Maharashtra News : मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता राज ठाकरे सहित विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूची समेत चुनाव प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ आते देखा गया। ऐसी चर्चा है कि वे राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए हाथ मिला सकते हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे बड़े विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होंगे या नहीं।
विपक्षी गुट महा विकास अघाडी नहीं, बल्कि महा कन्फ्यूज्ड अघाडी है : एकनाथ शिंदे
उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्षी गुट महा विकास अघाडी नहीं, बल्कि महा कन्फ्यूज्ड अघाडी है। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस. चोकलिंगम से मुलाकात की तथा स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने की मांग की। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, वामपंथी दल, शेतकरी कामगार पक्ष और समाजवादी पार्टी शामिल हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंत में या अगले वर्ष की शुरुआत में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के उपयोग की भी मांग की।
एक बात तो माननी पड़ेगी कि जो बाकी कोई नहीं कर पाया वो चुनाव आयोग ही कर पाया है । एकबार फिर महाराष्ट्र में सभी विरोधी दलों को मतदाता सूची ने एकसाथ लाया है । राज ठाकरे , उद्धव ठाकरे , आदित्य , जयंत पाटिल सब चुनाव आयुक्त से मिलने गए । pic.twitter.com/LkLeWhFOVy
— Sahil Joshi (@sahiljoshii) October 14, 2025
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ और शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे और (लोकसभा सांसद) अरविंद सावंत सहित एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने इसी तरह की मांगों के साथ राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राकांपा (शरद पवार) नेता जयंत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने एस चोकलिंगम से मुलाकात की और उन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों में मतदाता सूची में अनियमितताओं के बारे में बताया। अब यह स्पष्ट है कि बहुत सारी अनियमितताएं हैं और यह विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में देखी जा सकती हैं।’’उन्होंने दावा किया कि यदि इस मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया और राज्य चुनाव आयोग चुनाव कराता है, तो यही गड़बड़ी कल स्थानीय निकाय चुनावों में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, हमने मांग की है कि राज्य चुनाव आयोग और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी दोनों मिलकर हमसे बैठक करें और हमारी चिंताओं को सुनें। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि दोनों साथ बैठकर हमारी शिकायतें सुनेंगे।
‘चुनावी अनियमितताओं’ का मुद्दा उठाया
पाटिल ने दावा किया कि मतदाता सूची में कई नामों की दोहरी प्रविष्टियां हैं। उन्होंने कहा कि एक मामले में एक ही घर में 170 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जो गड़बड़ियों की ओर इशारा करता है। पाटिल ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव कराने से पहले इन विसंगतियों को ठीक किया जाना चाहिए। शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत ने बताया कि बैठक के बाद विपक्षी नेताओं का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन होना था, लेकिन चर्चा अधूरी रहने के कारण उसे टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि चर्चा बुधवार को जारी रहेगी, क्योंकि निर्वाचन आयोग को कुछ और समय की आवश्यकता है।
राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को भी इस बैठक का हिस्सा होना चाहिए था, क्योंकि यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए। उन्होंने कहा, भाजपा पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में भी ऐसी ही मांगें कर रही है। भाजपा को भी यहां होना चाहिए था। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव पारदर्शी और संविधान के अनुसार होने चाहिए।
वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यह महा विकास अघाडी नहीं, बल्कि ‘महा कन्फ्यूज्ड अघाडी’’ है शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए शिंदे ने कहा कि जो व्यक्ति मुख्यमंत्री रहते हुए मंत्रालय सिर्फ ‘वर्चुअल’ रूप से आते थे, वही अब वहां फिर आए हैं, लेकिन काम करने नहीं, बल्कि शिकायतें करने के लिए।