दिल्ली: साइबर क्राइम करने वालों पर केंद्र सरकार ने प्रहार किया है. बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सरकार ने बड़ी संख्या में सिम खरीदने और बेचने वालों पर कार्रवाई की है. सिम डीलरों पर की गई कार्रवाई से हड़ंकप मच गया. सरकार ने बल्क (Bulk) सिम की बिक्री पर रोक लगा दी है. अब बल्क यानि बड़ी संख्या में सिम की बिक्री सिर्फ बिजनेस कनेक्शन के लिए हो सकेगी, उसके लिए भी पोस्ट वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. बिजनेस कनेक्शन के लिए खरीदे गए हर सिम कार्ड की केवाईसी जरूरी होगी.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार के इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार को कई समय से सिम के गलत इस्तेमाल की जानकारी मिल रही थी. इसमें बड़ी संख्या में सिम खरीदकर साइबर फ्रॉड करने वाली घटनाएं शामिल थी. इस पर लगाम लगाते हुए सरकार ने अब बल्क में सिम की बिक्री पर रोक लगा दी है.
52 लाख फर्जी कनेक्शन पर चला सरकारी डंडा
साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने बीते मई महीने के बाद से लगातार कार्रवाई की है. सरकार ने 52 लाख फर्जी कनेक्शन्स की जानकारी लेते हुए उन्हें बंद कर दिया है. इसके साथ साथ सरकार ने बल्क में सिम बेचकर नियमों का उल्लंघन करने वाले 67 हजार डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया है. इसके साथ साथ 300 FIR दर्ज की गई हैं.
17 हजार हैंडसेट जब्त
बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सरकार ने कार्रवाई करते हुए 17 हजार हैंडसेट्स का पता लगाकर उन्हें ब्लॉक किया है. ऑनलाइन फ्रॉड पर भी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. इसके तहत 66 हजार WhatsApp अकाउंट के बारे में जानकारी जुटाई गई, जो ऑनलाइन फ्रॉड्स में शामिल थे. ऐसे 67 हजार अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया गया है.
88 हजार पेमेंट वॉलेट ब्लॉक
ऑनलाइन या साइबर फ्रॉड के जरिए जो पैसा अकाउंट वैलेट में मंगाया जाता था, ऐसे अकाउंट्स पर भी रोक लगाई गई है. कार्रवाई करते हुए 8 लाख पेमेंट अकाउंट वॉलेट को ब्लॉक किया गया है, जो फ्रॉड से जुड़े हुए थे.
सारथी पोर्टल का कमाल
खोए हुए या चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की जानकारी सरकार को देने वाले पोर्टल सारथी से भी आम लोगों को बड़ा फायदा हुआ है. सारथी पोर्टल से चोरी हुए और खोए हुए 3 लाख डिवाइट को ट्रेस किया जा चुका है. इसके साथ साथ ये 3 लाख डिवाइस, आम लोगों को वापस लौटाए गए हैं.