Saturday, November 16, 2024
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अडानी ग्रुप की 10 में से 9 कंपनियों के शेयरों में लौटी तेजी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में सबसे ज्यादा उछाल

नई दिल्ली, अडानी समूह की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से 9 के शेयरों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में तेजी लौटी. एक दिन पहले इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी. अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में मंगलवार को तेज उछाल आया और यह 6 प्रतिशत चढ़ा. अडानी टोटल गैस के शेयर में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, एनडीटीवी में 2.56 और अदाणी ग्रीन एनर्जी में 2.55 प्रतिशत की तेजी आई.

अडानी ग्रुप के शेयरों में लौटी तेजी

अडानी विल्मर का शेयर 2.15 प्रतिशत, एसीसी का 1.93 प्रतिशत, अडानी पावर का 1.74 प्रतिशत, अडानी पोर्ट्स का एक प्रतिशत और अंबुजा सीमेंट्स का 0.43 प्रतिशत चढ़ा.अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में शुरुआती कारोबार में मामूली गिरावट आई.अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में सोमवार को गिरावट आई थी.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कही थी ये बात

हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था.विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं.

बुच दंपति ने आरोपों पर दिया था ये जवाब

आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च, 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था.ये निवेश ‘‘ सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से ’’ किए गए थे.सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष ‘‘निष्क्रिय’’ हो गए.

अडानी समूह ने सेबी प्रमुख से वाणिज्यिक लेनदेन से किया था इनकार

अडानी समूह ने भी सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है.संपत्ति प्रबंधन इकाई 360वन (जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट कहा जाता था) ने अलग से बयान में कहा कि बुच तथा उनके पति धवल बुच का आईपीई-प्लस फंड 1 में निवेश कुल निवेश का 1.5 प्रतिशत से भी कम था और उसने अदाणी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया था.

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