रायपुर। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को पीएम मोदी पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने अड़ाणी मामले को लेकर पीएम मोदी को आड़े हाथो लिया. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता को बताना चाहिए कि वह अडानी के खिलाफ जांच क्यों नहीं करा रहे हैं. गांधी ने यह भी कहा कि नफरत एवं हिंसा से देश प्रगति नहीं कर सकता है और न ही वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकता है. राहुल गांधी रायपुर में राजीव युवा मितान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि ”कुछ दिनों पहले आर्थिक मामलों के दुनिया के सबसे बड़े अखबार ने लिखा था कि नरेन्द्र मोदी के करीबी अडानी ने हिंदुस्तान से हजारों करोड़ रुपये बाहर भेजे और उस पैसे से स्टॉक मार्केट में अपने शेयर के दाम बढ़ाए।”
हिन्दुस्तान से बाहर गए हजारों करोड़ रुपए
राहुल गांधी ने कहा कि, ”प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए तथा देश को और छत्तीसगढ़ युवाओं को बताना चाहिए कि वह अडानी की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं. ऐसी क्या बात है कि नरेन्द्र मोदी जांच नहीं करा रहे हैं. हिन्दुस्तान से जो हजारों करोड़ रुपए बाहर गये वह किसका पैसा था. वह अडानी का पैसा नहीं था, किसी और का पैसा था।” राहुल गांधी ने आगे कहा कि ‘मैं आपको साफ कर देता हूं कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री अडानी की कोई जांच नहीं करा सकते क्योंकि जांच का नतीजा नतीजा निकल गया तो उसका नुकसान अडानी को नहीं किसी और को होगा।”
पीएम सिर्फ अपने मित्रो के लिए काम करते हैं
सासंद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और”भाजपा हिन्दुस्तान के दो-तीन अरबपतियों के लिए काम करते हैं। नाम आप जानते ही हैं।” युवाओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ”कुछ महीने पहले कर्नाटक में चुनाव हुआ एक तरफ भाजपा और उनकी विचारधारा तथा दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा थी. उनका काम लोगों को बांटने का, नफरत फैलाने का, हिंसा फैलाने का है. हमारा काम लोगों को जोड़ने का है तथा नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने का है।”
हम झूठे वादे नही करते
राहुल गांधी ने कहा कि ”छत्तीसगढ़ में हमने किसानों को धान के लिए सही दाम दिया. हम झूठे वादे नहीं करते. हम 15 लाख रुपये देने का वादा नहीं कर सकते।” गांधी ने कहा, ”देश नफरत से आगे नहीं जा सकता है. हिंसा से देश आगे नहीं जा सकता है, इससे अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ सकती है. मोहब्बत से, इज्जत से काम किया जाता है और देश को जोड़ा जाता है तथा सब को एक साथ लाया जाता है तो देश तेजी से प्रगति करता है।” भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है क्योंकि वह नहीं चाहती कि वे जंगल से बाहर आएं और विभिन्न क्षेत्रों में अपने सपनों को पूरा करें.