नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्र और शहर-वार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया. परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी के आरोपों का समाधान करने का प्रयास करते हुए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसे नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस निष्कर्ष पर आधारित होना चाहिए कि पूरी प्रक्रिया की शुचिता प्रभावित हुई है.
22 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
शीर्ष अदालत 5 मई को आयोजित प्रतिष्ठित परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को फिर से सुनवाई शुरू करेगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कही ये बात
दिन भर चली सुनवाई के दौरान पीठ ने अभ्यर्थियों के वकीलों से परीक्षा के आयोजन में व्यापक उन अनियमितताओं के बारे में अपना दावा साबित करने को कहा, जिसमें प्रश्नपत्र लीक होना भी शामिल है, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की आवश्यकता हो.अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी तथा गुजरात के गोधरा में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है.
पटना और हजारीबाग में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए, जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित कराने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की OMR शीट भरने के लिए पैसे लिए.
प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर पीठ ने उठाए सवाल
सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा, ”आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि ऐसा करने का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर दिखावा करना नहीं था.लोगों ने यह पैसे के लिए किया. इसलिए, यह परीक्षा को बदनाम करने के लिए नहीं था और कोई व्यक्ति पैसे कमाने के लिए ऐसा कर रहा था जो स्पष्ट है.बड़े पैमाने पर लीक के लिए उस स्तर पर संपर्कों की भी आवश्यकता होती है ताकि आप विभिन्न शहरों में ऐसे सभी प्रमुख संपर्कों से जुड़ सकें.”