हुआ. इस खंड पर फरवरी 2009 में ट्रेन सेवाएं शुरू हुईं, जिसके कारण 2009 तक स्थानीय लोगों ने USBRL परियोजना के अंतिम बिंदु यानी बारामूला से अनंतनाग तक ट्रेन यात्रा का लाभ उठाया. चूंकि अन्य खंडों पर भी काम जारी था, इसलिए रेलवे अक्टूबर 2009 के अंत तक अनंतनाग से जम्मू की ओर काजीगुंड तक ट्रेन सेवा का विस्तार करने में सक्षम रहा.’
रेलवे ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जब उसने जून 2013 में काजीगुंड से बनिहाल तक ट्रेन सेवाओं का विस्तार किया, जिसमें 11.215 किलोमीटर लंबी पीर पंजाल सुरंग का निर्माण शामिल था. लगभग एक साल बाद जुलाई 2014 में जम्मू की ओर से उधमपुर-कटरा लाइन चालू की गई.’
मोदी सरकार ने बनिहाल से कटरा तक की संपर्क सेवा 2 चरणों में पूरी की
रेलवे के एक सूत्र के अनुसार, ‘जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो कश्मीर की तरफ बारामूला से बनिहाल और दूसरी तरफ कटरा से जम्मू तक रेल सेवाएं चालू थीं. कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क पर लाने के लिए बनिहाल से कटरा तक की कड़ी को जोड़ना और उसे चालू करना जरूरी था. मोदी सरकार ने बनिहाल से कटरा तक की संपर्क सेवा 2 चरणों में पूरी की. सबसे पहले फरवरी 2024 में बनिहाल से संगलदान और फिर 6 जून 2025 को संगलदान से कटरा तक की संपर्क सेवा चालू की गई, जिससे ये कड़ी पूरी हो गई.’ उत्तर रेलवे ने कहा कि बनिहाल से कटरा खंड में चिनाब एवं अंजी पुल तथा कुछ सबसे मुश्किल और सबसे लंबी सुरंगें हैं.