नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुना’ के विधेयक को मंजूरी दे दी. अब केंद्र सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र में इसे संसद में पेश कर सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया.
राजनीतिक दलों से चर्चा करेगी जेपीसी
सरकार विधेयकों पर व्यापक विचार-विमर्श करने की इच्छुक है जिन्हें संसदीय समिति को भेजे जाने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि सरकार समिति के माध्यम से विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है.
बता दें कि सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना पर आगे बढ़ते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव चरणबद्ध तरीके से एक साथ कराने के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सितंबर में स्वीकार कर लिया था.
वन नेशन वन इलेक्शन से क्या होगा फायदा
एक देश एक चुनाव को लेकर सरकार का कहना है कि इससे धन और समय की बचत होगी. चुनाव के होने से विकास कार्यों में रुकावट नहीं आएगी. साथ ही चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर भी रोक लग सकेगी, चुनाव में ड्यूटी के चलते सरकारी कर्मचारियों का काम प्रभावित नहीं होगा.
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा- बनानी होगी आम सहमति
इस मुद्दे पर बनी समिति की अध्यक्षता करने वाले रामनाथ कोविंद ने मीडिया से बात करते हुए आम सहमति बनाने की बात पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है- केंद्र सरकार को इसके लिए आम सहमति बनानी होगी. यह मामला किसी एक दल का नहीं, बल्कि पूरे देश के हित में है.
एक देश एक चुनाव पर बनी समिति ने की थी ये सिफारिश
वन नेशन वन इलेक्शन पर बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है देशभर में दो चरण में चुनाव होंगे. जिसमें पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव होंगे. और 100 दिन के भीतर दूसरे चरण में नगरपालिका और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे.