अयोध्या। 22 जनवरी का दिन बेहद शुभ है। अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और मृगशिरा नक्षत्र के बीच अभिजित मुहूर्त में सोमवार को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर हो रही है। ऐसा ही संयोग त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के जन्म के समय बने थे। अब उसी संयोग में 496 साल बाद रामजन्म भूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। इसे लेकर देशभर में उत्सव सा माहौल है।
ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और मृगशिरा नक्षत्र के साथ सोमवार के संयोग के बीच हो रही है। सोमवार यानी हरि अर्थात् विष्णु मुहूर्त है, इस दिन द्वादशी तिथि भी है, जिसके स्वामी विष्णु है। वहीं श्रीराम प्रभु भी विष्णु के 7वें अवतार है। ऐसे में यह दिन त्रेतायुग जैसा शुभ संयोग लेकर आया है।
प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त 84 सेकंड
ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि इस दिन तीन शुभ योगों का अद्भुत संयोग बना रहा है। पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा सूर्योदय से लेकर पूरे दिन सवार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा। दिन खत्म होने के साथ ही रवि योग भी लग जाएगा। इन सब योगों में अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्य होगा। इस दिन चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा, जो 12 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी 12 बजकर 29 मिनट 8 सेंकड पर शुरू होगी, जो 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगी। इस बीच अभिजित मुहूर्त के साथ इंद्र योग, मेष लग्न व वृश्विक नवांश होगा। प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त 84 सेकंड का रहेगा।
इसलिए चुना ये यह दिन
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक त्रेतायुग में प्रभु श्री राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। 22 जनवरी को मृगशिरा नक्षत्र में अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है। यही कारण है कि इस तिथि को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया है।