पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को निर्धारित समय सुबह साढ़े 9 बजे तक अपने-अपने कार्यालय पहुंचने का मंगलवार को निर्देश दिया। नीतीश ने विकास भवन (नया सचिवालय) और विश्वेश्वरैया भवन का औचक निरीक्षण किया। विश्वेश्वरैया भवन को तकनीकी सचिवालय भी कहा जाता है, यह राज्य की राजधानी पटना शहर के बेली रोड पर स्थित है।
विकास भवन पहुंचने पर नीतीश ने पाया कि कुछ मंत्री अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे, जिनमें चंद्रशेखर (शिक्षा मंत्री), आलोक कुमार मेहता (गन्ना उद्योग मंत्री), समीर कुमार महासेठ (उद्योग मंत्री), शीला कुमारी (परिवहन मंत्री) और कुमार सर्वजीत (कृषि मंत्री) शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने उनकी अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री सुबह साढ़े 9 बजे विकास भवन पहुंचे थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, गन्ना उद्योग, सड़क निर्माण, मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के कक्षों और कार्यालयों का निरीक्षण किया और उनकी उपस्थिति के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री जब राज्य के शिक्षा मंत्री के कक्ष पहुंचे और उन्हें अनुपस्थित पाया, तो उन्होंने तुरंत उनसे फोन पर बात की और सुबह साढ़े 9 बजे कार्यालय नहीं पहुंचने का कारण पूछा। बाद में, मुख्यमंत्री विश्वेश्वरैया भवन पहुंचे। इस भवन में 6 से अधिक विभागीय कार्यालय हैं, जिनमें बिहार राज्य योजना बोर्ड, ग्रामीण कार्य विभाग, सड़क निर्माण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वेश्वरैया भवन में मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यालयों के अंदर जाकर अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद नीतीश ने पत्रकारों से कहा मैं चाहता हूं कि सभी अधिकारी सुबह साढ़े 9 बजे तक अपने-अपने कार्यालय पहुंच जाएं। मेरे निरीक्षण के दौरान जो लोग अनुपस्थित पाए गए, उनसे तुरंत अनुपस्थिति का कारण पूछा गया।
नीतीश ने कहा कि वर्ष 2008 से 2012-13 तक वह नियमित रूप से सुबह साढ़े 9 बजे मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय पहुंच जाते थे। उन्होंने कहा अब, मैंने नियमित आधार पर सरकारी कार्यालयों का दौरा/निरीक्षण करने का फैसला किया है। इससे पहले, 20 सितंबर को मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिवालय का निरीक्षण किया था, जिसमें कैबिनेट सचिवालय, गृह, सामान्य प्रशासन, वित्त, योजना और विकास जैसे प्रमुख विभागों के कार्यालयों के साथ-साथ मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिवों के कार्यालय शामिल थे।