दिल्ली- केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरूआत कर दी है. केंद्र की भाजपा सरकार ने ध्वज संहिता के नियमों में भी बदलाव किया. जानकारी के अनुसार, ध्वज संहिता के नियमों में बदलाव के बाद अब आम जनता भी अपने घरों पर ध्वज फहरा सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ध्वज संहिता के नियमों में बदलाव की वजह ‘हर घर तिरंगा’ अभियान है. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से हर घर तिरंगा अभियान को मजबूती मिलेगी. देश अपने अमृत काल में जी रहा है. इस अभियान के लिए देश के सभी 1.6 लाख डाकघरों में बिक्री के लिए झंडे उपलब्ध होंगे. 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तीन दिनों के लिए नागरिकों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया गया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तीन दिनों के लिए घरों के ऊपर 20 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाएंगे.
जान लीजिए नियम
अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’ इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा. यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।’ इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी.