श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बारामूला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने शुक्रवार को यह घोषणा की.नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए संवाददाताओं से यह भी कहा कि कि प्रभावशाली शिया नेता आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी मध्य कश्मीर के श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.यह क्षेत्र नेकां का गढ़ रहा है.
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने घोषणा की थी कि जब तक जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे.
”परिसीमन के बाद बदला चुनावी समीकरण ”
12 विधानसभा क्षेत्रों में फैली बारामूला लोकसभा सीट पर चुनावी संघर्ष उन महत्वपूर्ण मुकाबलों में से एक होगी जिन पर लोगों की गहरी नजर होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी समीकरण बदल गया है.बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों और बडगाम के कुछ हिस्से इस निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं.इस सीट पर नेकां उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन के बीच काफी हद तक सीधा मुकाबला होने की संभावना है.
शिया मतदाताओं से समर्थन की उम्मीद
उमर अब्दुल्ला को शिया मतदाताओं से समर्थन मिलने की अधिक उम्मीद होगी, क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में कई शिया बहुल इलाके हैं, जिनमें बडगाम, बीरवाह, पत्तन, सोनावारी और बांदीपोरा समेत अन्य इलाके शामिल हैं.परिसीमन से पहले यह निर्वाचन क्षेत्र नेकां का गढ़ रहा है, क्योंकि पार्टी ने 1957 से 10 बार इस सीट पर कब्जा किया है.कांग्रेस ने 4 बार और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने एक बार जीत हासिल की है.
2019 में भी जीत की थी दर्ज
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में नेकां उम्मीदवार मोहम्मद अकबर लोन ने 1,33,426 वोट हासिल किए और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजा ऐजाज अली को हराया था, जिन्हें 1,03,193 वोट मिले थे.निर्दलीय उम्मीदवार शेख अब्दुल रशीद 1,02,168 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि पीडीपी उम्मीदवार अब्दुल कयूम वानी 53,530 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे.