नई दिल्ली। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ आतंकी सैफुल्लाह खालिद की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी। वह लश्कर के संस्थापक आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी था। जानकारी के मुताबिक मटली शहर में जैसी ही वो अपने घर के बाहर निकला, हमलावरों ने उसके सिर और सीने पर गोली मार दी। यह आतंकी भारत में हुए तीन हमलों में शामिल था। उसने महाराष्ट्र के नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में साल 2006 में हमले की साजिश रची थी। साल 2001 में रामपुर में सीआरपीएफ कैंप में हुए हमले और बंगलौर में 2005 में हुए हमले में वो शामिल था।
नेपाल में कई सालों तक छिपा रहा खालिद
खालिद विनोद कुमार के फर्जी नाम से कई सालों तक नेपाल में छिपा रहा था। खालिद ने अपना ठिकाना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बदीन जिले के मतली में बना लिया था। वहां वह लश्कर-ए-तैयबा और उसके मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा के लिए काम करता रहा, जिसका मुख्य काम आतंकी अभियानों के लिए भर्ती और धन उगाही करना था। उसने नेपाली महिला नगमा बानू से शादी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का सहयोगी था।

RSS हेडक्वॉर्टर पर आतंकी हमले की साजिश रची थी
- 2006 में नागपुर में RSS मुख्यालय पर आतंकियों ने एक बड़े हमले की साजिश रची थी।
- इस हमले को सुरक्षा बलों ने समय रहते नाकाम कर दिया था।
- 2006 में 1 जून की सुबह लगभग 4:00 से 5:00 बजे के बीच तीन हमलावर एक सफेद कार में सवार होकर आए।
- कार में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक थे। हमलावरों के पास AK-47 राइफल्स और ग्रेनेड भी थे।
- उन्होंने RSS मुख्यालय में जबरन घुसने की कोशिश की, लेकिन उस समय वहां पहले से तैनात सीआरपीएफ जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की।
- मुठभेड़ में तीनों हमलावर मारे गए।
- किसी भी सुरक्षा कर्मी या RSS स्वयंसेवक को कोई नुकसान नहीं हुआ।
रामपुर में CRPF कैंप पर हमले में 7 जवान शहीद हुए थे
- उत्तरप्रदेश के रामपुर में 31 दिसंबर 2007 की रात को आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था।
- इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी शामिल थे।
- रात करीब 2:30 बजे आतंकियों ने दिल्ली-लखनऊ रोड पर CRPF ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से अंदर घुसकर हमला किया।
- AK-47 राइफलों और हैंड ग्रेनेड्स का इस्तेमाल करते हुए जवानों को निशाना बनाया।
- हमले में सात सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए और एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गई।
- हमले के बाद उत्तर प्रदेश एसटीएफ और पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
- मामले में 12 साल बाद 2019 में अदालत ने छह आरोपियों को सजा सुनाई थी।

लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अबू कताल मार्च में मारा गया था
इससे पहले लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मोस्ट वांटेड आतंकी अबू कताल 15 मार्च की रात पाकिस्तान में मारा गया था। पंजाब राज्य में अनजान हमलावरों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
अबू कताल 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी था। कताल LeT का अहम सदस्य था और जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था।
पिछले साल 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमले में भी कताल का हाथ था। इसमें 10 लोगों की जान गई थी।