नई दिल्ली, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला देते हुए बुधवार को पार्टी नेताओं से कहा कि देश में माहौल पार्टी के पक्ष में है, लेकिन अति आत्मविश्वास और आत्मसंतुष्टि नहीं होनी चाहिए तथा एकजुट होकर काम करना है.उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लोकसभा चुनाव में लगे झटके से सबक लेने के बजाय आज भी विभाजन और डर फैलाने की अपनी नीति पर कायम है.
CPP की बैठक की शुरुआत में, केरल के वायनाड में कल मंगलवार को तड़के हुए भूस्खलन में मारे गए लोगों के और बीते सप्ताह के आखिर में दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में बारिश के पानी में डूबने के कारण जान गंवाने वाले 3 विद्याथियों के सम्मान में कुछ देर मौन रखा गया.
”मोदी सरकार भय और शत्रुता फैलाने की नीति पर कायम”
संसदीय दल के प्रमुख के तौर पर दिए गए अपने भाषण में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार, भाजपा एवं RSS पर तीखे हमले किए.उन्होंने कहा,”हमें लगता था कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में लगे बड़े झटके से सही सबक लेगी.इसके बजाय, वह समुदायों को विभाजित करने तथा भय और शत्रुता फैलाने की अपनी नीति पर कायम है.
कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कही ये बात
सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के शासनादेश से जुड़े विवाद का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि सौभाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन यह केवल एक अस्थायी राहत हो सकती है.
”RSS भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है”
उन्होंने दावा किया, ‘‘नौकरशाही को RSS की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए नियमों को अचानक बदल दिया गया.यह संगठन खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है.”
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कही ये बात
सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव की संभावना के मद्देनजर पार्टी नेताओं में जोश भरने का प्रयास किया.उन्होंने कहा,”कुछ ही महीनों में चार राज्यों में चुनाव होने हैं.हमें लोकसभा चुनाव में बनी स्थिति को बरकरार रखना चाहिए. हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए.माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें लक्ष्य को ध्यान में रखने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा.”कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यदि कांग्रेस आगामी चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन करती है तो राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा.इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटें हासिल हुई हैं.
बजट में युवाओं,किसानों को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में किसानों और युवाओं की मांगों को नजरअंदाज किया गया है.उन्होंने दावा किया,”किसानों और विशेषकर युवाओं की प्रमुख मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है.प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और अन्य लोगों द्वारा बजट और इसकी तथाकथित उपलब्धियों के बारे में बात करने के बावजूद व्यापक निराशा हुई है. केंद्र सरकार, विशेष रूप से इसका शीर्ष नेतृत्व भ्रम की स्थिति में है क्योंकि देश भर में करोड़ों परिवार बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से तबाह हो गए हैं.”
”सरकार का जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं”
सोनिया गांधी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार का जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं है.उन्होंने कहा,”यह हमें देश की जनसंख्या, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का नवीनतम अनुमान लगाने से रोक देगा.इसका मतलब यह भी है कि हमारे कम से कम 12 करोड़ नागरिक 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित हैं.”
जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों पर कही ये बात
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों का हवाला देते हुए कहा,”राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में बेहद परेशान करने वाली खबर है.पिछले कुछ हफ्तों में अकेले जम्मू क्षेत्र में कम से कम 11 आतंकी हमले हुए हैं.घाटी में भी ऐसे हमले हुए हैं. बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों और आम लोगों की जान गई है.”सोनिया गांधी ने दावा या कि यह मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे उस दावे को हास्यास्पद साबित करता है कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है.
”मणिपुर की स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे”
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘मणिपुर की स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.प्रधानमंत्री, दुनिया भर में यात्रा करते हैं, लेकिन राज्य में जाने और सामान्य स्थिति लाने के लिए पहल करने से इनकार करते हैं.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी के नए सांसदों से कहा,”हमें नियमित रूप से संसद में उपस्थित रहना चाहिए, हर समय सतर्क रहना चाहिए और अपनी समिति के कार्यों को गंभीरता से लेना चाहिए.बैठक के बाद कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बताया कि एक प्रस्ताव पारित कर सोनिया गांधी को अधिकृत किया गया कि वह सीपीपी के पदाधिकारियों की नियुक्ति करें.