राजनीति में लाल डायरी का किस्सा बहुत पुराना है देश ही नही प्रदेश में भी समय समय पर भी लाल डायरी ने कई नेता, मंत्रियों के राज खोले है कई बार तो इस लाल डायरी की वजह से सरकार गिरने तक की नौबत तक आई है। फिलहाल तो लाल डायरी ने अपना कहर राजस्थान की राजनीति में बरपाया हुआ है। इस लाल डायरी की वजह से राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही में हंगामा हुआ। विधायक राजेंद्र गुढ़ा को इस गलती की सजा भी भुगतनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष सीपीजोशी ने राजेंद्र गुढा को सदन से बाहर कर रास्ता दिखा दिया इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम गहलोत से चर्चा कर गुढ़ा को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया।
लाल डायरी का काला राज
राजेंद्र गुढ़ा जिस लाल डायरी की बात कर रहे है उसमें क्या राज है ये तो समय ही बताएगा। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में इस डायरी की वजह से भूचाल आ गया है। हर किसी का जबान पर सिर्फ एक ही सवाल है कि “आखिर क्या है डायरी का काला राज”। पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बयानों में कहा कि इस डायरी का राज खुलते ही कई नेताओं का राजनीतिक वजूद खत्म हो जाएगा। गुढा ने लाल डायरी के अंदर सीएम अशोक गहलोत के कई राज होने की बात भी की है । राजेंद्र गुढा ने इस डायरी में 100-200 करोड़ के लेने देन की बात भी कही, आगे बोलते हुए गुढ़ा ने कहा की गहलोत सरकार के संकट के समय मैं सीएम गहलोत के साथ खड़ा रहा। मैने एक बार नही ब्लकि कई बार सरकार गिरने से बचाई है। इसके बावजूद अशोक गहलोत बोलते है कि मै बीजेपी के साथ मिला हुआ हूं। लाल डायरी के इन काले राज में कितनी सच्चाई है यह आने वाला वक्त तय करेगा। जिस तरह ले एक बार आवेदन लाल फीताशाही में बंद हो जाता है उसी तरह यह लाल डायरी भी खुलने का नाम ही नही ले रही। इससे पहले भी कई तरह की डायरियों ने राजस्थान की सियासत में माहोल की गर्म रखा है फिलहाल लाल डायरी अभी कुछ हिस्सा ही सामने आया है कह सकतें है कि अभी ट्रेलर ही सामने आया है जो कि विधानसभा मे दिखाई दिया। इस डायरी के कारण ही विधायक राजेंद्र गुढ़ा सीएम गहलोत के खिलाफ मुखर हो रहे है और फ्रट फुट पर खेल रहे है । इसी तरह की लाल डायरी के कारन सिंतबर 2022 में दिल्ली के ओखला से विधायक और वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह को भी दिल्ली एंटी करप्शन की शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था। ये डायरी विधायक अमानतुल्लाह के करीबी के पास से मिली थी।
लाल डायरी का लाल फीताशाही से संबध
जिस तरह सरकारी योजनाओं का भविष्य लाल पोथी में बंद हो जाता है उसी तरह राजस्थान में काग्रेंस सरकार का भविष्य राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी में बंद हो गया। ये भविष्य कब तक इस लाल डायरी मे बंद रहेगा कुछ नही कहा जा सकता है इसी तरह की कई लाल डायरियों ने पहले भी कई नेताओं के राजनीतिक कैरियर पर लगाम लगाई है। फिलहाल लाल डायरी के काले राज विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने अपने अंदर दबाए हुए है कब तक ये राज खुलेंगे और राजस्थान की सियासत में कहर मचाएंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा।