RBI Repo Rate Cut: महंगाई दर में नरमी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया है. वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता के बीच केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है.
द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छह सदस्यीय समिति ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय किया है.’
क्या होती है रेपो दर ?
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है.
EMI में आ सकती है कमी
रेपो दर में कमी करने का मतलब है कि मकान समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कमी आ सकती है. उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने इससे पहले इस साल फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की थी.
आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार
एमपीसी में आरबीआई के 3 सदस्य और सरकार द्वारा नियुक्त 3 बाहरी सदस्य शामिल हैं. इसके साथ, आरबीआई ने 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. वहीं चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 कर दिया गया है.
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