Tuesday, May 13, 2025
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Cyber Attack: सीजफायर के बाद भी नहीं रुके साइबर अटैक, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से जुड़े हैकरों ने भारतीय वेबसाइटों पर 15 लाख साइबर हमले किए, केवल 150 ही सफल

Cyber Attack: महाराष्ट्र साइबर ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की अहम वेबसाइटों पर हुए 15 लाख से ज्यादा साइबर हमलों के पीछे 7 एपीटी समूहों की पहचान की है। इनमें से केवल 150 हमले ही सफल रहे। भारत-पाक संघर्षविराम के बावजूद हमले जारी हैं, जिनमें बांग्लादेश और पश्चिम एशियाई देशों के हैकर भी शामिल हैं।

Cyber Attack: महाराष्ट्र साइबर ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत भर में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की वेबसाइटों को निशाना बनाकर 15 लाख से अधिक साइबर हमले करने के लिए जिम्मेदार 7 उन्नत स्थायी खतरा (एपीटी) समूहों की पहचान की है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इनमें से हैकर केवल 150 हमलों में ही सफल रहे. अधिकारियों ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति के बाद भी भारत सरकार की वेबसाइट को पड़ोसी देश के साथ-साथ बांग्लादेश और पश्चिम एशियाई देशों से साइबर हमलों का सामना करना पड़ रहा है.

सीजफायर के बाद भी भारत में साइबर अटैक जारी

महाराष्ट्र साइबर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में उन दावों को खारिज किया कि हैकर ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आंकड़ों की चोरी की है, विमानन और नगर निगम प्रणालियों को हैक किया है और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को निशाना बनाया है.

अधिकारी ने कहा, ‘जांच में पाया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई समाप्त होने के बाद भारत में (सरकारी वेबसाइट पर) साइबर हमले कम हुए, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं हुए. ये हमले पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और पश्चिम एशियाई देशों से जारी हैं.’

आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इसी नाम से शुरू किए गए सैन्य अभियान के तहत तैयार की गई ‘रोड ऑफ सिंदूर’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में राज्य की नोडल साइबर एजेंसी ने पाकिस्तान-संबद्ध हैकिंग समूहों द्वारा शुरू किए गए साइबर युद्ध का विस्तृत विवरण दिया है.

पाकिस्तान समेत इन देशों से साइबर अटैक

यह रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक और राज्य खुफिया विभाग सहित सभी प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सौंप दी गई है. महाराष्ट्र साइबर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यशस्वी यादव ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, ये साइबर हमले बांग्लादेश, पाकिस्तान, पश्चिम एशियाई देशों और एक इंडोनेशियाई समूह द्वारा किए गए.

इस्तेमाल किए गए तरीकों में मैलवेयर अभियान, डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमले और जीपीएस के माध्यम से जासूसी शामिल थी। भारतीय वेबसाइटों को भी नुकसान पहुंचाने की खबरें आईं.

उन्होंने कहा कि ऐसे कई हमलों को विफल कर दिया गया और भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बचा लिया गया. ‘रोड ऑफ सिन्दूर’ महाराष्ट्र साइबर की पूर्व रिपोर्ट ‘इकोज ऑफ पहलगाम’ का अनुवर्ती संस्करण है, जिसमें पहलगाम आतंकवादी घटना के बाद हुए साइबर हमलों का दस्तावेजीकरण किया गया था.

रिपोर्ट में कही गई ये बात

रिपोर्ट में पहचाने गए 7 हैकिंग समूहों में एपीटी 36 (पाकिस्तान स्थित), पाकिस्तान साइबर फोर्स, टीम इनसेन पीके, मिस्टीरियस बांग्लादेश, इंडो हैक्स सेक, साइबर ग्रुप होक्स 1337 और नेशनल साइबर क्रू (पाकिस्तान-संबद्ध) शामिल हैं.

यादव ने कहा कि इन समूहों ने सामूहिक रूप से भारतीय बुनियादी ढांचे पर लगभग 15 लाख लक्षित साइबर हमले किए. उन्होंने बताया कि 150 सफल हमलों में से एक, कुलगांव बदलापुर नगर परिषद की वेबसाइट को विरूपित करना शामिल है. हमलावरों ने छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ-साथ दूरसंचार कंपनियों से भी आंकड़े चुराने का दावा किया है, जिनमें से कुछ डेटा कथित तौर पर डार्कनेट पर दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, जालंधर में डिफेंस नर्सिंग कॉलेज की वेबसाइट को भी विरूपित कर दिया गया था.

रिपोर्ट में हाइब्रिड युद्ध रणनीति पर डाला गया प्रकाश

रिपोर्ट में पाकिस्तान से जुड़े समूहों की हाइब्रिड युद्ध रणनीति पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें व्यापक रूप से गलत सूचना अभियान शामिल हैं। इन समूहों ने भारत की बैंकिंग प्रणाली को हैक करने और बिजली कटौती का झूठा दावा किया है.

महाराष्ट्र साइबर ने सोशल मीडिया पर प्रसारित भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष से संबंधित गलत सूचना और फर्जी खबरों के 5,000 से अधिक मामलों की पहचान की और उन्हें हटाया. हटाए जाने के लिए चिह्नित 80 विशिष्ट गलत सूचना मामलों में से अब तक 35 को हटा दिया गया है, तथा शेष 45 पर कार्रवाई लंबित है.

यादव ने कहा कि इन झूठे आख्यानों में भारत के पावर ग्रिड पर साइबर हमले, राज्यव्यापी ब्लैकआउट, सैटेलाइट जैमिंग, उत्तरी कमान में व्यवधान और ब्रह्मोस मिसाइल भंडारण सुविधा पर कथित हमले के दावे शामिल थे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र साइबर ने नागरिकों से गलत सूचना पर विश्वास न करने या उसे न फैलाने तथा विश्वसनीय एवं आधिकारिक स्रोतों से समाचारों की पुष्टि करने का आग्रह किया है.

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Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
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