नई दिल्ली, अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को भारी गिरावट आई. बाजार नियामक सेबी ने उद्योगपति अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य को कंपनी से धन के हेर-फेर के मामले में प्रतिभूति बाजार से 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. इसके बाद ही उनकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई.
अनिल अंबानी की कंपनी के शेयरों में गिरावट
रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) का शेयर एनएसई पर 5.12 प्रतिशत गिरकर 4.45 रुपये पर और बीएसई पर 4.90 प्रतिशत की गिरावट के बाद 4.46 रुपये पर आ गया.
बीएसई पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर 10.83 प्रतिशत गिरकर 209.90 रुपये और एनएसई पर यह 8.89 प्रतिशत गिरकर 214.76 रुपये पर आ गया.वहीं दोपहर के कारोबार में 30 शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स 57.32 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़कर 81,110.51 अंक पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 29.35 अंक या 0.12 प्रतिशत चढ़कर 24,840.85 अंक पर रहा.
SEBI ने अनिल अंबानी पर लगाया 25 करोड़ का जुर्माना
सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उन्हें 5 साल की अवधि के लिए प्रतिभूति बाजार से जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (केएमपी) के रूप में शामिल होना शामिल है.इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रिलायंस होम फाइनेंस को प्रतिभूति बाजार से 6 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया और उस पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.प्रतिबंधित 24 में रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के पूर्व प्रमुख अधिकारी अमित बापना, रवींद्र सुधालकर और पिंकेश आर. शाह शामिल हैं.
अंबानी पर 25 करोड़ रुपये, बापना पर 27 करोड़ रुपये, सुधालकर पर 26 करोड़ रुपये और शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.इसके अतिरिक्त, रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज, रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट एलटी, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड, रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लिमिटेड और रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड सहित शेष संस्थाओं पर 25-25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
बाजार नियामक सेबी ने फरवरी 2022 में एक अंतरिम आदेश पारित किया था और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, उद्योगपति अनिल अंबानी और तीन अन्य व्यक्तियों (अमित बापना, रवींद्र सुधाकर और पिंकेश आर. शाह) को कंपनी से कथित रूप से धन निकालने के आरोप में अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार में संलिप्त होने से रोक दिया था.