Sunday, November 24, 2024
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आखिर क्या है प्रिगोझिन की मौत का सच?

पुतिन को चुनौती देने वाले की संदिग्ध मौत खड़े कर रही कई सवाल

लॉस एंजिलिस। रूस में निजी सैन्य बल ‘वैग्नर समूह’ के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मौत की खबरें कई सवाल खड़े कर रही है। प्रिगोझिन की जिंदगी का सफर काफी रोचक और अनोखा रहा। वहीं उनकी मौत भी काफी रहस्यमयी रही है। माना जा रहा है कि उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विरोध करने का अंजाम भुगतना पड़ा है।

कभी मामूली अपराधी थे प्रिगोझिन

साधारण शुरुआत करने वाले प्रिगोझिन कभी एक मामूली अपराधी हुआ करते थे, लेकिन सोवियत संघ की जेल में नौ साल की सजा काटने के बाद वह खान-पान की वस्तुएं बेचने वाले कारोबारी बन गए और बाद में धीर-धीरे रेस्तरां की श्रृंखला का संचालन करने लगे। वैग्नर समूह का गठन करने वाले प्रिगोझिन को रूसी सरकार का करीबी माना जाता रहा है। वैग्नर लड़ाकों ने यूक्रेन में रूस की तरफ से लड़ाई लड़ी, लेकिन रूसी सरकार के युद्ध लड़ने के तौर-तरीकों और वैग्नर लड़ाकों के मारे जाने की खबरों के बीच प्रिगोझिन ने कुछ महीने पहले रूसी सरकार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी।

कर दिया था बगावत का ऐलान

सैन्य रणनीति के संबंध में प्रिगोझिन की शिकायतों में विशेष रूप से रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु पर निशाना साधा गया था। जून में, प्रिगोझिन ने रूस की सरकार के खिलाफ बगावत का ऐलान करते हुए वैग्नर लड़ाकों को मॉस्को की ओर मार्च का आदेश दिया था। हालांकि मॉस्को में बुधवार को एक विमान दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई और माना जा रहा है कि मृतकों में निजी सैन्य समूह ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन भी शामिल हैं। दुर्घटना के समय प्रिगोझिन 62 वर्ष के थे।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रिगोझिन के संबंध

एक समय था जब प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता था। क्रेमलिन में उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं और पुतिन द्वारा उनके रेस्तरां में भोजन करने के दौरान प्रिगोझिन से नजदीकी के कारण ही उन्हें ‘पुतिन का शेफ’ कहा जाता था। जून में, जब प्रिगोझिन ने मॉस्को के खिलाफ बगावत शुरू की तो उन्हें एहसास हुआ होगा कि वह अपनी सार्वजनिक आलोचना से बहुत आगे निकल चुके हैं। सर्गेई सुरोविकिन, एकमात्र जनरल जिनकी वह प्रशंसा करते हैं, ने एक वीडियो संदेश जारी कर प्रिगोझिन को बगावती सुर छोड़ने और पुतिन की ‘आज्ञा मानने’ के लिए कहा था। इसके बाद प्रिगोझिन ने जल्द ही वैग्नर लड़ाकों के मार्च को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि वह ‘रूसी खून’ नहीं बहाना चाहते हैं। इसके बाद, प्रिगोझिन ने कहा था कि बेलारूस में उनके संभावित निर्वासन से पहले उन्होंने पुतिन से मुलाकात की थी।

ये कोई पहली घटना नहीं

प्रिगोझिन की मौत कई सवाल खड़े कर रही है। माना जा रहा है कि प्रिगोझिन को अंततः ​पुतिन का विरोध करने का अंजाम भुगतना पड़ा है। क्योंकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब पुतिन के किसी विरोधी या आलोचक की रहस्यमय मौत हुई है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इस सूची में रूसी भौतिक विज्ञानी, राजनीतिज्ञ और पुतिन के आलोचक बोरिस नेमत्सोव शामिल हैं, जिनकी 2015 में हत्या कर दी गई थी। इसी तरह, रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी, जो 2020 में कथित तौर पर पुतिन द्वारा जहर दिए जाने की साजिश रचने के बाद से जेल में हैं।

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