NEET 2024 पर बवाल बढ़ता जा रहा है। नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही NTA विवादों के घेरे में आ गया है। नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से देशभर से स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और कोचिंग टीचर्स नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर कई आरोप लगा रहे हैं। कई मामलों में नीट रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है जिसमें पेपर लीक की आशंका, पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना, बिना नोटिफिकेशन ग्रेस मार्क्स देना, मार्क्स और रैंक में गड़बड़ी आदि शामिल हैं। जिसको लेकर आज प्रेस कॉन्फेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता का आयोजन नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) नई दिल्ली कार्यालय में किया गया।
नीट यूजी गड़बड़ी मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अहम बैठक की है। नीट रिजल्ट को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित जिसमें उन्होंने कई सवालों को जवाब दिए। बैठक में पेपर लीक की खबर से लेकर ग्रेस मार्क्स और पहली बार इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना आदि शामलि रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, एनटीए निदेशक ने कहा, “अगर समिति को लगता है कि दोबारा परीक्षा होनी चाहिए, तो हम इसका आयोजन करेंगे।”
दरअसल, नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और कोचिंग टीचर्स NTA पर कई आरोप लगा रहे हैं। कई मामलों में नीट रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है जिसमें पेपर लीक की आशंका, पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना, बिना नोटिफिकेशन ग्रेस मार्क्स देना, मार्क्स और रैंक में गड़बड़ी आदि शामिल हैं। हालांकि एनटीए ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये इनके पीछे की वजह बताई है लेकिन स्टूडेंट्स और एक्सपर्ट्स उससे संतुष्ट नहीं है।
नीट मुद्दे पर एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा, “हमारी कमेटी की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी डिटेल्स देखी गईं। उन्हें पता चला कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर समय की बर्बादी हुई और छात्रों को इसके लिए मुआवजा (compensate) दिया जाना चाहिए. समिति ने सोचा कि वे शिकायतों का समाधान कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं। इसलिए कुछ छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए।”
जांच के लिए कमेटी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि “गड़बड़ी का जो मामला बताया जा रहा है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। हमने एक्सपर्ट कमेटी बनाकर समीक्षा की थी। फिर से एक नई अपर लेवल कमेटी बनाई गई है, जो पहले की कमेटी (ग्रीवांस रीड्रेसल कमेटी) की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।” प्रेस वार्ता में कहा गया है कि “यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।”
सिर्फ 50% उम्मीदवार हुए ग्रेस मार्क्स से पास
शिक्षा सचिव ने कहा कि “1563 उम्मीदवारों को नीट में ग्रेस मार्क्स मिले। इनमें से 790 उम्मीदवार ग्रेस मार्क्स से क्वालिफाई हुए हैं। बाकी सभी के मार्क्स या तो निगेटिव में ही रहे या वो पास नहीं हो सके। ओवरऑल पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। ग्रेस मार्क्स अलग-अलग होता है। आंसरिंग एफिशिएंसी वगैरह के आधार पर।”
एक पिन कोड से 6 टॉपर कैसे?
एक सेंटर से 6 टॉपर वाले सवाल का जवाब देते हुए एजुकेशन सेक्रेटरी ने कहा, “उस सेंटर का एवरेज मार्क्स 235 था। यानी वहां इतने कैपेबल छात्र थे, जो हाई स्कोर कर सकते थे, इसीलिए बिना ग्रेस मार्क्स भी उनका एवरेज मार्क्स ज्यादा था। लेकिन जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई है, उनपर एक्शन लिया जाएगा।”
फिर से होगा नीट 2024 एक्जाम?
शिक्षा सचिव ने कहा है कि “Loss of Time के मानदंड़ के आधार पर कंपेनसेटरी मार्क्स दिए गए हैं। मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का है। कमेटी का जो भी फैसला होगा, वो उन्हीं के लिए लिया जाएगा। अन्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।” हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये भी संकेत दिए गए हैं कि अगर नीट परीक्षा फिर से आयोजित होती है तो सभी केंद्रों पर नहीं होगी। ये सिर्फ 6 सेंटर्स के लिए आयोजित की जाएगी।